मध्य प्रदेष में साम्प्रदायिकता की चिन्गारियांे के भड़कने के आसार दिख रहे हैं।
सहारनपुर उत्तर प्रदेष के दंगों में पूर्ण प्रदेष में हाई एलर्ट लागू कर दिया था। इसी तरह मध्य प्रदेष मं खंडवा,पंधाना और हरसूद मंे मध्य प्रदेष पुलिस और स्थानीय प्रषासन में आपसी सूझबूझ से सांप्रदायिकता की आग को भड़कने और फेलने से पहले रोकने के लिये त्वरित कार्यवाही की गई अब उपद्रवग्रस्त शहरों ओैर कस्बांे मंे शांति है।
पुलिस थानों मं भुक्त भोगी की षिकायत पर ध्यान नहीं दिया जाता। भोपाल में युवती ने पुलिस कार्यवाही न करने पर तालाब में कूदकर आत्महत्या की कोषिष की जब राजधानी के यह हाल हैं तो प्रदेष के ग्रामीण जिलों की गरीब युवतियों और बच्चियों की प्रदेष मंे अन्य जिलों तहसीलों और छोटे कस्बों में पुलिस संवेदनषीलता रखने क्या उम्मीद की जा सकती है।
राजधानी के के थानों में रिपोर्ट नहीं लिखी जाती। अनेक अतिक्रमण संबंधी मामलांे में लिखित आवेदन देने पर पुलिस कर्मी द्वारा कह दिया जाता है और महिनांे सालांे बीत जाने के बाद भी उचित कार्यवाही न कर खानापूर्ति कर दी जाती है। षिकायतकर्ता की षिकायत बढ़ती जाती है और एस पी आई जी डी आई जी गृह मंत्री मुख्य सचिव लिखित षिकायती पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं होती। थानों मंे दबंग बिल्डर्स अतिक्रमण भूमाफिया धनबल पुलिसकर्मियों को अपने मनमाफिक रिपोर्ट मनवा लेते हैं।
सहारनपुर उत्तर प्रदेष के दंगों में पूर्ण प्रदेष में हाई एलर्ट लागू कर दिया था। इसी तरह मध्य प्रदेष मं खंडवा,पंधाना और हरसूद मंे मध्य प्रदेष पुलिस और स्थानीय प्रषासन में आपसी सूझबूझ से सांप्रदायिकता की आग को भड़कने और फेलने से पहले रोकने के लिये त्वरित कार्यवाही की गई अब उपद्रवग्रस्त शहरों ओैर कस्बांे मंे शांति है।
पुलिस थानों मं भुक्त भोगी की षिकायत पर ध्यान नहीं दिया जाता। भोपाल में युवती ने पुलिस कार्यवाही न करने पर तालाब में कूदकर आत्महत्या की कोषिष की जब राजधानी के यह हाल हैं तो प्रदेष के ग्रामीण जिलों की गरीब युवतियों और बच्चियों की प्रदेष मंे अन्य जिलों तहसीलों और छोटे कस्बों में पुलिस संवेदनषीलता रखने क्या उम्मीद की जा सकती है।
राजधानी के के थानों में रिपोर्ट नहीं लिखी जाती। अनेक अतिक्रमण संबंधी मामलांे में लिखित आवेदन देने पर पुलिस कर्मी द्वारा कह दिया जाता है और महिनांे सालांे बीत जाने के बाद भी उचित कार्यवाही न कर खानापूर्ति कर दी जाती है। षिकायतकर्ता की षिकायत बढ़ती जाती है और एस पी आई जी डी आई जी गृह मंत्री मुख्य सचिव लिखित षिकायती पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं होती। थानों मंे दबंग बिल्डर्स अतिक्रमण भूमाफिया धनबल पुलिसकर्मियों को अपने मनमाफिक रिपोर्ट मनवा लेते हैं।