Tuesday, December 2, 2014

magnificent file photo of erstwhile Bhopal State's Sadar Manzil (Soni's Collection photo shared by Ameen Qureshi)

 magnificent file photo of erstwhile Bhopal State's Sadar Manzil 
(Soni's Collection photo shared by Ameen Qureshi)

Wednesday, November 19, 2014

belapur

बिलासपुर और यही वे गांव हैं जहां गरीब महिलाओं की निशुल्क नसबंदी शिविर में इन पंक्तियों के लिखे जाने तक १३ महिलाओं की मृत्यु हो चुकी है और ५० की हालत गंभीर है. छह घंटे में ८३ आपरेशन कर डालने वाले डाक्टर को इसी साल के गणतंत्र दिवस पर १००.००० (एक लाख) नसबंदी सर्जरी का रिकार्ड बनाने के लिए सरकार पुरस्कृत कर चुकी है., उसी तरह, जिस तरह सोनी सोरी के गुप्तांग में गिट्टी-पत्थर भरने वाले पुलिस अफ़सर को किसी और गणतंत्र दिवस पर शौर्य-सम्मान दिया जा चुका है.
लेकिन आप-हम सब देखेंगे, बल्कि देखते ही रहिये, कि छत्तीसगढ़ की यह घटना राष्ट्रीय स्तर पर किसी बड़ी चिंता या बौद्धिक विमर्श का मसला नहीं बनेगी. यह तो शासकीय स्वास्थ्य सेवा की एक मामूली ‘भूल’ या ‘लापरवाही’ भर है.
स्त्री के अपमान की जो घटना दिन रात टीवी चैनलों से लेकर अखबारों के पन्नों पर विचारोत्तेजक बहस का मुद्दा कुछ दिनों तक बनेगी, वह है अली गढ़ मुस्लिम वि.वि. के वाइस चांसलर का एक बयान.
वाइस चांसलर का एक वाक्य इसी देश की १३ महिलाओं की मौत से बहुत बड़ा बौद्धिक विषय है, क्योंकि वह वाक्य ही अकेला ‘स्त्री’ के प्रति अपमानजनक है.
बाकी और कुछ भी नहीं.


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Saturday, November 15, 2014

डियन फेडरेषन आॅफ वर्किंग जर्नलिस्ट की राष्ट्रीय कार्य परिषद की बैठक लखनऊ में

इंडियन फेडरेषन आॅफ वर्किंग जर्नलिस्ट की राष्ट्रीय कार्य परिषद की बैठक लखनऊ में
भोपाल। इंडियन फेडरेषन आॅफ वर्किंग जर्नलिस्ट की राष्ट्रीय कार्य परिषद की बैठक 17 एवं 18 नवबंर को लखनऊ उत्तर प्रदेष में आयोजित की गई है। इस संबंध में इंडियन फेडरेषन आॅफ वर्किंग जर्नलिस्ट के सेक्रेट्री जनरल श्री परमानंद पांडे के अनुसार 17 एवं 18 नवंबर को उत्तर प्रदेष की राजधानी लखनऊ के गांधी भवन में परिषद के 68वें सत्र की शुरूआत होगी। दो दिन तक चलने वाले इस सत्र में पत्रकारों से जुड़े विभिन्न मुद्दों व समस्याओं पर सोषल मीडिया,पत्रकारिता,मजिठिया वेतन आयोग आदि विषयों पर चर्चा होगी और प्रत्येक राज्य इकाई से राष्ट्रीय परिषद के सदस्य ही भाग लेने के पात्र होंगे।
इंडियन फेडरेषन आॅफ वर्किंग जर्नलिस्ट से संबद्ध वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन भोपाल की कार्यकारणी की आवष्यक बैठक राजंेद्र कष्यप की अध्यक्षता में हुई जिसमें राष्ट्रीय पर्रिषद की आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेष इकाई की और से श्री दिनेषचंद्र वर्मा अध्यक्ष एवं संयोजक प्रदेष स्तरीय सदस्यता अभियान समिति के संयोजक सतीष सक्सेना वरिष्ठ कार्यकारी अध्यक्ष विष्वेष्वर शर्मा एवं राजेष विष्वकर्मा के नेतृत्व में लखनऊ की बैठक में मध्य प्रदेष का प्रतिनिधित्व करेंगे। भोपाल इकाई की कार्यकारणी की बैठक मंे महासचिव जवाहर सिंह कोषाध्यक्ष अनिल षर्मा को भोपाल से भाग लेंगे। प्रदेष के विभिन्न जिला इकाईयांे के प्रतिनिधि उपस्थित होंगे।
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infarmtion

मप्र सरकार ने सूचना आयुक्तों की राजशाही सुविधाओ की मांग को ठुकरा कर कचरे की टोकरी में डाल दिया है। जरा ध्यान से देखिये इन साहबो की मांगो को जो ये नियुक्ति के केवल 6 महीनो में ही सरकार के समक्ष लेकर गए थे। यदि ये साहब लोग इतनी मेहनत जनता को समय पर जानकारी दिलवानें और बड़े आरोपियों को सजा दिलवाने पर करते तो बेहतर होता।

Thursday, November 6, 2014

वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राधाल्लभ शारदा द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखा गया पत्र

वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राधाल्लभ शारदा द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखा गया पत्र


प्रति,
श्री शिवराज सिंह चौहान
मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश
भोपाल

विषय : प्रदेश के पत्रकारों में असंतोष एवं सरकार के प्रति आक्रोश।

महोदय,
भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र एवं राज्य सरकारें आम जनता के हितों को ध्यान में रखकर अच्छे निर्णय ले रही है और ये सारे निर्णय भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र के अनुसार है। यहां तक तो सब ठीक है परन्तु सरकार एवं संगठन द्वारा लिये गये निर्णयों एवं कार्यों को आम जन तक पहुंचाने वाले पत्रकार एवं छोटे समाचार पत्र मध्यप्रदेश सरकार के जनसम्पर्क विभाग के अधिकारियों की तानाशाही के शिकार हो रहे है। अधिकारी वर्ग पत्रकारों एवं छोटे समाचार पत्रों को अपनी तानाशाही से उद्वेलित कर भाजपा एवं सरकार के प्रति असंतोष उत्पन्न कर रहे है। 

जनसम्पर्क विभाग द्वारा किये जा रहे कार्य :-

1. विधानसभा चुनाव के पूर्व भाजपा के घोषणा पत्र में अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को लेपटॉप देने की बात कही थी। विभाग को इस मद में 12 करोड़ मिल चुके है। परन्तु विभाग के अधिकारियों ने लेपटॉप देने के लिये जो नियम एवं शर्तें रखी है जो अनुचित है। घोषणा पत्र में नियम एवं शर्तों का कहीं कोई उल्लेख नहीं है। विभाग द्वारा रखे नियम एवं शर्तों से ऐसा लगता है कि पत्रकारों को विभिन्न श्रेणी में बांटा गया। मुझे लगता है कि अंग्रेजों की नीति ‘फूट डालो राज करो’ का पालन किया जा रहा है। 

2. छोटे समाचार पत्रों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। जहां सरकार छोटे उद्योगों को प्रदेश में बरियता देते हुए प्रोत्साहित कर रही है। वहीं आम जन एवं सरकार के मध्य सेतू का काम करने वाले समाचार पत्रों के लिये विज्ञापन देने में कटौती कर दी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने तो यहां तक कह दिया कि ‘समाचार पत्रों को विज्ञापन क्यों दे उनसे क्या लाभ’ का सीधा-सीधा अर्थ है कि अब सरकार को चलाने वाले अधिकारी जिनके परिवार एवं उनका पेट भरने, मौज-मस्ती के लिये जो वेतन एवं भत्ते प्रतिमाह मिलते है वो आम जनता से टैक्स के रूप में प्राप्त धन से दिये जाते है। नौकरी करने वाला व्यक्ति नौकर होता है परन्तु म.प्र. के जनसम्पर्क विभाग के अधिकारी अपने आप को मालिक समझ कर मनमाने निर्णय ले रहे है। 

3. जनसम्पर्क विभाग ने अधिमान्यता नियमों में संशोधन कर जटिल कर दिये है। पत्रकार को अधिमान्यता से रेलवे द्वारा 50 प्रतिशत किराये पर यात्रा का अधिकार मिलता है। अधिमान्यता कार्ड दिखाने पर वाहन का टोल टैक्स नहीं लगता तथा उसे कार्ड दिखाने पर मंत्रालय में प्रवेश हेतु पास नहीं बनवाना पड़ता है। विभाग द्वारा मात्र एक कार्ड दिया जाता है। 

4. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के हवाला देते हुए जिन शासकीय आवासों में पत्रकार निवासरत है उन्हें खाली कराने का मन बना लिया है। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के समय कुछ पत्रकारों को शासकीय आवास आवंटित किये तब सरकारी अफसरों ने क्या सुप्रीम कोर्ट की अवमानना नहीं की। प्रदेश की आबादी के साथ-साथ समाचार पत्र एवं पत्रकारों की संख्या में भी वृद्धि हुई उस अनुपात में पत्रकारों के लिये शासकीय आवास का कोटा भी बढ़ाना था जो नहीं हुआ। 

5. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार समाचार पत्रों में कार्यरत पत्रकारों को वेज बोर्ड के अनुसार वेतन मिलना चाहिये परन्तु इस ओर भी सरकारी अफसरों का ध्यान नहीं है। सरकार के श्रम विभाग के पास पत्रकारों एवं अन्य कर्मचारियों के आंकड़ें भी नहीं है कि किस समाचार पत्र में कितने पत्रकार और अन्य कर्मचारी कार्यरत है। 
सरकारी तंत्र भाजपा एवं सरकार के प्रति पत्रकारों एवं छोटे समाचार पत्र मालिकों में असंतोष की भावना फैलाने का कार्य कर रहा है। अत: हमारा आग्रह है कि पत्र के प्रत्येक बिन्दु की समीक्षा एक उच्च स्तरीय कमेटी से कराई जाए उस कमेटी में श्रम विभाग में पंजीयत पत्रकार संगठन के सदस्यों को रखा जाए। जब तक समीक्षा होकर निर्णय नहीं होता तब तक पुराने नियमों एवं घोषणा पत्र का पालन किया जाए। 
धन्यवाद,

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Tuesday, November 4, 2014

पत्रकार संचार कल्याण समिति का गठन

पत्रकार सं

पत्रकार संचार कल्याण समिति का गठन

 

भोपाल : सोमवार, नवम्बर 3, 2014, 17:35 IST
 
राज्य शासन ने पत्रकारों को आर्थिक सहायता देने के लिये मध्यप्रदेश पत्रकार संचार कल्याण समिति का गठन किया है। यह समिति आदेश जारी होने की दिनांक से दो वर्ष तक प्रभावशील रहेगी।
समिति के निम्न सदस्य होंगे श्री अरूण चौहान दैनिक पत्रिका भोपाल, श्री मनीष दीक्षित दैनिक भास्कर भोपाल, श्री रंजन श्रीवास्तव हिन्दुस्तान टाइम्स भोपाल, श्री वीरेन्द्र शर्मा सहारा समय भोपाल, श्री रवीन्द्र वाजपेयी म.प्र. हिन्दी एक्सप्रेस जबलपुर, श्री लोकेन्द्र पाराशर स्वदेश ग्वालियर, श्री प्रवीण खरीवाल अध्यक्ष प्रेस क्लब इंदौर, श्री ब्रजेश राजपूत एबीपी न्यूज भोपाल, श्रीमती दीप्ति चौरसिया इंडिया न्यूज भोपाल, श्री रामबिहारी मिश्र दैनिक जागरण रीवा, श्री पवन शर्मा नवभारत सागर, श्री अमित जैन आज तक भोपाल, श्री आशीष चौबे पी-7 भोपाल, श्री गिरीश उपाध्याय स्वतंत्र पत्रकार भोपाल, श्री धनंजय प्रताप सिंह नवदुनिया भोपाल, सुश्री सुचांदना गुप्ता टाइम्स ऑफ इंडिया भोपाल, श्री प्रभु पटेरिया न्यूज एक्सप्रेस भोपाल, श्री देवेश कल्याणी प्रदेश टुडे भोपाल, श्री जगदीप सिंह बैस नया इंडिया भोपाल, श्री मयंक चतुर्वेदी हिन्दुस्तान समाचार भोपाल, श्री पी. सुंदरराजन द हिन्दू, श्री अनुराग उपाध्याय इंडिया टीवी भोपाल, श्री दीपक शर्मा प्रतिवाद डॉट कॉम भोपाल और श्री महेन्द्र गगन साप्ताहिक पहले-पहल भोपाल।

चार कल्याण समिति का गठन

Wednesday, August 6, 2014

मध्य प्रदेष में साम्प्रदायिकता की चिन्गारियांे के भड़कने के आसार दिख रहे हैं।

मध्य प्रदेष में साम्प्रदायिकता की चिन्गारियांे के भड़कने के आसार  दिख रहे हैं।
सहारनपुर उत्तर प्रदेष के दंगों में पूर्ण प्रदेष में हाई एलर्ट लागू कर दिया था। इसी तरह मध्य प्रदेष मं खंडवा,पंधाना और हरसूद मंे मध्य प्रदेष पुलिस और स्थानीय प्रषासन में आपसी सूझबूझ से सांप्रदायिकता की आग को भड़कने और फेलने से पहले रोकने के लिये त्वरित कार्यवाही की गई अब उपद्रवग्रस्त शहरों ओैर कस्बांे मंे शांति है।
पुलिस थानों मं भुक्त भोगी की षिकायत पर ध्यान नहीं दिया जाता। भोपाल में युवती ने पुलिस कार्यवाही न करने पर  तालाब में कूदकर आत्महत्या की कोषिष की जब राजधानी के यह हाल हैं तो प्रदेष के ग्रामीण जिलों की गरीब युवतियों और बच्चियों की प्रदेष मंे अन्य जिलों तहसीलों और छोटे कस्बों में पुलिस संवेदनषीलता रखने क्या उम्मीद की जा सकती है।
राजधानी के के थानों में रिपोर्ट नहीं लिखी जाती। अनेक अतिक्रमण संबंधी मामलांे में लिखित आवेदन देने पर पुलिस कर्मी द्वारा कह दिया जाता है और महिनांे सालांे बीत जाने के बाद भी उचित कार्यवाही न कर खानापूर्ति कर दी जाती है। षिकायतकर्ता की षिकायत बढ़ती जाती है और एस पी आई जी डी आई जी गृह मंत्री मुख्य सचिव लिखित षिकायती पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं होती। थानों मंे दबंग बिल्डर्स अतिक्रमण भूमाफिया धनबल पुलिसकर्मियों को अपने मनमाफिक रिपोर्ट मनवा लेते हैं।

Tuesday, July 29, 2014

बैंक में भ्रष्टाचार की पोल खाेली तो पत्रकार को जान से मारने का प्रयास

news

नों गणेशशंकर विद्यार्थी संचयन नामक पुस्तक पढ़ रहा हूं..इसमें विष्णुदत्त शुक्ल की 1 मई सन 1930 में प्रकाशित पुस्तक ..पत्रकार कला.. की भूमिका में श्री विद्यार्थीजी ने जो लिखा था, जो चिंता व्यक्त की थी, वह आज कितने विकराल रूप में सामने आ रही है, इसे समझा जा सकता है..फेसबुक पर अपने पत्रकार साथियों के लिए यह लिख रहा हूं...
श्री विद्यार्थीजी लिखते हैं....जिन लोगों ने पत्रकार कला को अपना काम बना रखा है, उनमें बहुत कम ऐसे लोग हैं जो अपनी चिंताओं को इस बात पर विचार करने का कष्ट उठाने का अवसर देते हों कि हमें सच्चाई की भी लाज रखनी चाहिए. केवल अपनी मक्खन-रोटी के लिए दिन भर में कई रंग बदलना ठीक नहीं है. इस देश में भी दुर्भाग्य से समाचार पत्रों और पत्रकारों के लिए यह मार्ग बनता जाता है. हिन्दी पत्रों के सामने भी यह लकीर खिंचती जा रही है. यहां भी अब बहुत से समाचार पत्र सर्वसाधारण के कल्याण के लिए नहीं रहे. सर्वसाधारण प्रयोग की वस्तु बनते जा रहे हैं...एक समय था, जब इस देश में साधारण आदमी सर्वसाधारण के हितार्थ एक ऊंचा भाव लेकर पत्र निकालता था और उस पत्र को जीवन क्षेत्र में स्थान मिल जाया करता था. आज वैसा नहीं हो सकता. आपके पास जबर्दस्त विचार हों और पैसा न हो और पैसे वालों का बल न हो तो आपके विचार आगे फैल नहीं सकेंगे. आपका पत्र न चल सकेगा. इस देश में भी समाचार पत्रों का आधार धन हो रहा है. धन से ही वे निकलते हैं. धन ही के आधार पर वे चलते हैं और बड़ी वेदना से साथ कहना पड़ता है कि उनमें काम करनेवाले बहुत से पत्रकार भी धन ही की अभ्यर्थना ही करते हैं. अभी यहां पूरा अंधकार नहीं हुआ है, किन्तु लक्षण वैसे ही हैं. कुछ ही समय पश्चात यहां के समाचार पत्र भी मशीन के सहारे हो जाएंगे और उनमें काम करने वाले पत्रकार केवल मशीन के पुर्जे. व्यक्तित्व नहीं रहेगा. सत्य और असत्य का अंतर न रहेगा.अन्याय के विरुद्ध डट जाने और न्याय के लिए आफतों को बुलाने की चाह न रहेगी, रह जाएगा केवल ऊंची लकीर पर चलना.

बैंक में भ्रष्टाचार की पोल खाेली तो पत्रकार को जान से मारने का प्रयास

Monday, July 28, 2014

बैंक में भ्रष्टाचार की पोल खाेली तो पत्रकार को जान से मारने का प्रयास

उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन

उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की ओर से आज मथुरा में आयोजित पत्रकारों की ज्वलंत समस्याओं के प्रति प्राशसनिक नजरिया विषय पर संगोष्ठी में बोलते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि मीडिया पर पूंजीपतियों ने कब्जा कर लिया है और वे श्रमजीवी पत्रकारों का शोषण करते हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकारों ने पत्रकारों को जितना सम्मान दिया उतना किसी और सरकार ने नहीं दिया लेकिन ताली दोनो हाथों से बजती है। उन्होंने कहा कि मीडिया सरकार के अच्छे कामों को भी सामने लाए। श्री यादव ने स्वास्थ्य, आवास और सुरक्षा, मान्यता समिति के गठन संबंधी मांगों को उचित ठहराते हुए उन्हें पूरा कराने का आश्वासन दिया।

इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफ़डब्लूजे) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के विक्रम राव ने कहा कि पूंजी और श्रम के बीच संतुलन होना चाहिए लेकिन आज थैलीशाह मीडिया को नियंत्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में मीडिया का पक्षपात पूर्ण रवैया बढ़ गया है। इस सिलसिले में उन्होंने उत्तराखंड उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार की खबरों के मीडिया में दबाए जाने का जिक्र किया। श्री राव ने मीडिया से संबंधित समितियों में पत्रकारों के संगठनों को नजरअंदाज कर लोगों के नामांकन पर प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को मानना चाहिए।

सूचना आयुक्त अरविंद सिंह बिष्ट ने पत्रकार बंधु को पुर्नजीवित करने की यूनियन की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि मीडिया को खबरों में विश्वसनीयता बनाए रखना चाहिए। प्रदेश में दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री सीपी राय ने भी विश्वसनीयता का सवाल उठाते हुए कहा कि मीडिया एक सरकार के खिलाफ कुछ नजरिया रखता है जबकि दूसरी सरकार के लिए कुछ और।

वरिष्ठ पत्रकार विनीत नारायण ने कहा कि पत्रकारिता आज व्यवसाय हो गयी है इसके चलते स्वतंत्र पत्रकारिता का अस्तित्व खत्म हो गया है। आईएफडब्लूजे महासचिव परमानंद पांडे ने कहा अगर पत्रकारिता व्यवसाय है तो इसमें लगे श्रमिकों की समस्याओं का निराकरण करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अगर श्रम कानूनों का ईमानदारी से पालन करा दिया जाए तो समस्याओं का अपने आप निराकरण हो जाएगा।

समाजवादी चिंतक दीपक मिश्रा ने कहा कि राजनीति और पत्रकारिता एक दूसरे का पर्याय हैं। बार काउंसिल के पूर्व चेयरमैन टीपी सिंह, विधायक रघुराज शाक्य ने भी अपने विचार रखे।

उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी ने पत्रकारों की मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के सचिव सिद्धार्थ कलहंस ने विषय प्रवर्तन किया। आईएफडब्लूजे कोषाध्यक्ष श्यामबाबू ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम में श्यामलला सिंह, नोयडा से रिंकू यादव, अभिमन्यू पांडे. इखबाल चौधरी, शाहजहांपुर से अमित गुप्ता, कमल, झांसी से विकास शर्मा सहित सैकड़ों श्रमजीवी पत्रकारों ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम के आयोजक व श्रमजीवी पत्रकार यूनियन आगरा मंडल के अध्यक्ष संतोष चतुर्वेदी ने सभी आगंतुकों को प्रतीक चिन्ह भेंट किया। संतोष चतुर्वेदी ने आगरा मंडल के पत्रकारों की समस्याओं से संबोधित ज्ञापन भी सौंपा।

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Saturday, July 26, 2014



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Wednesday, July 16, 2014

भोपाल के मध्य में तंत्र की देवी विजया मां का मंदिर बनाया जायेगा।

भोपाल के मध्य में तंत्र की देवी विजया मां का मंदिर बनाया जायेगा।
भोपाल।  मध्यप्रदेष मंे भारतीय जनता पार्टी के देष में चुनाव अभियान के प्रारंभ होने से भाजपा के शीर्ष नेताओं ने भोपाल मंे आयोजित कार्यकर्ता कुंभ  के अवसर पर प्रदेष के लाखां कार्यकर्ताओं न भाजपा पार्टी के प्रदेष और देष में विजय का संकल्प लिया उस दिन से राजा भोज की नगरी से प्रारंभ प्रचार देष मंे तेजी से चल पडा और भाजपा के विजय रथ ने प्रदेष ही नहीं अपितु देष में भाजपा को पूर्ण बहुमत से विजयश्री  साथ ही मध्य प्रदेष में भाजपा पार्टी ने षिवराज सिंह के नेतृत्व मंेे हेट्रिक लगाते हुए मध्यप्रदेष  तीसरी बार विजयश्री  प्राप्त की और  8 दिसंबर 2013 को भोपाल के भाजपा के कार्यकर्ता और समर्थको ने एक बैठक आयोजित कर भोपाल मध्य में तंत्र विद्य़ा की अधिष्ठात्री देवी विजया देवी के मंदिर स्थापना का संकल्प लिया गया।
विधान सभा चुनाव के पश्चात लोक सभा चुनाव में भी भाजपा कार्यकर्ताओं के विजय संकल्प के साथ चुनाव प्रचार में देष और प्रदेष में जागने से देष में भाजपा की सरकार बन गई। इस ऐतिहासिक अवसर की स्मृति में भोपाल के मध्य एक भव्य मंदिर तंत्र की देवी एवं भगवान रामचन्द्र की आराध्य देवी विजया का मंदिर निर्माण का संकल्प लिया गया है। इस संबंध में कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है।  इस संबंध मंे सुझाव देने की लिये मंदिर निर्माण समिति के राजेंद्र कष्यप के मोबाईल नं 9753041701 पर संपर्क किया जा सकता 

Sunday, July 13, 2014

Saturday, July 12, 2014

Tuesday, July 8, 2014

भोपाल 8 जुलाई 2014।  बिल्डर्स नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों और तलैया थाना एस पी डी आई जी भोपाल की लापरवाही से शहर के बीचोंबीच वार्ड 20  के तलैया रोड ईब्राहीम पुरा के खुले प्लाट के कुछ भाग एवं आपचक सहित  शासकीय गली पर अवैध रूप से कब्जा कर तीन मंजिल बिल्डंग पर फलैट बनाकर बेचा जा रहा है। यह सब आयुक्त नगर निगम, जिलाधीश भोपाल को लगातार शिकायत करने के बावजूद  हो रहा है। संबंधित अधिकारी इस बाबत कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं। नगर निगम की गली पर कब्जा किये जाने की शिकायत फरियादी द्वारा बार बार किये जाने के बाद भी नगर निगम के अधिकारियों द्वारा कार्यवाही न की जाना अधिकारियों की मिलीभगत माना जा सकता है।
व्यापम से भी बडे़ बड़े घोटाले नगर निगम के अनुज्ञा शाखा में हो रह हैं जोकि नगर निगम आयुक्त विशेष गढ़पाले के रोकने के बावजूद भी रूक नहीं पाते। इस संबंध में सीटी प्लानर, भवन अनुज्ञा शाखा के प्रमुख अमित गजभिये से सूचना के अधिकार के माध्यम से  जानकारी चाही गई थी जो कि दो वर्षां में आज तक नहीं दी गई है। मुख्य सूचना आयुक्त को प्रकरण भेजा गया, वहां बताया गया कि यहां भी दो साल के प्रकरण बिना सुनवाई के पड़े हैं, जल्दी कोई भी कार्यवाही नहीं की जा सकती है।
भोपाल नगर निगम के आयुक्त विशेष गढ़पाले निगम के भवन अनुज्ञा शाखा में आंन लाईन परमिशन लागू करना चाहते हैं, परंतु भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी उसमें रूकावट डालते हैं कयोंकि उनके कमाई साधन बंद हो जायेंगे। भोपाल नगर निगम के कुछ क्लर्क, इंजिनियर और अधिकारी करोड़पति बन गये हैं। मेरी जमीन पर अतिक्रमण हटाने के लिये मुझसे रिश्वत मांगी जा रही है। असामाजिक तत्व अतिक्रमणकारी मुख्यतः बदमाश मुख्तार मलिक का रिश्तेदार और सिमी का गुर्गा होने की धमकी देता है। भोपाल पुलिस भी कोई कार्यवाही नहीं करना चाहती। अब भोपाल भी भ्रष्टाचार का प्रमुख केन्द्र बन गया है। 
इस भ्रष्टाचार से तंग आकर मजबूर प्लाट स्वामी विधान सभा के चलते आत्म दाह करने को तैयार है।


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Sunday, July 6, 2014

बल्डर्स ने वरिष्ठ पत्रकार क प्लाट पर दबंगाई भ्रष्ट अधिकारी/कर्मचारियां की मिली भगत से कब्जा किया

बल्डर्स ने वरिष्ठ पत्रकार क प्लाट पर दबंगाई भ्रष्ट अधिकारी/कर्मचारियां की मिली भगत से कब्जा किया

भोपाल। बिल्डर्स नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों और तलैैया थाना एस पी डी आई जी भोपाल की लापरवाही से शहर के बीचोंबीच वार्ड 20  के तलैया रोड ईब्राहीम पुरा के खुले प्लाट के कुछ भाग एवं आपचक सहित  शासकीय गली पर अवैध रूप से कब्जा कर तीन मंजिल बिल्डंग पर फलैैैट बनाकर बेेेेेेेेचा जा रहा है। यह सब आयुक्त नगर निगम, जिलाधीश भोपाल को लगातार शिकायत करनेेेेे के बावजूद  हो रहा है। संबंधित अधिकारी इस बाबत कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं। नगर निगम की गली पर कब्जा किये जाने की शिकायत फरियादी द्वारा बार बार किये जाने के बाद भी नगर निगम के अधिकारियों द्वारा कार्यवाही न की जाना अधिकारियांेेेें की मिलीभगत माना जा सकता है।

व्यापम से भी बडे़ बड़े घोटाले नगर निगम के अनुज्ञा शाखा में हो रह हैं जोकि नगर निगम आयुक्त विशेष गढ़पाले के रोकने के बावजूद भी रूक नहीं पाते। इस संबंध में सीटी प्लानर, भवन अनुज्ञा शाखा के प्रमुख अमित गजभिये से सूचना के अधिकार के माध्यम से  जानकारी चाही गई थी जो कि दो वर्षांे मंे आज तक नहीं दी गई है। मुख्य सूचना आयुक्त को प्रकरण भेजा गया,वहां बताया गया कि यहां भी दो साल के प्रकरण बिना सुनवाई के पड़े हैं, जल्दी कोई भी कार्यवाही नहीं की जा सकती है।

इस भ्रष्टाचार से तंग आकर मजबूर प्लाट स्वामी विधान सभा के चलते आत्म दाह करने को तैयार है।

Wednesday, June 25, 2014

आई एफ डब्ल्यू जे से संबंद्ध भोपाल वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की नई सदस्यता प्रारंभ की जावेगी।

आई एफ डब्ल्यू जे से संबंद्ध भोपाल वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की नई सदस्यता प्रारंभ की जावेगी।

भोपाल। 25/06/2014। इंडियन फेडरेशन  आफ वर्किंग जर्नलिस्ट से संबंद्ध वर्किगं जर्नलिस्ट यूनियन भोपाल के अध्यक्ष राजेंन्द्र कश्यप की

अध्यक्षता में एम आई जी 11/4 गीतांजली काम्पलेक्स स्थित निवास पर एक आपात बैठक आयोजित की गई। जिसमंे सर्व सहमति से निर्णय लिया

गया कि मालवीय नगर स्थित पत्रकार भवन समिति रजिस्टर्ड क्रमांक 1638/70 के विधान में किसी भी तरह का संशोधन नहीं करने दिया जायेगा।

पुराने /वर्तमान सदस्यों से  पुनः सदस्यता फार्म भरवाया जायेगा। इसके लिये 1 जुलाई से नई सदस्यता अभियान भी शुरू किया जावेगा। बैठक का

संचालन अनिल शर्मा ने किया।  सदस्यता फार्म के लिये मोबाईल क्रमांक 9753041701 राजेंद्र कश्यप से संपर्क किया जा सकता है।




  रोहन सिंह
दिनांकः- 25/06/2014          कार्यालय सचिव

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Tuesday, April 22, 2014

Monday, April 14, 2014