Sunday, December 8, 2013

भोपाल में हेट्रिक की स्मृति में तंत्रविद्या की देवी विजया का मंदिर बनाया जायेगा

  भोपाल में हेट्रिक की स्मृति में तंत्रविद्या की देवी विजया का मंदिर बनाया जायेगा
भोपाल। श्री शिवराज सिंह चैहान के नेतृत्व में भाजपा द्वारा मध्य प्रदेश में तीसरी बार विजयश्री वरण करने पर प्रदेश के शिवराज के प्रशंसक साधारण नागरिकों द्वारा ‘हैट्रिक’ की स्मृति

जीवन्त बनाने हेत नागरिकों ने भोपाल के मध्य में भगवान राम की आराध्यय देवी विजया का मंदिर निर्माण करने हेतु विजया देवी मंदिर निर्माण समिति का गठन किया है,जो केवल साधारण सदस्यों एवं

प्रशंसको से ही 1/-रू दान लेकर बनाएंगें। मंदिर की लागत मात्र एक लाख रूपये होगी।

इस संबंध में विस्तृत जानकारी निर्माण समिति के संयोजक रार्जेन्द्र सिंह कश्यप से मो0 क्र. 9705341701 पर प्राप्त की जा सकती है। 

Monday, October 28, 2013

आई एफ डब्ल्यू जे देश के पत्रकारों का एकमात्र संगठन: सतीश सक्सेना

 
भोपाल 28 अक्टूबर 2013। इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्ल्यूजे) के 63 वें स्थापना दिवस पर एम.पी.यूनिट के संयोजक साथी सतीश सक्सेना ने कहा कि आई.एफ.डब्ल्यू.जे. देश के पत्रकारों का एक मात्र संगठन है, जो निरंतर श्रमजीवी पत्रकारों के कल्याण की दिशा में सक्रिय है। 
श्री सक्सेना भोपाल में आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे। कार्यक्रम का संचालन सलमान खान ने किया। कार्यक्रम  में भोपाल की छानबीन समिति के संयोजक साथी राजेन्द्र कश्यप ने आव्हान किया है कि गोवा अधिवेशन के संकल्पों को पूरा करने का समय आ गया है। हमारे सामने एक साथ केन्द्र तथा राज्य सरकार के साथ चुनौती के साथ खड़ा होना पड़ेगा। 
कार्यक्रम में महेश सिंह, राजेन्द्र मेहता, जवाहर सिंह राजू खत्री, दीपक कुमार सहित अनेक पत्रकार उपस्थित थे। 

आई एफ डब्ल्यू जे देश के पत्रकारों का एकमात्र संगठन: सतीश सक्सेना

 
भोपाल 28 अक्टूबर 2013। इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्ल्यूजे) के 63 वें स्थापना दिवस पर एम.पी.यूनिट के संयोजक साथी सतीश सक्सेना ने कहा कि आई.एफ.डब्ल्यू.जे. देश के पत्रकारों का एक मात्र संगठन है, जो निरंतर श्रमजीवी पत्रकारों के कल्याण की दिशा में सक्रिय है। 
श्री सक्सेना भोपाल में आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे। कार्यक्रम का संचालन सलमान खान ने किया। कार्यक्रम  में भोपाल की छानबीन समिति के संयोजक साथी राजेन्द्र कश्यप ने आव्हान किया है कि गोवा अधिवेशन के संकल्पों को पूरा करने का समय आ गया है। हमारे सामने एक साथ केन्द्र तथा राज्य सरकार के साथ चुनौती के साथ खड़ा होना पड़ेगा। 
कार्यक्रम में महेश सिंह, राजेन्द्र मेहता, जवाहर सिंह राजू खत्री, दीपक कुमार सहित अनेक पत्रकार उपस्थित थे। 

आई एफ डब्ल्यू जे देश के पत्रकारों का एकमाात्र संगठन:सतीश सक्सेना


 आई एफ डब्ल्यू जे देश के पत्रकारों का एकमाात्र संगठन:सतीश सक्सेना 

भोपाल। 28 अक्टबर 2013 इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्ल्यूजे) के 63 वें स्थापना दिवस पर एम.पी.यूनिट के संयोजक साथी 

सतीश सक्सेना ने कहा कि आई.एफ.डब्ल्यू.जे. देश के पत्रकारों का एक मात्र संगठन है,जो निरंतर श्रमजीवी पत्रकारों के कल्याण की दिशा में सक्रिय 

है। 
श्री सक्सेना भोपाल में आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे। कार्यक्रम का संचालन सलमान खान ने किया। कार्यक्रम  में भोपाल की 

छानबीन समिति के संयोजक साथी राजेन्द्र कश्यप ने आव्हान किया है कि गोवा अधिवेशन के संकल्पों को पूरा करने का समय आ गया है। हमारेे 

सामने एक साथ केन्द्र तथा राज्य सरकार के साथ चुनौती के साथ खड़ा होना पड़ेगा । 
कार्यक्रम में महेश सिंह,राजेन्द्र मेहता,जवाहर सिंह राजू खत्री,दीपक कुमार सहित अनेक पत्रकार उपस्थित थे।


राजेेन्द्र कश्यप  संयोजक वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन भोपाल (सदस्यता छानबीन समिति)  मोबाईल क्रमांक 9753041701

Saturday, October 26, 2013

क्रांतिकारी पत्रकार स्वर्गीय गणेश शंकर विद्यार्थी का जन्म दिन मनाया गया

भोपाल। 26 अक्टूबर स्वर्गीय गणेश विद्यार्थी क्रांतिकारी पत्रकार इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट से संबंद्ध भोपाल वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन संभागीय इकाई एवं गणेश शंकर विद्यार्थी स्मृति संस्थान के सदस्यों के संयुक्त तत्वाधान में वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र कश्यप की अध्यक्षता में क्रांतिकारी पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी के जन्म दिवस पर एक बैठक में सर्वप्रथम उनके चित्र पर माल्यापर्ण किया गया पश्चात् में उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर वक्ताओं ने प्रकाश डालते हुए उनको स्मरण किया । बैठक में दिल्ली से पधारे मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार विद्याधर चतुर्वेदी ने उनके जीवन की विभिन्न  घटनाओं से प्रेणा लेने का आव्हान किया।
 देश की आजादी की लड़ाई में पत्रकारों ने अपनी लेखनी को हथियार बनाया था। महात्मा मोहनदास करमचन्द गांधी,लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के साथ ही गणेश शंकर विद्यार्थी का विशिष्ट स्थान है। क्रांतिकारी योद्धा पत्रकार के रूप में और अंग्रेजो के विरूद्ध विचारों की अग्नि से धधकती लेखनी से ब्रिटिश सत्ता को बेनकाब करने में गणेश शंकर विद्यार्थी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
 आजादी की लड़ाई में हिन्दू मुस्लिम एकता के पक्षधर कानपुर के एक दंगे में शहीद हो गये । क्रांतिकारी पत्रकार के रूप में भारतीय पत्रकारों की स्वतंत्रता के लड़ाई के इतिहास में उनका नाम स्वर्ण अक्षर में हमेशा लिखा रहेगा। सभा में युवा विद्यार्थी पत्रकारों ने भारी संख्या में उपस्थिति सराहनीय रही।

Monday, October 21, 2013

वैद्यों की सलाह से आएगी देश में खुशहाली – केप्टन जय नारायण निषाद

वैद्यों की सलाह से आएगी देश में खुशहाली – केप्टन जय नारायण निषाद

पूर्व केन्द्रीय मंत्री और योग कंफेडरेशन आफ इंडिया के संरक्षक केप्टन जयनारायण प्रसाद निषाद ने आज चतुर्थ महर्षि पतंजलि सप्ताह आयोजन के समापन समारोह में भाग लिया।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री और योग कंफेडरेशन आफ इंडिया के संरक्षक केप्टन जयनारायण प्रसाद निषाद ने आज चतुर्थ महर्षि पतंजलि सप्ताह आयोजन के समापन समारोह में भाग लिया।
भोपाल 21 नवंबर। सांसद सदस्य और पूर्व केन्द्रीय मंत्री केप्टेन जय नारायण निषाद ने कहा है कि आयुर्वेद को अपनाकर देश को आर्थिक आजादी की ओर ले जाया जा सकता है। जैसे जैसे आयुर्वेद आधारित विकास होगा देश की खुशहाली बढ़ती जाएगी। उन्होंने आयुर्वेद प्रसार की दिशा में कदम बढ़ा रहे वैद्यों का आव्हान किया कि वे किसी भी प्रकार के विरोध से घबराएं नहीं और लगातार आगे बढ़ते रहें। देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यदि किसी को कुर्बानी भी देनी पड़े तो घबराने की जरूरत नहीं है।
चतुर्थ महर्षि पतंजलि सप्ताह आयोजन के समापन समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर राजधानी आए सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री केप्टन जयनारायण प्रसाद निषाद ने राजधानी वासियों को सफल आयोजन के लिए बधाई दी। योग कंफेडरेशन आफ इंडिया के संरक्षक श्री निषाद ने कहा कि योग की दिशा में आगे बढ़ चुके 67देशों में भोपाल का नाम आज जिज्ञासा की निगाह से देखा जा रहा है। इसका एक कारण ये है कि यह महर्षि पतंजलि की जन्मभूमि है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के शरीर विज्ञानी आज महर्षि पतंजलि के योग सूत्र पढ़कर आश्चर्य चकित हैं कि न जाने वे कैसे महामानव रहे होंगे जिन्होंने कई सौ साल पहले मानव शरीर का इतना सटीक अध्ययन किया था। जब तकनीकें विकसित नहीं रहीं होंगी तब वे किस मेधा के बलबूते इतना विस्तृत अध्ययन कर पाए होंगे। श्री निषाद ने कहा कि आगे आने वाले समय में जब दुनिया भर के लोग भोपाल को तीर्थ स्थल के रूप में देखने आएंगे तब शायद इसकी पहचान स्थापित करने वाले दुनिया में नहीं होंगे। उन्होंने भोपाल वासियों को एक उजले कल के लिए बहुत शुभकामनाएं दीं।
महर्षि पतंजलि की जन्मभूमि के संबंध में विस्तृत अध्ययन करने वाले भारतीय योग अनुसंधान केन्द्र आनंदनगर के संस्थापक आचार्य हुकुमचंद शनकुशल ने कहा कि आज देश दुनिया के आयुर्वेदाचार्य भोपाल आकर हमारे जिस पारंपरिक ज्ञान का उद्घोष कर रहे हैं वे ही आगे चलकर एक स्वस्थ समाज के शिल्पी साबित होंगे। उन्होंने भोपाल आकर आयुर्वेद की मशाल जगाने वाले सभी वैद्यों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने भाव विव्हल होकर कहा कि जो लोग आज इस कार्य की गंभीरता को नहीं समझ पा रहे हैं उन्हें ही भविष्य में इस विरासत को संभालना है।
योग सप्ताह के अंतिम दिन आयुर्वेदाचार्यों ने कहा कि प्रकृति ने हर मनुष्य को महान शक्तियों से युक्त करके पृथ्वी पर भेजा है। इन शक्तियों को ऊर्ध्वगामी बनाकर मस्तिष्क के बीच में स्थित सहस्त्रार चक्र तक ले जाने की योग क्रिया को ही कुंडलिनी जागरण भी कहा जाता है। जप, तप, व्रत-उपवास, पूजा-पाठ, योग आदि के माध्यम से साधक अपनी शारीरिक एवं मानसिक, अशुद्धियों, कमियों और बुराइयों को दूर कर सोई पड़ी शक्तियों को जगाता है। जिस समाज में ज्यादातर लोग इस तरह जागरण की ओर कदम बढ़ाते हैं वह समाज हर दृष्टि से सक्षम समाज बन जाता है।
समापन समारोह में नाईजीरिया से आए अफ्रीकन बैंड एबिस अफ्रीका एंटरटेनमेंट वर्ल्ड के सदस्यों ने अपनी ऊर्जावान रंगारंग प्रस्तुति दी। सभी आगंतुकों ने अफ्रीकन बैंड के सदस्यों के योग के प्रति समर्पण की सराहना की। केप्टेन निषाद ने अंत में उन्हें प्रशस्ती पत्र देकर सम्मानित किया। आयोजन में भाग लेने आए सभी वैद्यों और सहयोग देने वाले नागरिकों को भी इस अवसर पर प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। समारोह में भाग लेने वाले सभी लोगों ने अगले साल इस आयोजन को और बेहतर बनाने का संकल्प लिया।
योग कंफेडरेशन आफ इंडिया के अध्यक्ष विजय तिवारी ने कहा कि भोपाल में हर साल आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम को दुनिया भर में सराहा जाता है। भोपाल के नागरिकों और मीडिया ने जिस तरह से इस आयोजन को अपना समर्थन दिया है उससे आने वाले समय में भोपाल निश्चित तौर पर योग प्रेमियों का तीर्थस्थल बन जाएगा। उन्होंने कहा कि आगे आने वाले समय में भोपाल ही वह नगर होगा जो हिंदुस्तान को विश्वगुरु की पहचान प्रदान करेगा। योग कंफेडरेशन आफ इंडिया की राष्ट्रीय महासचिव सुश्री लक्ष्मी ठाकुर सिंघल ने चतुर्थ महर्षि पतंजलि सप्ताह आयोजन में सहयोग देने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग और आयुष विभाग के प्रति भी आभार व्यक्त किया। संस्कृति विभाग के संचालक श्रीराम तिवारी और आयुष विभाग के अतिरक्त संचालक के प्रति भी उन्होंने आभार व्यक्त किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले साल जब आचार संहिता जैसी बंदिश नहीं होगी तब ये आयोजन अपनी पूरी भव्यता के साथ दुनिया भर में आयुर्वेद का संदेश फैलाएगा।

Monday, October 7, 2013

प्रदेश के अभ्यारण्यों में प्रवेश का शुल्क बढ़ा

wild life
अब पर्यटकों को परिचय-पत्र दिखाना होगा
भोपाल 7 अक्टूबर 2013। राज्य सरकार ने आगामी पन्द्रह अक्टूबर से खुलने जा रहे अभ्यारण्यों में प्रवेश शुल्क बढ़ा दिया है। अब जहां पाहन हेतु अनुज्ञात अधिकतम सवारी की गिनती में वाहन चालक,गाईड एवं नेचुरलिस्ट भी सम्मिलित होंगे वहां प्रवेश अनुज्ञा-पत्र में सूचीबध्द समस्त पर्यटकों को उनका परिचय-पत्र साथ रखना अनिवार्य होगा एवं व्यक्तियों की पहचान सुनिश्चित न होने पर प्रवेश अनुज्ञा-पत्र रद्द कर दिया जायेगा।
राज्य के वन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, अभ्यारण्यों में प्रवेश हेतु अनुज्ञा-पत्र मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक मप्र या उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी ही जारी कर सकेगा। वाहन से वन्यजीव दर्शन प्रति राउण्ड हेतु कोर टाईगर रिजर्व एवं अन्य राष्ट्रीय उद्यान या अभ्यारण्यों (भोपाल स्थित वन विहार को छोड़कर) का शुल्क जीप/कार/जिप्सी वाहन हेतु भारतीयों के लिये 1200 रुपये और 9 से 20 व्यक्तियों की मिनी बस हेतु 5 हजार रुपये शुल्क होगा जबकि विदेशियों के लिये यह शुल्क क्रमश: 2400 रुपये एवं 10 हजार रुपये होगा। वाहन से विशिष्ट स्थलों के दर्शन के अंतर्गत पचमढ़ी व्यू पाईंट हेतु दो पहिया वाहन हेतु भारतीयों से 120 रुपये और विदेशियों से 600 रुपये, कार/जीप/जिप्सी हेतु भारतीयों से 400 रुपये एवं विदेशियों से 2 हजार रुपये तथा मिनी बस हेतु भारतीयों से 1200 रुपये एवं विदेशियों से 2400 रुपये शुल्क लगेगा। वन विहार भोपाल, पन्ना रा. उद्यान में पांडव फाल, केन घडिय़ाल अभ्यारण्य में रनेह फाल, अन्य ऐसे स्थल जो विनिर्दिष्ट हों में दो पहिया वाहन से दर्शन हेतु भारतीयों से 50 रुपये एवं विदेशियों से 250 रुपये, कार/जीप/जिप्सी हेतु भारतीयों से 200 रुपये एवं विदेशियों से एक हजार रुपये एवं मिनी बस हेतु भारतीयों से 800 रुपये एवं विदेशियों से 1600 रुपये शुल्क वसूला जायेगा। आटो रिक्शा से प्रवेश पर शुल्क दो पहिया वाहन के शुल्क से दोगुना लगेगा। इसी प्रकार उक्त क्षेत्रों में पैदल दर्शन हेतु भारतीय नागरिक से 20 रुपये एवं विदेशी नागरिक से 200 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क लिया जायेगा। लेकिन भीम बैठिका में पार्किंग तक वाहन का प्रवेश शुल्क नहीं लगेगा लेकिन भारतीय नागरिक से 25 रुपये एवं विदेशी नागरिक से 250 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क लिया जायेगा। वन विहार भोपाल में पैदल ट्रैकिंग शुल्क प्रति व्यक्ति प्रतिदिन भारतीय से 50 रुपये एवं विदेशी से 500 रुपये लिया जायेगा। अन्य राष्ट्रीय उद्यानों में यह शुल्क क्रमश: सौ रुपये एवं एक हजार रुपये होगा। समस्त राष्ट्रीय उद्यानों या अभ्यारण्यों में कैंपिंग शुल्क प्रति व्यक्ति प्रति रात्रि भारतीयी से 500 रुपये एवं विदेशी से 5 हजार रुपये शुल्क लिया जायेगा। टाईगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में मचान/वाच टावर से दर्शन पर देशी से 150 रुपये एवं विदेशी से पन्द्रह सौ रुपये लिया जायेगा। अन्य राष्ट्रीय उद्यानों में श्ह शुल्क क्रमश: 75 रुपये एवं 750 रुपये होगा। 
अभ्यारण्यों में वन विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये वाहन से दर्शन पर बैटरी चलित वाहन वन विहार एवं रालामंडल हेतु देशी से 50 रुपये एवं विदेशी से ढाई सौ रुपये प्रति व्यक्ति लिया जायेगा जबकि इंजन चलित वाहन से समस्त उद्यानों में देशी से सौ रुपये एवं विदेशी से पांच सौ रुपये प्रति व्यक्ति लिये जायेंगे। वन विहार भोपाल में सुबह की पैदल या सायकिल से भ्रमण पर सौ रुपये एवं विदेशी से एक हजार रुपये मासिक शुल्क प्रति व्यक्ति लिया जायेगा तथा आजीव शुल्क पन्द्रह हजार रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क होगा। नियमित राउण्ड के दौरान पर्यटकों को डिजिटल या स्टिल कैमरे का बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के उपयोग करने का अधिकार होगा। टाईगर रिजर्व के कोर एरिया में फोटोग्राफी/फिल्मांकन हेतु 
देशी संस्थान या केन्द्र अथवा राज्य सरकार के विभाग एवं संस्थान से प्रथम सात दिन तक दस हजार रुपये एवं आठवें से पन्द्रहवें दिन तक साढ़े सात हजार रुपये तथा सोलहवें दिन से लगातार पांच हजार रुपये लिये जायेंगे जबकि अन्य भारतीय नागरिकों से क्रमश: बीस हजार रुपये, पन्द्रह हजार रुपये एवं दस हजार रुपये लिये जायेंगे जबकि विदेशी नागरिक से क्रमश: चालीस हजार रुपये, तीस हजार रुपये एवं बीस हजार रुपये वसूले जायेंगे। अन्य राद्यट्रीय उद्यानों में फोटोग्राफी/फिल्मांकन हेतु शुल्क उक्त शुल्क का आधा होगा। ये दरें तब ही लागू होंगी जबकि पर्यटन के नियमित समय से परे या सामान्य पर्यटन मार्गों से हटकर फोटोग्राफी/फिल्मांकन हेतु अनुज्ञा चाही जाये। फोटोग्राफी/फिल्मांकन हेतु अनुज्ञा अभ्यारण्यों के बंद रहने की अवधि में भी दिये जा सकेंगे। हाथी से भ्रमण पर देशी से पांच सौ रुपये एवं विदेशी से पन्द्रह सौ रुपये प्रति व्यक्ति लिये जायेंगे तथा हाथी पर महावत के अलावा चार अन्य पर्यटक ही बैठ सकेंगे और अभिभावकों के साथ पांच वर्ष आयु तक के बच्चों की अनुमति नि:शुल्क होगी।
ये स्थल साल भर खुले रहेंगे :
वन विहार भोपाल, माधव रा. उद्यान, फासिल रा. उद्यान घुघवा, डायनोसोर जीवाश्म रा. उद्यान, सैलाना अभ्यारण्य, सरदारपुर अभ्यारण्य, ओरछा अभ्यारण्य, पन्ना रा. अभ्यारण्य में पांडव फाल, केन घडिय़ाल अभ्यारण्य में रनेह फाल, पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल, चिड़ीखोह, रातापानी में भीम बैठिका, बर्रुसोत व देलावाड़ी। शेष अभ्यारण्य एक जुलाई से 15 अक्टूबर तक बंद रहेंगे। संरक्षित क्षेत्र में भारसाधक अधिकारी द्वारा प्रवेश वाले व्यक्तियों द्वारा मोबाईल फोन का उपयोग प्रतिबंधित किया जा सकेगा।
इन्हें मिलेगी प्रवेश शुल्क से छूट :
वन्यजीवों के अध्ययन हेतु। वैज्ञानिक अनुसंधान हेतु। राष्ट्रीय उद्यान में निवास कर रहे लोगों से विधिपूर्ण संव्यवहार पर। टाईगर रिजर्व के बफर जोन में या राष्ट्रीय उद्यान या अभ्यारण्यों की सीमाओं से 5 किमी की दूरी तक स्थित ग्रामों के मान्यताप्राप्त शैक्षणिक संस्थाओं के छात्रों या ईकारे विकास समितियों के सदस्यों के प्राधिकृत अध्ययन पर। केन्द्र एवं राज्य सरकार के संस्थानों के प्राधिकृत अध्ययन पर। अभिभावकों के साथ भ्रमण कर रहे पांच वर्ष आयु के बच्चों हेतु। वन विहार भोपाल में विकलांग या गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन वाले व्यक्तियों को पैदल अथवा सायकिल से भ्रमण पर नियमित प्रवेश शुल्क का पचास प्रतिशत लगेगा लेकिन इसके लिये ऐसे व्यक्ति को विकलांग या बीपीएल होने का प्रमाण-पत्र दिखाना होगा।






Navin Joshi, डॉ. नवीन जोशी, www.prativad.com




हथियार बंद डकैतों ने लूटा लाखों का माल

हथियार बंद डकैतों ने लूटा लाखों का माल
भोपाल 7 अक्टूबर 2013। राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 26 से लगे ग्राम बांसकुमारी में खेत में बने एक प्रतिष्ठित जाट परिवार के घर में बीती रात अज्ञात हथियारबंद डकैतों ने सभी सदस्यों के साथ मारपीट कर लगभग पांच लाख का मसरूका लेकर फरार हो गये। अब पुलिस सरगर्मी से डकैतों की तलाश कर रही है। वहीं परिवार के लुटे-पिटे सदस्य अपना इलाज शासकीय जिला चिकित्सालय में करा रहे हैं।
घटनाक्रम : सारा परिवार गहरी नींद में था, रात लगभग 1 बजे किसी ने उनके घर का दरवाजा खटखटाया। आवाज सुनकर घर के नौकर सलीम ने दरवाजा खोला और पांच अज्ञात डकैतों ने नौकर को हथियार दिखाकर डराने धमकाने के बाद चुपचाप घर में दाखिल हो गये। घटना के संबंध में पीडि़त परिवार के परिजन भोला जाट बताते है कि डकैतों ने घर में प्रवेश करने बाद सभी सदस्य मुरारी जाट, अरविंद जाट, माया जाट, शिवाजी जाट और शिवम् जाट को बेतहासा मारा और घर का कीमती सामान लेकर चलते बने।
डकैती से पहले लिया जायजा : वारदात करने से पहले डकैतों ने पूरे घर का बाहर से अच्छी तरह जायजा लिया। पक्के मकान के एक हिस्से में खपरैल निकालकर डकैतों ने अंदर का माजरा देखा और जब यह तय हो गया कि सभी लोग गहरी नींद में है तब वारदात को अंजाम दे दिया।
नगदी सहित सोना-चांदी लूटी : पीडि़ता माया जाट बताती है कि हमलावर डकैत उनके घर से नगदी सहित 16 तोला सोना लगभग 01 किलो चांदी और अन्य सामान ले गये है। लूटपाट करते समय उन्होंने मकान का ऐसा कोई भी हिस्सा नहीं छोड़ा जहां कुछ हो सकता था यहां तक कि अनाज के डिब्बों को भी अलटा-पलटाकर पूरी तरह खाली कर दिया।
पांच से अधिक थे हमलावर : पीडि़तों के अनुसार लूटपाट करने आए हमलावरों की संख्या 5 से अधिक हो सकती है क्योंकि 5 लुटेरे तो कमरे में ही छानबीन और मारपीट कर रहे थे संभवत: एक या दो लुटेरे और भी हो सकते हैं।



इग्नू का कुक्कुट पालन में सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू

IGNOU Certificate course in Poultry
भोपाल 7 अक्टूबर 2013। मध्यप्रदेश राज्य पशुधन विकास निगम में ''''इग्नू'''' का ''''कुक्कट पालन मे सर्टिफिकेट'''' पाठ्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम में प्रथम बैच में शाजापुर, सागर एवं सीहोर जिले के कुल 60 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं जिसका सत्र जुलाई 2013 मे आरम्भ हो चुका है। इन सभी का शिक्षण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम ''''बुल मदर फार्म'''' भदभदा रोड पर किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ.एच.बी.एस. भदौरिया प्रबन्ध संचालक ने प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए हुनर और दक्षता की आवश्यकता से अवगत कराया। साथ ही मध्यप्रदेश शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रदान कर लाभ लेने हेतु प्रेरित किया। डॉ. भदौरिया द्वारा इस पाठ्यक्रम की उपयोगिता एवं रोजगार और स्वरोजगार की सम्भावनाओं से अवगत कराते हुए बताया कि निगम का लक्ष्य अधिक से अधिक प्रतिभागियों को दक्षता प्रदान करना है । जिसका समस्त व्यय निगम वहन करेगा। जिससे कुक्कट पालन को उद्योग के रूप में प्रोत्साहित किया जा सके। इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉ.यू.सी.पाण्डे द्वारा इग्नू के विभिन्न पाठ्यक्रम एवं उनकी प्रवेश प्रक्रिया से अवगत कराते हुए छात्रों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु प्रोत्साहित किया। मध्यप्रदेश शासन की विकासपूर्ण नीति एवं उसके क्रियान्वयन हेतु आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में डॉ. अमिता देशपाण्डे, डॉ.ए.के.एस. भदौरिया डॉ. के.एस. तोमर, डॉ.टी.पी.वैध डॉ. बनर्जी एवं सीपी मुरसेनिया विशेष रूप से उपस्थित थे।

कांग्रेस की सत्ता परिवर्तन रैली को संबोधित करेंगे राहुल गांधी

कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी, Congress star campaigner Rahul Gandhi
भोपाल 7 अक्टूबर 2013। कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी आगामी 24 अक्टूबर को मध्यप्रदेश के सागर के राहतगढ़ में एक चुनावी सभा को संबोधित करेंगे।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र के राहतगढ़ में होने वाली एक चुनावी सभा में हिस्सा लेंगे।
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष बटनलाल साहू ने बताया कि राहुल गांधी आगामी 24 अक्टूबर को राहतगढ़ में कांग्रेस की सत्ता परिवर्तन रैली को संबोधित करेंगे।
उन्होंने बताया कि इस रैली को प्रदेश कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता भी संबोधित करेंगे।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के तहत 25 नवंबर को मतदान होना है।
इस दौरान कांग्रेस के दिग्गज नेता पूरे राज्य में सत्ता परिवर्तन रैली के जरिए प्रदेश में कांग्रेस की सरकार लाने और भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। वही स्टार प्रचारक राहुल गांधी युवाओं को अधिक से अधिक कांग्रेस पार्टी की ओर खीचनें का प्रयास करेंगे। मध्य प्रदेश में नये युवा मतदाताओं की संख्या को देखते हुए सभी दल युवा मतदाताओं को रिझानें की कोशिशें कर रहे है।

नि:शक्तों को दिया तीन और विभागों में आरक्षण

नि:शक्तों को दिया तीन और विभागों में आरक्षण
भोपाल 6 अक्टूबर 2013। राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार के नि:शक्त व्यक्ति समान अवसर अधिकार संरक्षण एवं पूर्ण भागीदारी अधिनियम 1995 के तहत राज्य के तीन और सरकारी विभागों के कार्यालयों में नि:शक्तजनों को आरक्षण दिया है।
राज्य के सामाजिक न्याय विभाग द्वारा जारी ताजी अधिसूचना के मुताबिक, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, लोक निर्माण विभाग एवं आवास एवं पर्यावरण विभागों में यह आरक्षण दिया गया है। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत द्वितीय श्रेणी के दंत शल्य चिकित्सक के कुल 144 पदों में से 9 पद नि:शक्तजनों के लिये आरक्षित किये गये हैं जिनमें 6 पद अस्थि बाधितों के लिये और 3 पदी श्रवण बाधितों के लिये रहेंगे। काम की प्रकृति को देखते हुये दृष्टिबाधितों को इसमें कोई आरक्षण नहीं दिया गया है।
इसी प्रकार लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत द्वितीय श्रेणी के सिविल सहायक यंत्रियों के कुल 109 पदों में से 6 पद नि:शक्तजनों के लिये आरक्षित किये गये हैं जिनमें 4 पद अस्थि बाधितों के लिये और 2 पद श्रवण बाधितों के लिये रहेंगे। इसी विभाग में द्वितीय श्रेणी के विद्युत एवं यांत्रिकी के सहायक यंत्रियों के 22 पदों में से 1 पद नि:शक्तजन के लिये रहेगा तथा यह सिर्फ अस्थि बाधित को दिया जायेगा। लोनिवि के ही मप्र रोड डेवलपमेंट कारपोरेश लिमिटेड में तृतीय श्रेणी के 33 प्रबंधक पदों में से दो पद नि:शक्तजनों के लिये रिजर्व रहेंगे जिनमें एक अस्थि बाधित को और एक श्रवण बाधित को दिया जायेगा। इसी कारपोरेशन में द्वितीय श्रेणी के सहायक प्रबंधक के 16 पदों में से दो पद नि:शक्तजनों के लिये आरक्षित रहेंगे तथा ये दोनों पद क्रमश: अस्थि बाधित एवं श्रवण बाधित के लिये रहेंगे। आवास एवं पर्यावरण विभाग के अंतर्गत मप्र प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड में द्वितीय श्रेणी के 20 सहायक यंत्री पर्यावरण पदों में से एक पद नि:शक्तजनों के लिये रिजर्व रहेगा तथा यह सिर्फ अस्थि बाधित को दिया जायेगा।

Saturday, October 5, 2013

ईव्हीएम मशीनों का पहला रेण्डमाइजेशन 11 अक्टूबर को

EVM Machine
भोपाल 5 अक्टूबर 2013। विधानसभा निर्वाचन 2013 के लिए जिले में ईव्हीएम मशीनों का पहला रेण्डमाइजेशन 11 अक्टूबर को बेनजीर ग्राउण्ड में प्रातः 7 बजे से राजनैतिक दलों के समक्ष किया जायेगा। राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों को जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर श्री निशांत वरवड़े ने आज यह जानकारी देते हुए उनसे रेण्डमाइजेशन के समय मौजूद रहने के लिए कहा। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर श्री वरवड़े आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में राजनैतिक दलों की स्टेडिंग कमेटी की बैठक में विधानसभा निर्वाचन 2013 की तैयारियों और आयोग के निर्देशों की जानकारी दे रहे थे। बैठक में एडीएम श्री बसंत कुर्रे, श्री बी.एस.जामोद,अक्षय सिंह और सभी राजनैतिक दलों के पदाधिकारी मौजूद थे।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर श्री वरवड़े ने भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा विधानसभा निर्वाचन 2013 के लिए जारी विभिन्न निर्देशों की जानकारी दी। जिले में आयोग के निर्देशानुसार की जा रही कार्रवाई से भी उन्होंने राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों को अवगत कराया। मतदाता सूची संक्षिप्त पुनरीक्षण 2013 की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि सूची का सतत अद्यतीकरण कार्य जारी है। डि-डुप्लीकेशन साफ्टवेयर से प्राप्त सूची की जांच कराई जा रही है।
नाम निर्देशन के एक दिन पूर्व बैंक खाता खोलना जरूरी
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर श्री वरवड़े ने बैठक में बताया कि विधानसभा निर्वाचन 2013 में निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों को नाम निर्देशन के एक दिन पूर्व अपना पृथक खाता बैंक में अनिवार्य रूप से खोलना है।
शिकायत निवारण के लिए प्रकोष्ठ का गठन
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर श्री वरवड़े ने बैठक में बताया कि कलेक्टर कार्यालय के कक्ष क्रमांक 146 में शिकायत निवारण प्रकोष्ठ का गठन किया गया है जिसमें दूरभाष क्रमांक 2730557, 2730567 पर हंटिंग लाइन के माध्यम से मतदाताओं की शिकायतों का निवारण किया जा रहा है।
बैठक में संपत्ति विरूपण अधिनियम का पालन और आदर्श आचरण संहिता का पालन करने की जानकारी भी राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों को दी गई। राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों से कहा गया कि सभी राजनैतिक दल आदर्श आचरण संहिता का पालन करना सुनिश्चित करें।
बीएलए की नियुक्ति
बैठक में सभी राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों से कहा कि पिछली बैठक में भी राजनैतिक दलों को सभी मतदान केन्द्रों पर बीएलए की नियुक्ति के लिए कहा गया था। दलों से पुनः इसके लिए कहा गया है कि वह जल्दी से जल्दी बीएलए नियुक्त कराएं। बैठक में एमसीएमसी और निगरानी संबंधी समितियों सहित अन्य जानकारी दी गई।



Friday, October 4, 2013

मध्यप्रदेश में आदर्श आचरण संहिता का सख्ती से पालन होगा

मध्यप्रदेश में आदर्श आचरण संहिता, State Model Code of Conduct
कानून-व्यवस्था की जानकारी प्रतिदिन आयोग को भेजी जायेगी 
राजनैतिक दलों और कलेक्टरों के साथ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की बैठक 
भोपाल 4 अक्टूबर 2013। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव की घोषणा के तत्काल बाद मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ हुई चर्चा में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविंद ने उन्हें आश्वस्त किया कि आदर्श आचरण संहिता का सख्ती से पालन करवाया जायेगा। आचरण संहिता के उल्लंघन के मामलों को आयोग गंभीरता से लेगा। मध्यप्रदेश में आचरण संहिता को पालन कराने के लिये राज्य सरकार को निर्देश जारी किये गये हैं।
श्री गोविंद ने बताया कि पेड-न्यूज की मॉनीटरिंग के लिये सभी जिलों में एमसीएमसी गठित की गई है। राजनैतिक दलों को भी पेड-न्यूज के मामले में स्व-नियंत्रण करना होगा। उन्होंने राजनैतिक दलों से इस बार मतदान का अधिकाधिक प्रतिशत बढ़ाने के लिये सहयोग का आव्हान किया। श्री गोविंद ने कहा कि राज्य शासन के अधिकारी-कर्मचारियों से भी अपेक्षा की गई है कि वे निष्पक्ष होकर कार्य करें। विधानसभा चुनाव में पहली बार शासकीय कर्मचारियों द्वारा मतदाताओं को वोटर स्लिप मतदान के एक हफ्ते पूर्व घर-घर पहुँचाई जायेगी। उन्होंने कहा कि नामांकन-पत्र दाखिल करने के पूर्व प्रत्याशी को अपना पृथक बैंक एकाउंट खोलना होगा। सभी बैंक को निर्देश दिये गये हैं कि प्रत्याशी का वे तत्काल खाता खोलकर चेक-बुक इश्यु करें। श्री गोविंद ने बताया कि सभी जिला कलेक्टर को सम्पत्ति निरुपण अधिनियम का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये जा रहे हैं।
बैठक में भारतीय जनता पार्टी के श्री एस.एच. लोढ़ा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के श्री जे.पी. धनोपिया, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के श्री प्रमोद प्रधान, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इण्डिया के श्री शैलेन्द्र कुमार शैली, बहुजन समाज पार्टी के श्री राजाराम और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के श्री राजू भटनागर एवं श्रीमती अनीशा कपलेश उपस्थित थे। बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री व्ही.एल. कांताराव ने प्रतिनिधियों को निर्वाचन प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया।
कलेक्टरों से चर्चा
मध्यप्रदेश के सभी जिला कलेक्टर से वीडियो कान्फ्रेंसिंग से चर्चा के दौरान आयोग के उप चुनाव आयुक्त विनोद जुत्शी भी शामिल हुए। श्री जुत्शी ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को एमसीएमसी, आदर्श आचरण संहिता आदि की जानकारी प्रतिदिन भेजने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी जिले कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की जानकारी प्रतिदिन अनिवार्य रूप से भेजें।
जयदीप गोविंद ने कलेक्टरों से कहा कि चुनाव घोषणा के साथ ही आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गई है। सभी कलेक्टर को आदर्श आचरण संहिता का पालन सख्ती से करवाना होगा। इसके साथ ही सम्पत्ति निरूपण अधिनियम का पालन भी सख्ती से जिलों को करना होगा। आचरण संहिता लागू होने के बाद कोई भी दल, व्यक्ति बिना अनुमति के रैली, सभाएँ, जुलूस इत्यादि आयोजित नहीं कर सकेंगे। उन्हें कलेक्टर/रिटर्निंग ऑफीसर से अनुमति लेकर ही आयोजन करने होंगे। दीवारों, चौराहों पर जो पोस्टर, बैनर, झण्डे इत्यादि लगे हैं वे आचरण संहिता के उल्लंघन की सीमा में आते हैं, उन्हें तत्काल हटाया जाये। दीवारों आदि पर लिखावट भी हटाई जाये। सभी कलेक्टर नगरीय एवं स्थानीय निकायों के माध्यम से यह कार्य सुनिश्चित करें।
श्री गोविंद के अनुसार आदर्श आचरण संहिता लागू होने के बाद सरकारी विमान, वाहन, मशीन, कर्मचारियों आदि का किसी राजनैतिक दलों के लिये उपयोग नहीं किया जा सकेगा। डाक बंगला, विश्राम गृह एवं सरकारी आवासों का उपयोग एकाधिकार के रूप में नहीं होगा। राजनीतिक उपयोग में डाक बंगले, विश्राम गृह इत्यादि का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। सरकार की तरफ से कोई भी विज्ञापन बिना अनुमति के जारी नहीं किया जायेगा। स्वैच्छानुदान विवेकाधीन कोटे आदि से भुगतान/स्वीकृत नहीं किये जायेंगे। नियुक्ति/पदोन्नति का कार्य आदर्श आचरण संहिता के समय नहीं होगा। मतदाताओं को प्रभावित करने वाली कोई भी योजनाएँ न तो प्रारंभ की जायेंगी न ही घोषित की जायेंगी।
जयदीप गोविंद ने कहा कि जिलों में फ्लाइंग स्क्वाड पर सेक्टर मजिस्ट्रेट भ्रमण करेंगे। नाके स्थापित कर चेकिंग की कार्यवाही शुरू की जायेगी। सभी कलेक्टर मतदान केन्द्रों पर बिजली, पानी, रेम्प आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करें। मुख्यालय एवं जिला-स्तर पर स्थापित कॉल-सेंटर सतत कार्यशील रहें। उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिये कि उम्मीदवार नामांकन-पत्र दाखिल करते समय शपथ-पत्र का कोई भी कॉलम खाली नहीं छोड़े। यदि कॉलम खाली छोड़ा जाता है तो नामांकन निरस्त हो जायेगा। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री व्ही.एल. कांताराव आदि उपस्थित थे।



मध्यप्रदेश में आचार संहिता लागू, 25 नवंबर को एक चरण में मतदान

मध्यप्रदेश में आचार संहिता लागू, 25 नवंबर को एक चरण में मतदान, news from MP ,www.prativad.com
भोपाल 4 अक्टूबर 2013। मध्यप्रदेश में 25 नवंबर को एक चरण में चुनाव होंगे। इसके साथ शुक्रवार शाम से प्रदेश में आचार संहिता लागू कर दी गई। 2014 में होने वाले लोकसभा चुनावों का सेमीफाइनल माने जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों का बिगुल बज गया है। चुनाव आयोग ने इन पांच राज्यों - दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। छत्तीसगढ़ में सबसे पहले दो चरणों में 11 और 19 नवंबर को वोट पड़ेंगे, जबकि मध्य प्रदेश में 25 नवंबर, राजस्थान में 1 दिसंबर और सबसे आखिर में दिल्ली और मिजोरम में 04 दिसंबर को चुनाव होंगे। नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे। शुक्रवार को मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तारीखों का ऐलान किया। चुनाव की घोषणा के साथ ही इन पांचों राज्यों में चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।
EVM में होगा ''''इनमें से कोई नहीं'''' का ऑप्शन
संपत ने चुनाव का ब्यौरा देते हुए बताया कि इन पांच राज्यों में विधानसभा की कुल 630 सीटों पर 11 करोड़ वोटर करीब 1,30,000 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। सभी जगहों पर वोटिंग इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के माध्यम से होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर इन चुनावों में पहली बार वोटरों के लिए ''''इनमें से कोई नहीं'''' का विकल्प होगा। सुप्रीम कोर्ट ने 27 सितंबर को अपने एक फैसले में मतपत्रों और ईवीएम में यह विकल्प उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। संपत ने बताया कि ईवीएम मशीन में उम्मीदवारों की सूची के सबसे अंत में ''''इनमें से कोई नहीं'''' का बटन होगा जो वोटर उपरोक्त उम्मीदवारों में से किसी को अपना वोट नहीं देना चाहते वे इस बटन को दबा सकते हैं।
छत्तीसगढ़ : दो चरणों में (11 नवंबर और 19 नवंबर) चुनाव होगा।
पहला फेजः 18 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होगा 
नोटिफिकेशनः 18 अक्टूबर को जारी होगा
नामांकन की आखिरी तारीखः 25 अक्टूबर रहेगी
स्क्रूटनी : 26 अक्टूबर
नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीखः 28 अक्टूबर
मतदानः 11 नवंबर

दूसरा फेज: 72 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होगा
नोटिफिकेशन: 25 अक्टूबर को
नामांकन की आखिरी तारीखः 01 नवंबर
स्क्रूटनी :02 नवंबर
नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीखः 04 नवंबर
मतदानः 19 नवंबर को 

मध्य प्रदेशः एक ही चरण में चुनाव होगा
नोटिफिकेशनः 01 नवंबर
नामांकन की आखिरी तारीखः 08 नवंबर
स्क्रूटनीः 09 नवंबर
नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीखः 11 नवंबर
मतदानः 25 नवंबर को होगा

राजस्थानः एक ही चरण में मतदान होगा।
नोटिफिकेशनः 05 नवंबर
नामांकन की आखिरी तारीखः 12 नवंबर
स्क्रूटनीः 13 नवंबर
नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीखः 16 नवंबर
मतदानः 01 दिसंबर

दिल्लीः में एक चरण में वोट पड़ेंगे
नोटिफिकेशनः 09 नवंबर
नामांकन की आखिरी तारीखः 16 नवंबर
स्क्रूटनीः 18 नवंबर
नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीखः 20 नवंबर
मतदानः 04 दिसंबर

मिजोरम: एक चरण में चुनाव होगा
नोटिफिकेशनः 9 नवंबर
नामांकन की आखिरी तारीखः 16 नवंबर
स्क्रूटनीः 18 नवंबर
नामांकन पास लेने की आखिरी तारीख: 20 नवंबर
मतदानः04 दिसंबर

पांचों राज्यों के चुनाव नतीजेः 8 दिसंबर को आएंगे

गुजरात, तमिलनाडु में उपचुनाव
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से चुनाव कराने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के साथ ही गुजरात और तमिलनाडु में एक एक विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव कराने की भी घोषणा की गई। गुजरात की सूरत (पश्चिम) विधानसभा सीट और तमिलनाडु की येरकॉड (सुरक्षित) सीट के लिए 4 दिसंबर को मतदान होगा।

कहां कितनी सीटें रिजर्व
90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा में 10 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए और 29 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं। इसी तरह मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से 35 सीटें एससी के लिए और 47 सीटें एसटी के लिए, मिजोरम में 40 में से 39 सीटें एसटी के लिए, राजस्थान में 200 सीटों में से 34 एससी के लिए और 25 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं। जबकि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 12 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।

ऑब्जर्वर बढ़ाएंगे वोटरों का उत्साह
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सभी राज्यों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे और तादाद में पोलिंग ऑब्जर्वर मौजूद रहेंगे। सेंट्रल अवेयरनेस ऑब्जर्वर पहली बार तैनात किए जाएंगे। वे वोटरों का उत्साह बढ़ाएंगे।

600 साल पुरानी परंपरा, यहां बेल के कांटों पर झूलेगी 12 साल की मासूम


Thursday, October 3, 2013

उप सचिव श्रीमती शशि कर्णावत निलंबित


भोपाल 3 अक्टूबर 2013। राज्य शासन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी और खेल एवं युवा कल्याण विभाग की उप सचिव श्रीमती शशि कर्णावत को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मण्डला के विशेष न्यायालय द्वारा सजा सुनाये जाने के कारण निलंबित कर दिया है। निलंबन 27 सितम्बर, 2013 से माना जायेगा। राज्य शासन ने श्रीमती कर्णावत पर न्यायालय द्वारा अधिरोपित दण्ड की अवधि 48 घंटे से अधिक होने पर यह कार्रवाई की है। निलंबन अवधि में श्रीमती कर्णावत का मुख्यालय पृथक् आदेश से तय किया जायेगा।

आम विस चुनाव के समय शिवराज सरकार ने फिर लिया बाजार से 500 करोड़ का कर्ज

MP up to 71 thousand crore loan: a loan of a thousand million, मप्र पर कर्ज हुआ 71 हजार करोड़ : एक हजार करोड़ का नया लोन लिया
भोपाल 3 अक्टूबर 2013। ऐन विधानसभा आम चुनावों के समय प्रदेश की शिवराज सरकार ने फिर बाजार से 500 करोड़ रुपये का ऋण उठाया है। पहले से ही 71 हजार करोड़ रुपयों के कर्ज से लदी राज्य की भाजपा सरकार ने रिजर्व बैंक आफ इण्डिया के मुम्बई आफिस से दस हजार प्रति सिक्युरिटी के हिसाब से यह पांच सौ करोड़ रुपये की राशि बाजार से उठाई है।
अधिकृत जानकारी के अनुसार, कूपन ब्याज रेट पर उठायी गई कर्ज की इस राशि का पुनर्भगतान 25 सितम्बर,2023 को राज्य सरकार करेगी। दस साल के इस कर्ज पर हर साल 25 मार्च और 25 सितम्बर को ब्याज का भुगतान किया जायेगा। इस कर्ज को लेने के लिये राज्य सरकार ने वर्ष 2012-13 के बजटीय आंकड़ों का सहारा लिया है तथा राजस्व प्राप्तियों को राजस्व व्यय से अधिक बताया है अर्थात 6 हजार 370 करोड़ 50 लाख रुपयों का बजट आधिक्य प्रदर्शित किया है जबकि इससे पूर्ववर्ती वर्ष 2011-12 में यह बजट आधिक्य 9 हजार 910 करोड़ 37 लाख रुपयों का बताया गया था। यही नहीं राज्य सरकार ने 31 मार्च,2012 की स्थिति में अपने ऊपर दर्ज कर्ज की राशि 71 हजार 478 करोड़ 10 लाख रुपये की राशि वित्तीय विवरण में बताई है। जबकि 31 मार्च,2013 को समाप्त वित्त वर्ष के कर्ज संबंधी अंतिम आंकड़े अभी तक राज्य सरकार नये कर्जों के लिये जारी नहीं कर रही है। इस साल राज्य सरकार ने 18 जनवरी 2013, 14 फरवरी 2013 तथा 26 जुलाई 2013 को भी एक-एक हजार करोड़ रुपये के ऋण गवर्मेन्ट सिक्युरिटीज का विक्रय कर बाजार से कर्ज उठाया था तथा अब फिर पांच सौ करोड़ रुपये का नया कर्ज लिया है।

शहर के 104 चौराहा पर अब सी.सी. टी.व्ही. केमरा की नजर

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गृह मंत्री श्री गुप्ता ने किया भोपाल सिटी सर्विलेंस कंट्रोल-रूम का उदघाटन 
भोपाल 3 अक्टूबर 2013। भोपाल शहर के 104 चौराहे पर 430 सी.सी. टी.व्ही. केमरे लगाये गये हैं। इन सब केमरों की मॉनीटरिंग भोपाल सिटी सर्विलेंस कंट्रोल-रूम से होगी। गृह मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आज पुलिस कंट्रोल-रूम के पास सिटी सर्विलेंस कंट्रोल-रूम का उदघाटन किया। इस सिस्टम से अत्याधुनिक डॉयल 100 प्रणाली भी जोड़ी गई है।
गृह मंत्री श्री गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में बेहतर और पारदर्शी प्रशासन देने के हर-संभव प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह का सिस्टम पूरे प्रदेश में स्थापित किया जायेगा। इसके लिये शासन द्वारा बजट प्रावधान कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे आम आदमी के साथ ही सड़क पर पुलिस की गतिविधियों की रिकार्डिंग भी होगी। गृह मंत्री ने पुलिस बल के लिये शासन द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब पुलिस बल की और अधिक प्रभावी कार्यवाही क्षेत्र में दिखनी चाहिये। श्री गुप्ता ने कहा कि प्रदेश का शांतिपूर्ण माहौल उद्योगपतियों को उद्योग लगाने के लिये प्रेरित करेगा। इससे प्रदेश के नौजवानों को रोजगार उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि कंट्रोल-रूम में बैठने वाले कर्मचारियों को भी विशेष प्रशिक्षण दिलवाया जायेगा।
पुलिस महानिदेशक श्री नंदन दुबे ने कहा कि सी.सी. टी.व्ही. केमरे लगने से ट्रेफिक मेनेजमेंट के साथ ही अपराधियों को पकड़ने में भी सहूलियत होगी। श्री दुबे ने गृह मंत्री द्वारा पुलिस बल के लिये किये गये उल्लेखनीय कार्यों के लिये उनका आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इससे मेन पॉवर का उपयोग अन्य कार्यों में किया जा सकेगा। पुलिस महानिरीक्षक श्री संजय झा ने सर्विलेंस कंट्रोल-रूम की कार्य-प्रणाली के बारे में जानकारी दी।
शहर में प्रथम चरण में प्रमुख 16 चौराहे पर सी.सी. टी.व्ही. केमरे लगाये गये। दूसरे चरण में 61 प्रमुख चौराहे पर 283 केमरे लगाये गये। इसके बाद राजभवन और उसके आसपास 27 स्थान पर 71 केमरे लगाये गये। अब सबको मिलाकर शहर के प्रमुख 104 चौराहे पर 430 केमरे लग चुके हैं। इन केमरों की 30 दिन तक की वीडियो रिकार्डिंग सुरक्षित रहेगी। इसके साथ ही 100 नम्बर को भी जोड़ा गया है। इसके माध्यम से किसी भी चौराहे पर अवांछित गतिविधि दिखने अथवा कोई सूचना मिलने पर तुरंत पुलिस वाहन रवाना होगा। इसके लिये 105 वाहन रखे गये हैं। इसी तरह की व्यवस्था इंदौर शहर के लिये भी की गई है।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अवंतिलाल जैन की हत्या की आशंका

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अवंतिलाल जैन की हत्या की आशंका , prativad.com
स्वास्थ्य मंत्रालय ने हत्या का प्रकरण मान प्रकरण दर्ज करवाने की सलाह दी
उज्जैन 3 अक्टूबर 2013। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व वरिष्ठ पत्रकार अवंतिलाल जैन की मृत्यु के बाद अब चौकाने वाली जानकारी सामने आई है। 15 अगस्त 2011 को संजीवनी हॉस्पिटल में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई थी। मेडिकल दस्तावेजों को देख संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत का कारण बताकर उनके पुत्र डॉ. अरुण जैन निवासी 102 रेणुका प्लाजा (फ्रीगंज) ने स्वास्थ्य मंत्रालय भोपाल को आवेदन देकर पिता की मौत की जांच मेडिकल बोर्ड से करवाए जाने की मांग की थी। जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रथम दृष्टया मौत का कारण हत्या मानकर डॉ. जैन को पुलिस में प्रकरण दर्ज करवाने की सलाह दी है। डॉ. जैन ने हाल ही में एक मर्तबा फिर आईजी वी. मधुकुमार को शिकायत कर एफआईआर दर्ज कर दोषियों के खिलाफ सत कार्रवाई की मांग की है। इससे पहले वे तत्कालीन एसपी राकेश गुप्ता से भी शिकायत कर चुके हैं। 
इसलिए हत्या की आशंका 
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त संचालक ने डॉ. जैन को भेजे जवाब में जिक्र किया है कि 29 अप्रैल 2012 को आपके द्वारा भेजे पत्र क्रमांक एजे/एचएम/12 में पिताजी की मृत्यु संदेहास्पद परिस्थितियों में दर्शाई गई है। प्रकरण प्रथम दृष्टया हत्या से संबंधित होकर पुलिस विवेचना का है। अत: आप पुलिस विभाग में प्रकरण दर्ज करवाएं। 
इनका कहना - पिताजी की संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत की आशंका संजीवनी अस्पताल के पेपर्स देखकर हुई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय, भोपाल से मौत की जांच मेडिकल बोर्ड से करवाए जाने की मांग की गई थी। उन्होंने प्रथम दृष्टया हत्या का प्रकरण बताकर पुलिस में प्रकरण दर्ज करवाने के निर्देश दिए हैं। एफआईआर दर्ज करवाए जाने को लेकर एक मर्तबा फिर आईजी से शिकायत की गई। - डॉ. अरुण जैन, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जैन के पुत्र शिकायत एसपी को भेजी है। जांच कर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।- वी. मधुकुमार, आईजी उज्जैन 
शिकायत के आधार पर तथ्यों को जुटाया जा रहा है। जो तथ्य सामने आएंगे, उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी। -अनुराग, एसपी उज्जैन 
इन बिंदुओं के आधार पर जैन की मौत संदेहास्पद 
डॉ. अरुण जैन ने मेडिकल दस्तावेज और रिपोर्ट देखने के बाद पिता की मौत को संदेहास्पद माना था। उन्होंने निन बिंदुओं के आधार पर पिता की मौत की जांच मेडिकल बोर्ड से करवाए जाने के लिए 29 अप्रैल 12 को स्वास्थ्य मंत्रालय, भोपाल से मांग की थी। कुछ खास बिंदु इस प्रकार हैं - 
> मेरे पिता (स्व. अवंतिलाल जैन) वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी व राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार थे। 
> संजीवनी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर दशहरा मैदान (जहां पिताजी को भर्ती कराया था) से प्राप्त हॉस्पिटल के पेपर्स कईं प्रश्न खड़े करते हैं। 
> हॉस्पिटल पेपर्स में किसी भी शल्य अथवा हृदय चिकित्सक द्वारा जांच करने, उपचार करने के कोई संकेत नहीं हैं। न ही जांचकर्ता विशेषज्ञ डॉक्टर के हस्ताक्षर हैं। 
> पिता को फोर्टिविन और फेनरगान इंजेक्शन लगाना बताए गए पर अस्पताल संचालक ने अपने यहां इंजेक्शन लगाने से लिखित में इंकार किया है, जबकि हॉस्पिटल पेपर में इंजेक्शन लगाए जाने का जिक्र है। इंजेक्शन कहां और किसने लगाए, यह स्पष्ट नहीं। 
> फोर्टिविन इंजेक्शन 60 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्ति के लिए प्रतिबंधित है क्योंकि इससे कार्डिक अरेस्ट का खतरा है। बावजूद इसके इंजेक्शन लगाए गए। 
> 15 अगस्त 2011 दोपहर 12 बजे अचानक कार्डिक अरेस्ट आने की जानकारी दर्ज है। सवा 12 बजे फिर वही सूचना दर्ज है, मसाज लिखी है। 12.30 बजे उनकी मृत्यु दर्शाई गई है। 
> शहर और प्रदेश के वरिष्ठतम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी (वीवीआईपी) के साथ ऐसा सलूक गंभीर लापरवाही, षड्यंत्र का संकेत करती है। मेरी मांग है कि समस्त प्रकरण की विस्तारपूर्वक मेडिकल बोर्ड से जांच कराई जाए और सभी दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।




तहकीकात पुस्तक का विमोचन


Shruti Haasan As A Prostitute In D-Day, prativad.com
इंदौर/ युवा पत्रकार और मध्य प्रदेश में तहलका के वरिष्ठ संवाददाता शिरीष खरे की खोजी पत्रकारिता पर आधारित पहली पुस्तक ‘तहकीकात’ का विमोचन किया गया. इस दौरान देश के वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, दूरदर्शन के महाप्रबंधक त्रिपुरारी शरण, जाने-माने न्यूज एंकर आषुतोष, एक्सचेंज फॉर मीडिया के संपादक अनुराग बत्रा, सकाल (मराठी) के सलाहकार संपादक विजय नायक, नई दुनिया के समूह संपादक श्रवण गर्ग, अजय उपाध्याय, सुरेश बाफना और सीमा मुस्तफा जैसी हस्तियां मौजूद थीं. ‘तहकीकात’ पुस्तक में मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई बड़े घोटालों के खुलासों से जुड़ी बातों पर प्रकाश डाला गया है. यह पुस्तक युवा पत्रकार की उन विशेष रिपोर्टों पर आधारित हैं जो उन्होंने बीते दो सालों के दौरान इन राज्यों में पत्रकारिता का काम करते हुए तैयार की हैं. इसमें खास तौर से इन राज्यों के राजनीतिक मूल्यों में आई गिरावट को प्रक्रियाओं के साथ समझने की कोशिश की गई है और उन्हें संदर्भों सहित रखा गया है.
गौरतलब है कि मीडिया के अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़ी यह सभी हस्तियां  इंदौर के होटल फॉरच्यून लेंड मार्क में इंदौर प्रेस क्लब और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में द्वारा आयोजित ‘पत्रकारिता की नई चुनौतियां’ में शामिल हुई थीं. इस दौरान उन्होंने खास तौर से युवा पत्रकारों के सामने आ रही चुनौतियों को लेकर अपने अनुभव और विचारों को भी लोगों के साथ साझा किया.

पुस्तक के बारे में :
''तहकीकात'' यह पुस्तक मुखौटों के पीछे का ऐसा सच है जिसमें रिपोर्ट दर रिपोर्ट कई बड़े घोटालों का खुलासा हुआ है. साथ ही भ्रष्ट व्यवस्था के ऊंचे सोपानों पर बैठे व्यक्तियों के 
दोहरे चरित्र की पड़ताल भी की गई है. यह पुस्तक मुख्यतः उन विशेष रिपोर्टों पर आधारित है जो युवा पत्रकार ने बीते दो सालों में मध्य प्रदेश और राजस्थान रहते हुए लिखी थीं. अपने समय की तस्वीरें बताती हैं कि देश के विकसित होते इन राज्यों में आर्थिक घटनाक्रम किस तेजी से बदल रहा है. इसकी वजह से कैसे खास तौर पर राजनीतिक मूल्यों में किस हद तक गिरावट आई है. रिपोर्टिंग के पीछे मकसद था कि ऐसी स्थितियों की प्रक्रियाओं को जाना जाए और उन्हें संदर्भ के रुप में रखा जाए. दूसरे शब्दों में यह अपने समय का लघु दस्तावेज है. एक युवा पत्रकार के लिए इससे बड़ी खुशी की बात और क्या हो सकती है कि पत्रकारिता के पहले ही दौर में मैंने जो लिखा उसकी गूंज सियासी गलियारों से लेकर सदन तक हुई. इस मामले में मध्य प्रदेश के साथ ही राजस्थान के उन संस्कारों का धन्यवाद जहां असली शक्ल दिखाने के बावजूद आईना तोड़ने का चलन अभी पनपा नहीं है. उम्मीद है कि यह प्रयास अपने समय के मुद्दों को संदर्भ और विश्लेषण के साथ समझने में मदद करेगा.

लेखक के बारे में :
जनपक्षीय पत्रकारिता में बीते बारह सालों से सक्रिय. इस दौरान दिल्ली के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेष के गांवों को देखा-समझा. गरीबी, समाज के उत्पीडि़त वर्ग पर होने वाले अत्याचारों और सत्ता के ऊंचे पदों पर बैठे लोगों की अराजकता की वजह से आम आदमी पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को पत्रकारिता का विषय बनाया. 2002 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विष्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता की शिक्षा प्राप्त की. प्रतिष्ठित लाडली मीडिया पुरस्कार और सेंट्रल स्टडी ऑफ  डवल्पमेंट सोसाइटी, नई दिल्ली द्वारा मीडिया फेलोशिप सम्मान.
जन्मः   24 अक्टूबर, 1980

संप्रतिः  वरिष्ठ संवाददाता, तहलका
स्थान:        भोपाल, मध्य प्रदेश 
मोबाईल:     08827190959


Wednesday, October 2, 2013

’पत्रकार की जंग‘‘ फिल्म का निर्माण भोपाल में होगा

’’पत्रकार की जंग‘‘ फिल्म का निर्माण भोपाल में होगा 

प्रतिवाद मिडीया हाऊस द्वारा राष्ट्रीय एकता एवं पत्रकारिता के उच्चतम मापदंड एवं भ्रष्टाचारों के विरूद्व छेड़ी जंग पर ‘‘पत्रकारिता की जंग’’ फिल्म का निर्माण 2 अक्टूबर महात्मा गांधी के जन्म दिवस से प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमें स्थानीय पत्रकार कलाकारों का चयन किया गया है । फिल्म की एक यूनिट, बम्बई में कार्यरत है। 
फिल्म का निर्देषन मनीष सोनी करेंगे,जिन्होंने अनेक फिल्मों का निर्माण किया है फिल्म के निर्माण प्रमुख राजेन्द्र कष्यप,दीपक शर्मा एवं प्रतिवाद मीडिया हाऊस के बेनर तले फिल्म ‘‘पत्रकार की जंग’’ का निर्माण भोपाल एवं मध्यप्रदेष के अनेक स्थानों पर किया जायेगा।

राजेन्द्र कष्यप मोबाईल नंबर 9753041701 एम.आई.जी. 11/4 गीतांजली काम्पलेक्स पी एंड टी चैराहा भोपाल।

Saturday, September 28, 2013

मीडिया के सभी माध्यमों में 'वेब मीडिया' सबसे तेजी से आगे बढ़ रहा है

मीडिया के सभी माध्यमों में 'वेब मीडिया' सबसे तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि इसने पत्रकारिता का लोकतांत्रिकरण किया है। मुख्यधारा के मीडिया से लोग हताश और निराश हैं। सो, बड़े पैमाने पर लोग सोशल साइट्स, ब्लॉग और वेबसाइट के जरिए अपने विचार अभिव्यक्त कर रहे हैं। यहां वे स्वयं ही लेखक, संपादक और मालिक हैं। यह कम खर्चीला मीडिया माध्यम है। इसके लिए कागज की जरूरत नहीं, सो पर्यावरण के अनुकूल भी है। समय सीमा और भौगोलिक सीमा से मुक्त है। कोई समाचार अपलोड करते ही एक सेकेण्ड में पूरी दुनिया में फैल जाता है। कभी भी इसका अर्काइव देखा जा सकता है। अब लोग खबर के लिए समाचार-पत्र, रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर निर्भर नहीं हैं। फेसबुक और वेबसाइट से लोग आसानी से समाचार पा रहे हैं। अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में अन्य सभी मीडिया माध्यमों को वेबमाध्यम से कड़ी टक्कर मिल रही है। वहां के कई प्रमुख समाचार-पत्र बंद हो चुके हैं।

वेबमीडिया दिनोंदिन सशक्त हो रहा है और यह परिवर्तनकामी भूमिका भी निभा रहा है। समाजसेवी अन्ना हजारे की अगुआई में चले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में सोशल मीडिया ने प्रभावी भूमिका निभाई, यह हम सब जानते ही हैं। अब सभी राजनीतिक दल सोशल मीडिया पर विशेष प्रकोष्ठ भी बना रहे हैं।

उपरोक्त विशेषताएं होने के बाद भी वेबमीडिया की राह में कई चुनौतियां हैं। आर्थिक प्रारूप का अभाव। विज्ञापन के मामले में गूगल द्वारा भारतीय भाषाओं के साथ भेदभाव। असंसदीय भाषा का धड़ल्‍ले से प्रयोग। वेब मीडिया के लिए किसी आचारसंहिता का न होना। बिजली की दिक्कत, सो बहुसंख्यक आबादी तक इंटरनेट का ना पहुंच पाना।

यह सही है वेबमीडिया लगातार अपनी पहुंच व्यापक करता जा रहा है लेकिन उस पर विश्वसनीयता और प्रामाणिकता के प्रश्‍नचिन्ह लग रहे हैं। इसके साथ ही यह सवाल भी उठ रहे हैं कि मीडिया और राजनीति के अलावे क्या समाज-जीवन के अन्य क्षेत्रों की चर्चा वेबमीडिया पर हो रही है? वेबमीडिया में साहित्य, कला, संस्कृ्ति, विज्ञान आदि का क्या परिदृश्य है?

Rashtriya Media Chaupal 2013लोगों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित हो और नया मीडिया में विज्ञान को जगह मिले.. इसको लेकर "जन-जन के लिए विज्ञान, जन-जन के लिए मीडिया" थीम पर केंद्रित गत 14 एवं 15 सितम्बर को भोपाल में राष्ट्रीय मीडिया चौपाल-2013 का आयोजन सम्पन्न हुआ। पिछले साल भी यह चौपाल लगा था।अनिल सौमित्र जी, जो स्पंदन संस्था चलाते हैं और ब्लॉगर हैं, की पहल पर मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् तथा स्पंदन के संयुक्त तत्वावधान में यह चौपाल आयोजित हुआ। इस चौपाल में 6 तकनीकी सत्रों में गहन चर्चा हुई। देश के प्रमुख वैज्ञानिकों, तकनीकी विशेषज्ञों एवं वेब लेखकों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। देश भर से कुल 145 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें सर्वाधिक 35 प्रतिनिधि दिल्ली से रहे।

उद्घाटन सत्र। अतिथियों - भारत सरकार के वरिष्ठ वैज्ञानिक मनोज पटेरिया, विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद वर्मा, वरिष्ठ पत्रकार रमेश शर्मा, वेबदुनिया के संपादक जयदीप कर्णिक, वरिष्ठ पत्रकार गिरीश उपाध्याय द्वारा दीप-प्रज्वलन से शुभारंभ। अपने वक्‍तव्‍य में प्रो. प्रमोद वर्मा ने इस तरह के कार्यक्रम को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत पर बल दिया। कार्यक्रम के आयोजक व स्पंदन संस्था से जुड़े अनिल सौमित्र ने संचालन करते हुए मीडिया चौपाल की भूमिका रखी और कहा कि यह सब प्रयास इसलिए हो रहा है ताकि वेब मीडिया के संचारकों की क्षमता में वृद्धि हो।

पहला सत्र। 'नया मीडिया, नई चुनौतियां।' मुख्य वक्ता वेबदुनिया के संपादक जयदीप कर्णिक ने कहा कि हम तथ्य की जांच किये बिना उसे जल्दबाजी में फेसबुक, ट्विटर और ब्लॉग पर अपलोड कर देते हैं, यह ठीक नहीं है। इसलिए सोशल मीडिया की प्रामाणिकता और विश्वसनीयता बनाये रखने पर जोर देना होगा। इस सत्र के दौरान वरिष्ठ पत्रकार गिरीश उपध्याय, पत्रकार अनुराग अन्वेषी, मुक्ता पाठक, पंकज कुमार झा, यशवंत सिंह, वर्तिका तोमर, संजीव कुमार सिन्हा, उमेश चतुर्वेदी आदि ने भी अपने विचार रखें। इस सत्र की अध्यक्षता मध्यप्रदेश एकता समिति के उपाध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार रमेश शर्मा ने की एवं संचालन टीवी पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने किया।

दूसरा सत्र। 'विकास कार्य क्षेत्र और मीडिया अभिसरण (कन्वर्जेंस) की रूपरेखा।' इस सत्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक और मध्यप्रदेश शासन के वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. प्रमोद के वर्मा ने प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि किस तरह सोशल मीडिया समाज में वैज्ञानिक चेतना और जागरूकता लाने में मदद कर सकता है। मध्यप्रदेश एकता समिति के उपाध्यक्ष श्री रमेश शर्मा ने कहा कि भारत में विज्ञान की महान परम्परा रही है। भारत सरकार के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री मनोज पटेरिया भी उपस्थित थे। वरिष्ठ् पत्रकार श्रीमती स्मिता मिश्रा ने भी अपने विचार रखे।

तीसरा सत्र। 'आमजन में वैज्ञानिक दृष्टि का विकास और जन माध्यम।' मुख्य वक्ता वरिष्ठ वैज्ञानिक मनोज पटेरिया ने कहा कि वर्तमान में मीडिया में विज्ञान की खबरों को लेकर पर्याप्त कवरेज नहीं मिल पा रहा है। अगर हमें लोगों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करना है तो विज्ञान की खबरों को भी महत्व देना होगा। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीके कुठियाला ने कहा कि भारत में हमेशा से विज्ञान प्रतिष्ठित रहा है। उन्होंने चेताते हुए कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण के नाम पर पाश्चात्य देशों का अंधानुकरण न हो क्योंकि वहां तो और अंधविश्वास व्याप्त है।

चौपाल का दूसरा और अंतिम दिन।

चौथा सत्र। 'आपदा प्रबंधन और नया मीडिया।' मुख्य वक्ता विज्ञान प्रसार नई दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. सुबोध मोहंती ने कहा कि मुख्य धारा के मीडिया के सहयोगी के तौर पर नया मीडिया को देखना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि स्थायी विकास (सस्टेनेबल डेवलपमेंट) को आपदा के साथ जोड़ना होगा। सामान्य तौर पर हम आपदा की अनदेखी करते हैं। 'देखा जाएगा' यह प्रवृत्ति त्यागनी होगी। उन्होंने 33 तरह के आपदाओं पर प्रकाश डाला। इस सत्र में उत्तराखंड में आई विभीषिका के दौरान न्यू मीडिया के द्वारा किए गए कार्यों पर चर्चा की गई। इस सत्र का संचालन श्री पंकज झा (दीपकमल, रायपुर) ने किया।

पांचवां सत्र। ''जनमाध्यमों का अंतर्संबंध और नया मीडिया।'' मुख्या वक्ता भारतीय जनसंचार संस्थान के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रो. हेमंत जोशी ने न्यू मीडिया के परिप्रेक्ष्य में 'जन माध्यमों का अंतर्संबंध' विषय पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने 'सोशल मीडिया' नामकरण पर यह कहकर आपत्ति उठाई कि 'एंटी सोशल मीडिया' भी होता है क्या? उन्होंने आगे कहा कि ठीक है कि एक आंदोलन फेसबुक और ट्विटर से सफल हुआ और यदि वह विफल हुआ तो क्या इसका जिम्मा फेसबुक व ट्विटर को नहीं जाना चाहिए?लेखिका एवं शोधार्थी कायनात काजी ने 'समय की मांग-साहित्य में विज्ञान का समावेश' विषय पर प्रेजेंटेशन दिया। इस सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुबोध माहंती ने की।

समापन सत्र। मुक्‍त चिंतन। मप्र शासन के वैज्ञानिक सलाहकार एवं परिषद के महानिदेशक प्रो. प्रमोद के वर्मा ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। इस सत्र में 'नया मीडिया की विश्वसनीयता और प्रामाणिकता पर उठ रहे प्रश्‍नचिन्ह को देखते हुए क्या इस मीडिया में 'स्‍वनियमन' की आवश्यकता है', इस मुद्दे पर जमकर चर्चा हुई। इस सत्र का संचालन श्री अनिल पांडेय (द संडे इंडियन) ने किया एवं अध्‍यक्षता श्री उमेश चतुर्वेदी (टीवी पत्रकार एवं ब्‍लॉगर) ने की। विभिन्न सत्रों की कार्यवाहियों को मैपकोस्ट के वरिष्ठ वैज्ञानिक डीके पाण्डेय ने प्रस्तुत किया।

ये रहे उपस्थित : "मीडिया चौपाल-2013" में श्री हर्षवर्धन त्रिपाठी (टीवी पत्रकार और ब्लॉगर), श्री अनिल पाण्डेय (द संडे इंडियन), श्री यशवंत सिंह (भड़ासफॉरमीडिया डॉट कॉम), श्री संजीव सिन्हा (प्रवक्ता डॉट कॉम), श्री आशीष कुमार 'अंशु', श्री अनुराग अन्वेषी, श्री सिद्धार्थ झा, श्री पंकज साव, श्री उमेश चतुर्वेदी, श्री पंकज झा (दीपकमल, रायपुर), श्री शिराज केसर, सुश्री मीनाक्षी अरोड़ा (इंडिया वाटर पोर्टल), श्री चंद्रकांत जोशी (हिन्दी इन डॉट कॉम, मुम्बई), श्री लोकेन्द्र सिंह (ग्वालियर), श्री विकास दवे (कार्यकारी संपादक, देवपुत्र, इंदौर), श्री राजीव गुप्ता, सुश्री वर्तिका तोमर, ठाकुर गौतम कात्यायन (पटना), श्री अभिषेक रंजन, श्री अंकुर विजयवर्गीय (नई दिल्ली), श्री प्रवीण शुक्ला, श्री शिवानंद द्विवेदी 'सहर', श्री अवनीश सिंह (हिंदुस्थान समाचार), श्री आशुतोष झा, श्री विभय कुमार झा, श्री नीरज पाठक, श्री रामचंद्र झा, श्री प्रेम कुमार, श्री श्रवण कुमार शुक्ला, श्री राजेश रंजन...की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

भोपाल से मीडिया चौपाल में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के प्राध्यापक पुष्पेन्द्र पाल, संजय द्वेदी, डॉ. सौरभ मालवीय, मोनिका वर्मा, लाल बहादुर ओझा, सुरेन्द्र पाल, वरिष्ठ पत्रकार गिरीश उपाध्याय, द बिजनेस स्टैंडर्ड के मध्यप्रदेश प्रभारी शशिकांत त्रिवेदी, द वीक के दीपक तिवारी, श्री अमरजीत कुमार, वेब पत्रकार हर्ष सुहालका, जय शर्मा केतकी, स्तंभ लेखक गोपाल कृष्ण छिब्बर, मुक्ता पाठक, शैफाली पाण्डेय, वरिष्ठ पत्रकार सुचान्दना गुप्ता, हरिअग्र हरी, सरमन नगले उपस्थित रहे।
मीडिया चौपाल-2013 के समापन सत्र में उठी प्रमुख बातें –

• न्यू मीडिया के लेखकों को एकजुट रहने के लिए किसी सक्रिय मंच की सख्त आवश्‍यकता। एक टीम बननी चाहिए। पत्रकारों के दमन के खिलाफ आवाज उठनी चाहिए। - यशवंत सिंह, सीइओ, भड़ासफॉरमीडिया डॉट कॉम।

• वेबपत्रकारों को मान्यता मिले। - हर्षवर्धन त्रिपाठी, टीवी पत्रकार एवं ब्लॉगर।

• न्यू मीडिया के लिए जो भी संगठन बने उनका अन्य मीडिया संगठनों से समन्वय हो। - स्मिता मिश्र, स्तंभ लेखिका।

• संगठन को सशक्त करने के लिए सदस्यता राशि - 1000 रुपए रखी जाय- संदीप

• मीडिया चौपाल के लिए एक वेबसाइट की जरूरत। कानूनी जागरूकता की आवश्यकता। - दामोदर

• मीडिया चौपाल का सांस्थानिक स्वूरूप ठीक नहीं। जब भी संगठन बनने की बात होने लगती है तो मुझे डर लगने लगता है। - आशीष कुमार 'अंशु', ब्लॉंगर।

• सांस्थानिक स्वरूप समय की मांग है। - अनुराग अन्वेषी, वरिष्‍ठ पत्रकार।

• खूब चर्चा करें, फिर इसे अगली बार साकार करें। - हेमंत जोशी, प्रोफेसर, आईआईएमसी।

• मीडिया चौपाल को संस्थागत स्वरूप दें लेकिन उसकी प्रवृत्ति चौपाल की ही हो।–प्रो. बीके कुठियाला, कुलपति, माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय

• आर्थिक प्रारूप कैसे विकसित हो, इस पर जोर दें। सहज विज्ञापन मिले, इस हेतु सरकार तक जाकर अपनी बात रखनी चाहिए। छत्तीसगढ़ से शुरूआत करें, मैं पहल के तैयार हूं। - पंकज झा, स्तंभ लेखक

• भारतीय भाषाओं के साथ गूगल का भेदभाव, पीआईबी में वेबपत्रकारों के लिए मान्यता, डीएवीपी में विज्ञापन के लिए जो शर्तें हैं, उस पर पुनर्विचार, वेबपत्रकारों को सरकारी मान्यता, इस सब विषयों पर हमारा कोई प्रतिनिधिमंडल संबंधित संस्था के पास जाकर अपनी बात रखें। - संजीव कुमार सिन्हा, संपादक, प्रवक्ता डॉट कॉम

• वेबमीडिया के लिए स्वनियमन की बात ठीक नहीं है। - उमेश चतुर्वेदी, टीवी पत्रकार एवं ब्‍लॉगर
(प्रस्‍तुति : संजीव कुमार सिन्‍हा)

Sunday, September 22, 2013

वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन भोपाल की आवष्यक बैठक 27 सितम्बर को पत्रकार भवन में होगी।

वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन भोवर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन भोपाल की आवष्यक बैठक 27 सितम्बर को पत्रकार भवन में होगी।
भोपाल। वर्कि्रग जर्नलिस्ट यूनियन भोपाल की आवष्यक बैठक  दिनांक 27 सितबंर को पत्रकार भवन में दोपहर 12.00 बजे होगी । आमंत्रित सदस्यों को ठीक समय पर उपस्थित होने का आग्रह है।

स्थानः- पत्रकार भवन                            राजेन्द्र सिंह कष्यप
दिनांकः-27/09/2013                             आयोजक
समयः-दोपहर 12.00 बजे             संभागीय अध्यक्ष वर्किग जर्नलिस्ट यूनियन भोपाल

मो.न. 9753041701पाल की आवष्यक बैठक 27 सितम्बर को पत्रकार भवन में होगी।

Thursday, August 1, 2013

इ गर्वनस शब्द शासकीय भाषा में केन्द्र एवं राज्यों शासनों में प्रचलित हैं लेकिन मध्यप्रदेश जन संपर्क ने नया शब्द इजाद कर लिया है- ए

अबतक इ गर्वनस शब्द शासकीय भाषा में केन्द्र एवं राज्यों शासनों में प्रचलित हैं लेकिन मध्यप्रदेश जन संपर्क ने नया शब्द इजाद कर लिया है- एम गर्वनेस जिसके अन्र्तगत जनसम्पर्क विभाग के अपर सचिव एवं अपर संचालक जो पिछले एक दशक से ज्यादा समय से विज्ञापन शाखा को देख रहे है। और इसके माध्यम में अपने नित्य सखा अथवा साझेदार को लाभ पहुँचाने में कोई कसर नही छोड़ते है।

पिछले वित्तीय वर्ष में मुख्यमंत्री के मोबाईल संदेश के नाम पर १५ लाख रूपये और इस वित्तीय वर्ष में ६ लाख रूपये एम गर्वनेस के नाम पर सामाजिक न्याय विभाग से नशा मुक्ति मोबाईल संदेश के नाम पर वेबसाइट mppost.com को भुगतान किया गया हैं। विभाग की तरफ से पत्र लिखकर राशि का आवन्टन मंगवाया जाना भी एक विचारनीय और जाँच का मुद्दा हैं, मध्यप्रदेश में भाजपा चुनाव में हारती हैं तो ठिकरा लाजपत अहुजा के नाम फूटना तय हैं परन्तु वह तब वो करोड़ो की हेरा-फेरी कर चुका होगा और सेवानिवृत्त हो जाएगा ।

हम यहॉ स्पष्ट करना चाहेंगे कि भाजपा नेता सुश्री उमा भारती के खिलाफ श्री दिग्विजय सिंह ने मानहानि का मामला दायर किया था तब mppost.com के कर्ताधर्ता सरमन नगेले उनके गवाह थे। इन्हे जब भी मौका मिलता है आहुजा उपक्रत करने का अवसर चुकते नही है फलाँ संघियों की जमात को कौन समझाऐं कि विभीषण और रावण दोनों उनके यहॉ विघमान है।

Thursday, July 25, 2013

Sunday, July 21, 2013

news

श्री के0 विक्रम राव जी,
अध्यक्ष फेडरेषन आॅफ इंडियन जर्नलिस्ट,यूनियन
नई दिल्ली ।

विषयः- मध्यप्रदेष केें संगठन में एकता हेतु।
मध्यप्रदेष में गत 14 वर्षें से एकाधिकार,मनमानी,संघ के नाम पर व्यक्तिगत स्वार्थ प्रतिपूर्ति एवं पद पर रह कर संगठन के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने से संघ में फूट बढ़ती जा रही है, और प्रदेष में संगठन को गैर पत्रकार,अस्तित्वहीन कहने से नहीं चूक रहे है।
अक्टूबर 19,20,21 को भोपाल में आयोजित अखिल भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ में का 14 वां अधिवेषन भोपाल में हुआ था  जिसके  भोपाल  श्रमजीवी पत्रकार संघ (संगठित)ने अपने (बायलाज) विधान में लिखित रूप में, आई एफ डब्लू जे  से हमेषा जुड़े रहने का संकल्प दोहराया था, जिसमें विंध्य क्षत्रिय श्रमजीवी प.कार संघ रीवा सुुुुषील दीक्षित महाकौषल श्रेत्रिय श्रमजीवी पत्रकार संघ भगवती प्रसाद बाजपेयी, दण्डकारण्य क्षेत्रिय श्रमजीवी पत्रकार संघ के0वासु0ग्वालियर ,चंबंल संभागीय श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष दिनकर वी0 लेलेख् के साथ धन्नाला षाह प्रेम श्रीवास्तवख् एल0एस0 हरदेनिया सहित सैकड़ो पत्रकारों ने ,आई एफ डब्लू जे  से जुड़े रहने का प्रस्ताव पारित किया था और पत्रकार भवन को इसी संगठन से हमेशा जुड़े रखने के लिये एक समिति बनाने का निर्णय लिया गया था। इसी भावना के अनुरूप पत्रकार  भवन समिति का विधान बनाया गया जिसमें आई एफ डब्ल्यू जे के राष्ट्रीय पदाधिकारियों राष्ट्रीय पार्षदों,प्रतिनिधियों से भी विचार एवं सुझाव लिये गये थें।
इसके पूर्व  वर्ष 1967 में मध्यप्रदेष श्रमजीवी पत्रकार संघ का भोपाल में अधिवेषन हुआ था। उसमें भी पत्रकार भवन समिति के  निमार्ण का प्रस्ताव पास हुआ था। इस समय भोपाल सहित प्रदेश के संगठन को मजबूत बनाने के लिये शीघ्र ही कोई संयोजक/एडहाक कमेटी बना दी जाये जो कि भोपाल में या इंदौर के आई एफ डब्लू जे  का राष्ट्रीय सम्मेलन शीघ्र ही कराये जाने की आवश्यकता है,जोकि वर्ष 2013 के अक्टूबर माह में भी कराया जा सकता है।

1 पत्रकार भवन समिति के चुनाव से पूर्व भोपाल श्रमजीवी पत्रकार संघ की सदस्यता में केवल आई एफ डब्लू जे के प्रति निष्ठावान सदस्य ही रखा जाये उन्य संगठनों से जुड़ेे पत्रकारों को सदस्यता न दी जाये।
2 व्यक्तिगत हित साधने हेतु शासन से विज्ञापन, सुविधाये लेने और जिसकी पत्रकार जगत में छबि स्वच्छ न हो उनको कमेटी में न लिया जाये। समाचार पत्र के मालिकों को पदाधिकारी न बनाया जाये।
3 पूरे प्रदेश में संगठन को आगामी समय में मजबूत बनाने हेतु संभागीय/जिला/तहसीलस्तर पर पर्यवेक्षक नियुक्त कराया जाये ।
4 भोपाल के पत्रकार भवन संघ के कब्जे में रखने के लिये जरूरी है कि भोपाल के सभी पत्रकारों को जो संघ के प्रति वफादार हैं, उनको  महत्व दिया जावे
5 पूर्व पदाधिकारियों को भी भोपाल श्रमजीवी पत्रकार संघ का निर्वाचित अध्यक्ष/महामंत्री जो स्वयं ही पत्रकार समिति की कार्यकारणी समिति के सदस्य बन जाते हैंै। अत‘ भोपाल के संघ के चुनाव क ेसमय आपके द्वारा मनोनीत पयवेक्षक की उपस्थिति में चुनाव किये जायें।
6 वर्तमान चुनाव रमेश तिवारी अध्यक्ष गलत ढ़ंग से मात्र चालीस मिनट में छ‘ लोगोें की उपस्थिति में कर लिये गये जो पूरी तरह से गलत हैं।
7 इस चूनाव के बाद भोपाल के पत्रकारों में फुट वढ़ गई उन्होनें पत्रकार भवन जाना छोड़ दिया।
8 इस बार फरवरी में पत्रकार भवन समिति के चुनाव में आप द्वारा भेजी गई सूची पर ही चुनाव होंगें तभी पत्रकार भवन पर पूर्ण कब्जा हो पायेगा।
9 जो पत्रकार (विजय तिवारी लखनउ/भोपाल) जो फेसबुक पर केंिद्रय नेतृत्व को बदनाम करते हैंे उनके साथी पत्रकारों को संघ का सदस्य न बनाया जाय। भोपाल में संगठन के पूर्व पदाधिकारियों ने संगठन के बारे में यह प्रचार करा रहा है कि अध्यक्ष/आयोजक वही बनता है जो एक लाख का गुप्तदान देता है। मैं इसका लगातार खंडन करता रहा हूं।
10 पूरे देश में सबसे ज्यादा विवाद केवल मध्यप्रदेश मे है,क्योंकि करोडों की संपत्ति का पत्रकार भवन पर इस बार यदि पूर्ण कब्जा हो गया तो फिर कभी भी यह हमारे हाथ में नहीं आ पायेगा अभी थोड़ी उम्मीद है कियदि संगठन मजबूत हो गया तो पत्रकार भवन संगठन के हाथ रहेगा। अभी तक 80 लाख रूपये पत्रकार भवन समिति के खाते में जमा है।, जो अभी तक हम उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।
कृपया निवेदन है कि उचित निर्णय लेकर आदेश दें क्योंकविरोधी संगठन  षड़यंत्र में लगा है।

 दिनांक  21/07/2013
                                   
                                                                                                  आपका
                                                                                               राजेन्द्र कश्यप
                                                                                                पूर्व अध्यक्ष
                                                                                         भोपाल श्रमजीवी पत्रकार संघ
                                                                                              भोपाल इकाई


news

प्रति,
श्री के0 विक्रम राव जी,
अध्यक्ष फेडरेषन आॅफ इंडियन जर्नलिस्ट,यूनियन
नई दिल्ली ।

विषयः- मध्यप्रदेष केें संगठन में एकता हेतु।
मध्यप्रदेष में गत 14 वर्षें से एकाधिकार,मनमानी,संघ के नाम पर व्यक्तिगत स्वार्थ प्रतिपूर्ति एवं पद पर रह कर संगठन के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने से संघ में फूट बढ़ती जा रही है, और प्रदेष में संगठन को गैर पत्रकार,अस्तित्वहीन कहने से नहीं चूक रहे है।
अक्टूबर 19,20,21 को भोपाल में आयोजित अखिल भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ में का 14 वां अधिवेषन भोपाल में हुआ था  जिसके  भोपाल  श्रमजीवी पत्रकार संघ (संगठित)ने अपने (बायलाज) विधान में लिखित रूप में, आई एफ डब्लू जे  से हमेषा जुड़े रहने का संकल्प दोहराया था, जिसमें विंध्य क्षत्रिय श्रमजीवी प.कार संघ रीवा सुुुुषील दीक्षित महाकौषल श्रेत्रिय श्रमजीवी पत्रकार संघ भगवती प्रसाद बाजपेयी, दण्डकारण्य क्षेत्रिय श्रमजीवी पत्रकार संघ के0वासु0ग्वालियर ,चंबंल संभागीय श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष दिनकर वी0 लेलेख् के साथ धन्नाला षाह प्रेम श्रीवास्तवख् एल0एस0 हरदेनिया सहित सैकड़ो पत्रकारों ने ,आई एफ डब्लू जे  से जुड़े रहने का प्रस्ताव पारित किया था और पत्रकार भवन को इसी संगठन से हमेशा जुड़े रखने के लिये एक समिति बनाने का निर्णय लिया गया था। इसी भावना के अनुरूप पत्रकार  भवन समिति का विधान बनाया गया जिसमें आई एफ डब्ल्यू जे के राष्ट्रीय पदाधिकारियों राष्ट्रीय पार्षदों,प्रतिनिधियों से भी विचार एवं सुझाव लिये गये थें।
इसके पूर्व  वर्ष 1967 में मध्यप्रदेष श्रमजीवी पत्रकार संघ का भोपाल में अधिवेषन हुआ था। उसमें भी पत्रकार भवन समिति के  निमार्ण का प्रस्ताव पास हुआ था। इस समय भोपाल सहित प्रदेश के संगठन को मजबूत बनाने के लिये शीघ्र ही कोई संयोजक/एडहाक कमेटी बना दी जाये जो कि भोपाल में या इंदौर के आई एफ डब्लू जे  का राष्ट्रीय सम्मेलन शीघ्र ही कराये जाने की आवश्यकता है,जोकि वर्ष 2013 के अक्टूबर माह में भी कराया जा सकता है।

1 पत्रकार भवन समिति के चुनाव से पूर्व भोपाल श्रमजीवी पत्रकार संघ की सदस्यता में केवल आई एफ डब्लू जे के प्रति निष्ठावान सदस्य ही रखा जाये उन्य संगठनों से जुड़ेे पत्रकारों को सदस्यता न दी जाये।
2 व्यक्तिगत हित साधने हेतु शासन से विज्ञापन, सुविधाये लेने और जिसकी पत्रकार जगत में छबि स्वच्छ न हो उनको कमेटी में न लिया जाये। समाचार पत्र के मालिकों को पदाधिकारी न बनाया जाये।
3 पूरे प्रदेश में संगठन को आगामी समय में मजबूत बनाने हेतु संभागीय/जिला/तहसीलस्तर पर पर्यवेक्षक नियुक्त कराया जाये ।
4 भोपाल के पत्रकार भवन संघ के कब्जे में रखने के लिये जरूरी है कि भोपाल के सभी पत्रकारों को जो संघ के प्रति वफादार हैं, उनको  महत्व दिया जावे
5 पूर्व पदाधिकारियों को भी भोपाल श्रमजीवी पत्रकार संघ का निर्वाचित अध्यक्ष/महामंत्री जो स्वयं ही पत्रकार समिति की कार्यकारणी समिति के सदस्य बन जाते हैंै। अत‘ भोपाल के संघ के चुनाव क ेसमय आपके द्वारा मनोनीत पयवेक्षक की उपस्थिति में चुनाव किये जायें।
6 वर्तमान चुनाव रमेश तिवारी अध्यक्ष गलत ढ़ंग से मात्र चालीस मिनट में छ‘ लोगोें की उपस्थिति में कर लिये गये जो पूरी तरह से गलत हैं।
7 इस चूनाव के बाद भोपाल के पत्रकारों में फुट वढ़ गई उन्होनें पत्रकार भवन जाना छोड़ दिया।
8 इस बार फरवरी में पत्रकार भवन समिति के चुनाव में आप द्वारा भेजी गई सूची पर ही चुनाव होंगें तभी पत्रकार भवन पर पूर्ण कब्जा हो पायेगा।
9 जो पत्रकार (विजय तिवारी लखनउ/भोपाल) जो फेसबुक पर केंिद्रय नेतृत्व को बदनाम करते हैंे उनके साथी पत्रकारों को संघ का सदस्य न बनाया जाय। भोपाल में संगठन के पूर्व पदाधिकारियों ने संगठन के बारे में यह प्रचार करा रहा है कि अध्यक्ष/आयोजक वही बनता है जो एक लाख का गुप्तदान देता है। मैं इसका लगातार खंडन करता रहा हूं।
10 पूरे देश में सबसे ज्यादा विवाद केवल मध्यप्रदेश मे है,क्योंकि करोडों की संपत्ति का पत्रकार भवन पर इस बार यदि पूर्ण कब्जा हो गया तो फिर कभी भी यह हमारे हाथ में नहीं आ पायेगा अभी थोड़ी उम्मीद है कियदि संगठन मजबूत हो गया तो पत्रकार भवन संगठन के हाथ रहेगा। अभी तक 80 लाख रूपये पत्रकार भवन समिति के खाते में जमा है।, जो अभी तक हम उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।
कृपया निवेदन है कि उचित निर्णय लेकर आदेश दें क्योंकविरोधी संगठन  षड़यंत्र में लगा है।

 दिनांक  21/07/2013
                                   
                                                                                                  आपका
                                                                                               राजेन्द्र कश्यप
                                                                                                पूर्व अध्यक्ष
                                                                                         भोपाल श्रमजीवी पत्रकार संघ
                                                                                              भोपाल इकाई