Thursday, July 25, 2013

Sunday, July 21, 2013

news

श्री के0 विक्रम राव जी,
अध्यक्ष फेडरेषन आॅफ इंडियन जर्नलिस्ट,यूनियन
नई दिल्ली ।

विषयः- मध्यप्रदेष केें संगठन में एकता हेतु।
मध्यप्रदेष में गत 14 वर्षें से एकाधिकार,मनमानी,संघ के नाम पर व्यक्तिगत स्वार्थ प्रतिपूर्ति एवं पद पर रह कर संगठन के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने से संघ में फूट बढ़ती जा रही है, और प्रदेष में संगठन को गैर पत्रकार,अस्तित्वहीन कहने से नहीं चूक रहे है।
अक्टूबर 19,20,21 को भोपाल में आयोजित अखिल भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ में का 14 वां अधिवेषन भोपाल में हुआ था  जिसके  भोपाल  श्रमजीवी पत्रकार संघ (संगठित)ने अपने (बायलाज) विधान में लिखित रूप में, आई एफ डब्लू जे  से हमेषा जुड़े रहने का संकल्प दोहराया था, जिसमें विंध्य क्षत्रिय श्रमजीवी प.कार संघ रीवा सुुुुषील दीक्षित महाकौषल श्रेत्रिय श्रमजीवी पत्रकार संघ भगवती प्रसाद बाजपेयी, दण्डकारण्य क्षेत्रिय श्रमजीवी पत्रकार संघ के0वासु0ग्वालियर ,चंबंल संभागीय श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष दिनकर वी0 लेलेख् के साथ धन्नाला षाह प्रेम श्रीवास्तवख् एल0एस0 हरदेनिया सहित सैकड़ो पत्रकारों ने ,आई एफ डब्लू जे  से जुड़े रहने का प्रस्ताव पारित किया था और पत्रकार भवन को इसी संगठन से हमेशा जुड़े रखने के लिये एक समिति बनाने का निर्णय लिया गया था। इसी भावना के अनुरूप पत्रकार  भवन समिति का विधान बनाया गया जिसमें आई एफ डब्ल्यू जे के राष्ट्रीय पदाधिकारियों राष्ट्रीय पार्षदों,प्रतिनिधियों से भी विचार एवं सुझाव लिये गये थें।
इसके पूर्व  वर्ष 1967 में मध्यप्रदेष श्रमजीवी पत्रकार संघ का भोपाल में अधिवेषन हुआ था। उसमें भी पत्रकार भवन समिति के  निमार्ण का प्रस्ताव पास हुआ था। इस समय भोपाल सहित प्रदेश के संगठन को मजबूत बनाने के लिये शीघ्र ही कोई संयोजक/एडहाक कमेटी बना दी जाये जो कि भोपाल में या इंदौर के आई एफ डब्लू जे  का राष्ट्रीय सम्मेलन शीघ्र ही कराये जाने की आवश्यकता है,जोकि वर्ष 2013 के अक्टूबर माह में भी कराया जा सकता है।

1 पत्रकार भवन समिति के चुनाव से पूर्व भोपाल श्रमजीवी पत्रकार संघ की सदस्यता में केवल आई एफ डब्लू जे के प्रति निष्ठावान सदस्य ही रखा जाये उन्य संगठनों से जुड़ेे पत्रकारों को सदस्यता न दी जाये।
2 व्यक्तिगत हित साधने हेतु शासन से विज्ञापन, सुविधाये लेने और जिसकी पत्रकार जगत में छबि स्वच्छ न हो उनको कमेटी में न लिया जाये। समाचार पत्र के मालिकों को पदाधिकारी न बनाया जाये।
3 पूरे प्रदेश में संगठन को आगामी समय में मजबूत बनाने हेतु संभागीय/जिला/तहसीलस्तर पर पर्यवेक्षक नियुक्त कराया जाये ।
4 भोपाल के पत्रकार भवन संघ के कब्जे में रखने के लिये जरूरी है कि भोपाल के सभी पत्रकारों को जो संघ के प्रति वफादार हैं, उनको  महत्व दिया जावे
5 पूर्व पदाधिकारियों को भी भोपाल श्रमजीवी पत्रकार संघ का निर्वाचित अध्यक्ष/महामंत्री जो स्वयं ही पत्रकार समिति की कार्यकारणी समिति के सदस्य बन जाते हैंै। अत‘ भोपाल के संघ के चुनाव क ेसमय आपके द्वारा मनोनीत पयवेक्षक की उपस्थिति में चुनाव किये जायें।
6 वर्तमान चुनाव रमेश तिवारी अध्यक्ष गलत ढ़ंग से मात्र चालीस मिनट में छ‘ लोगोें की उपस्थिति में कर लिये गये जो पूरी तरह से गलत हैं।
7 इस चूनाव के बाद भोपाल के पत्रकारों में फुट वढ़ गई उन्होनें पत्रकार भवन जाना छोड़ दिया।
8 इस बार फरवरी में पत्रकार भवन समिति के चुनाव में आप द्वारा भेजी गई सूची पर ही चुनाव होंगें तभी पत्रकार भवन पर पूर्ण कब्जा हो पायेगा।
9 जो पत्रकार (विजय तिवारी लखनउ/भोपाल) जो फेसबुक पर केंिद्रय नेतृत्व को बदनाम करते हैंे उनके साथी पत्रकारों को संघ का सदस्य न बनाया जाय। भोपाल में संगठन के पूर्व पदाधिकारियों ने संगठन के बारे में यह प्रचार करा रहा है कि अध्यक्ष/आयोजक वही बनता है जो एक लाख का गुप्तदान देता है। मैं इसका लगातार खंडन करता रहा हूं।
10 पूरे देश में सबसे ज्यादा विवाद केवल मध्यप्रदेश मे है,क्योंकि करोडों की संपत्ति का पत्रकार भवन पर इस बार यदि पूर्ण कब्जा हो गया तो फिर कभी भी यह हमारे हाथ में नहीं आ पायेगा अभी थोड़ी उम्मीद है कियदि संगठन मजबूत हो गया तो पत्रकार भवन संगठन के हाथ रहेगा। अभी तक 80 लाख रूपये पत्रकार भवन समिति के खाते में जमा है।, जो अभी तक हम उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।
कृपया निवेदन है कि उचित निर्णय लेकर आदेश दें क्योंकविरोधी संगठन  षड़यंत्र में लगा है।

 दिनांक  21/07/2013
                                   
                                                                                                  आपका
                                                                                               राजेन्द्र कश्यप
                                                                                                पूर्व अध्यक्ष
                                                                                         भोपाल श्रमजीवी पत्रकार संघ
                                                                                              भोपाल इकाई


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प्रति,
श्री के0 विक्रम राव जी,
अध्यक्ष फेडरेषन आॅफ इंडियन जर्नलिस्ट,यूनियन
नई दिल्ली ।

विषयः- मध्यप्रदेष केें संगठन में एकता हेतु।
मध्यप्रदेष में गत 14 वर्षें से एकाधिकार,मनमानी,संघ के नाम पर व्यक्तिगत स्वार्थ प्रतिपूर्ति एवं पद पर रह कर संगठन के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने से संघ में फूट बढ़ती जा रही है, और प्रदेष में संगठन को गैर पत्रकार,अस्तित्वहीन कहने से नहीं चूक रहे है।
अक्टूबर 19,20,21 को भोपाल में आयोजित अखिल भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ में का 14 वां अधिवेषन भोपाल में हुआ था  जिसके  भोपाल  श्रमजीवी पत्रकार संघ (संगठित)ने अपने (बायलाज) विधान में लिखित रूप में, आई एफ डब्लू जे  से हमेषा जुड़े रहने का संकल्प दोहराया था, जिसमें विंध्य क्षत्रिय श्रमजीवी प.कार संघ रीवा सुुुुषील दीक्षित महाकौषल श्रेत्रिय श्रमजीवी पत्रकार संघ भगवती प्रसाद बाजपेयी, दण्डकारण्य क्षेत्रिय श्रमजीवी पत्रकार संघ के0वासु0ग्वालियर ,चंबंल संभागीय श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष दिनकर वी0 लेलेख् के साथ धन्नाला षाह प्रेम श्रीवास्तवख् एल0एस0 हरदेनिया सहित सैकड़ो पत्रकारों ने ,आई एफ डब्लू जे  से जुड़े रहने का प्रस्ताव पारित किया था और पत्रकार भवन को इसी संगठन से हमेशा जुड़े रखने के लिये एक समिति बनाने का निर्णय लिया गया था। इसी भावना के अनुरूप पत्रकार  भवन समिति का विधान बनाया गया जिसमें आई एफ डब्ल्यू जे के राष्ट्रीय पदाधिकारियों राष्ट्रीय पार्षदों,प्रतिनिधियों से भी विचार एवं सुझाव लिये गये थें।
इसके पूर्व  वर्ष 1967 में मध्यप्रदेष श्रमजीवी पत्रकार संघ का भोपाल में अधिवेषन हुआ था। उसमें भी पत्रकार भवन समिति के  निमार्ण का प्रस्ताव पास हुआ था। इस समय भोपाल सहित प्रदेश के संगठन को मजबूत बनाने के लिये शीघ्र ही कोई संयोजक/एडहाक कमेटी बना दी जाये जो कि भोपाल में या इंदौर के आई एफ डब्लू जे  का राष्ट्रीय सम्मेलन शीघ्र ही कराये जाने की आवश्यकता है,जोकि वर्ष 2013 के अक्टूबर माह में भी कराया जा सकता है।

1 पत्रकार भवन समिति के चुनाव से पूर्व भोपाल श्रमजीवी पत्रकार संघ की सदस्यता में केवल आई एफ डब्लू जे के प्रति निष्ठावान सदस्य ही रखा जाये उन्य संगठनों से जुड़ेे पत्रकारों को सदस्यता न दी जाये।
2 व्यक्तिगत हित साधने हेतु शासन से विज्ञापन, सुविधाये लेने और जिसकी पत्रकार जगत में छबि स्वच्छ न हो उनको कमेटी में न लिया जाये। समाचार पत्र के मालिकों को पदाधिकारी न बनाया जाये।
3 पूरे प्रदेश में संगठन को आगामी समय में मजबूत बनाने हेतु संभागीय/जिला/तहसीलस्तर पर पर्यवेक्षक नियुक्त कराया जाये ।
4 भोपाल के पत्रकार भवन संघ के कब्जे में रखने के लिये जरूरी है कि भोपाल के सभी पत्रकारों को जो संघ के प्रति वफादार हैं, उनको  महत्व दिया जावे
5 पूर्व पदाधिकारियों को भी भोपाल श्रमजीवी पत्रकार संघ का निर्वाचित अध्यक्ष/महामंत्री जो स्वयं ही पत्रकार समिति की कार्यकारणी समिति के सदस्य बन जाते हैंै। अत‘ भोपाल के संघ के चुनाव क ेसमय आपके द्वारा मनोनीत पयवेक्षक की उपस्थिति में चुनाव किये जायें।
6 वर्तमान चुनाव रमेश तिवारी अध्यक्ष गलत ढ़ंग से मात्र चालीस मिनट में छ‘ लोगोें की उपस्थिति में कर लिये गये जो पूरी तरह से गलत हैं।
7 इस चूनाव के बाद भोपाल के पत्रकारों में फुट वढ़ गई उन्होनें पत्रकार भवन जाना छोड़ दिया।
8 इस बार फरवरी में पत्रकार भवन समिति के चुनाव में आप द्वारा भेजी गई सूची पर ही चुनाव होंगें तभी पत्रकार भवन पर पूर्ण कब्जा हो पायेगा।
9 जो पत्रकार (विजय तिवारी लखनउ/भोपाल) जो फेसबुक पर केंिद्रय नेतृत्व को बदनाम करते हैंे उनके साथी पत्रकारों को संघ का सदस्य न बनाया जाय। भोपाल में संगठन के पूर्व पदाधिकारियों ने संगठन के बारे में यह प्रचार करा रहा है कि अध्यक्ष/आयोजक वही बनता है जो एक लाख का गुप्तदान देता है। मैं इसका लगातार खंडन करता रहा हूं।
10 पूरे देश में सबसे ज्यादा विवाद केवल मध्यप्रदेश मे है,क्योंकि करोडों की संपत्ति का पत्रकार भवन पर इस बार यदि पूर्ण कब्जा हो गया तो फिर कभी भी यह हमारे हाथ में नहीं आ पायेगा अभी थोड़ी उम्मीद है कियदि संगठन मजबूत हो गया तो पत्रकार भवन संगठन के हाथ रहेगा। अभी तक 80 लाख रूपये पत्रकार भवन समिति के खाते में जमा है।, जो अभी तक हम उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।
कृपया निवेदन है कि उचित निर्णय लेकर आदेश दें क्योंकविरोधी संगठन  षड़यंत्र में लगा है।

 दिनांक  21/07/2013
                                   
                                                                                                  आपका
                                                                                               राजेन्द्र कश्यप
                                                                                                पूर्व अध्यक्ष
                                                                                         भोपाल श्रमजीवी पत्रकार संघ
                                                                                              भोपाल इकाई


Wednesday, July 10, 2013

राघवजी की जमानत याचिका पर सुनवाई

भोपाल : मध्य प्रदेश में नौकर से अप्राकृतिक कृत्य के मामले में 22 जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए पूर्व वित्तमंत्री राघवजी की जमानत याचिका पर सुनवाई गुरुवार 11 जुलाई को होगी।

घरेलू नौकर राजकुमार दांगी से अप्राकृतिक कृत्य करने के आरोप में राघवजी को पहले मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था और फिर भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया गया। मंगलवार को राघवजी को पुलिस ने गिरफ्तार किया और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया जहां से उन्हें 22 जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

पॉलिसियों की गड़बड़ी के सिलसिले में सीबीआई के छापे

भोपाल 10 जुलाई 2013। एलआईसी की पॉलिसियों की गड़बड़ी के सिलसिले में सीबीआई ने इंदौर में बीमा कंपनी के कर्मचारियों के ठिकानों पर एक साथ छापे मारे।
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की पॉलिसियों की प्रीमियम राशि की गड़बड़ी के सिलसिले में सीबीआई ने इंदौर और ग्वालियर में सार्वजनिक क्षेत्र की इस बीमा कंपनी के कर्मचारियों और एजेंटों के ठिकानों पर मंगलवार को एक साथ छापे मारे।
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि इंदौर में आठ और ग्वालियर में एक स्थान पर एलआईसी के कर्मचारियों और एजेंटों के ठिकानों पर छापामार मुहिम शुरू की गयी।
खबर लिखे जाने तक सीबीआई छापे जारी थे और इस सिलसिले में विस्तृत विवरण नहीं मिल सका था।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लडाई में थके नहीं लोग: अन्ना

भोपाल 10 जुलाई 2013। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने लोगों से भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिये लगातार कार्य करते रहने और न थकने की सलाह दी है।
हजारे ने मंगलवार को ‘जनतंत्र यात्रा’ के दौरान संवाददाताओं से कहा कि हम जो करते हैं उसमें सफलता नहीं मिलती और मन में थकावट आ जाती है। लेकिन लोग इस थकावट को न आने दें और अपना कर्तव्य करते जायें, सफलता जरुर मिलेगी।
हजारे ने कहा कि जब महाराष्ट्र में हमने आंदोलन शुरु किया था तो कई रुकावटें सामने आई और सत्ता पक्ष की ओर से हमे दबाने का काम किया गया।
लेकिन हम अपना कर्तव्य करते गये, जिसका परिणाम है कि महाराष्ट्र सरकार ने वर्ष 2002 में सूचना का अधिकार लागू किया और इसका अनुसरण करते हुए केन्द्र ने इसे पूरे देश में लागू कर दिया।
उन्होंने युवा पीढ़ी के लिए संदेश दिया कि युवा शक्ति जाग जाये तो देश में नये समाज और राजनीति का उदय होगा. इसके लिए वे कई सालों से प्रयास कर रहे हैं।
हजारे ने प्रश्नों के उत्तर में कहा कि गांधी जी ने कहा था कि जब तक गांव नहीं बदलेगा, तब तक देश नहीं बदलेगा। हमें गांव के विकास को प्राथमिकता देना है, जिस गांव में मैंने जन्म लिया वहीं से इसकी शुरुआत की है।
संसद व विधानसभा में जाने वाले नेताओं व भ्रष्टाचार को लेकर अन्ना हजारे ने कहा कि हर परिवार संस्कार का केन्द्र होता है, अच्छे संस्कार होंगे तो बदलाव जरुर आयेगा। स्कूल-कालेज में अच्छी शिक्षा प्राप्त होगी तो अच्छे देश का निर्माण होगा।
अन्ना ने दावा किया कि राहुल गांधी व नरेन्द्र मोदी देश का भविष्य नहीं है। पूरे देश की जनता जब तक प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति का प्रत्यक्ष रुप से नहीं चुनेगी तब तक देश का निर्माण नहीं हो सकेगा।


उत्तराखण्ड त्रासदी के मृतकों, संभावित मृतक के वारिसों को 2-2 लाख की आर्थिक सहायता मिलेगी

समग्र जाँच के बाद एक सप्ताह के अंदर अनुदान राशि देने के निर्देश, लापता तीर्थ-यात्री के निकटतम वारिस द्वारा आवेदन देने पर ही होगी कार्यवाही, आदेश 17 जून, 2013 से 15 सितम्बर, 2013 तक प्रभावशील
भोपाल 9 जुलाई 2013। राज्य शासन ने उत्तराखण्ड में अति-वृष्टि से उत्पन्न हुई प्राकृतिक आपदा में मध्यप्रदेश के तीर्थ-यात्रियों की मृत्यु के मामले में निकटतम वारिस को 2-2 लाख रुपये की अनुदान सहायता राशि प्रति मृतक के मान से देने का निर्णय लिया है। मृतक या लापता तीर्थ-यात्री, जिसकी मृत्यु की संभावना जताई जा रही है, के वारिस को यह सहायता राशि संबंधित कलेक्टर राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत स्वीकृत करेंगे। प्रमुख सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त श्री आर.के. चतुर्वेदी द्वारा इस संबंध में सभी कलेक्टरों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। यह आदेश 17 जून, 2013 से 15 सितम्बर, 2013 तक प्रभावशील रहेगा।
आपदा प्रभावित तीर्थ-यात्री की मृत्यु की पुष्टि के लिये उत्तराखण्ड राज्य के प्राधिकृत या स्थानीय पुलिस अधिकारी या शासकीय चिकित्सालय के प्रभारी अधिकारी द्वारा जारी मृत्यु विषयक प्रमाणीकरण या देहरादून अथवा हरिद्वार में लगाये गये मध्यप्रदेश राहत शिविर में संलग्न राजस्व अधिकारी द्वारा जारी मृत्यु विषयक प्रमाणीकरण आवश्यक होगा। ये राजस्व अधिकारी सहयात्रियों के कथन अभिलिखित कर एवं पंचनामा तैयार कर मृत्यु विषयक प्रमाणीकरण पत्र जारी कर सकेंगे।
ऐसे प्रकरण, जिनमें प्रभावित व्यक्ति की मृत्यु की पुष्टि उपरोक्तानुसार नहीं हो पा रही है लेकिन तीर्थ-यात्रा पर जाना प्रमाणित होता है और तीर्थ-यात्री लापता बताया जाता है, में तीर्थ-यात्री के निकटतम वारिस के आवेदन, अन्यथा प्राप्त सूचना के आधार पर या कलेक्टर के निर्णय पर मृत्यु की संभावना को मद्देनज़र रखते हुए यथाशीघ्र 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी। शेष डेढ़ लाख रुपये की राशि सहयात्री, परिवार के सदस्य, पड़ोसियों के कथन, मृतक तीर्थ-यात्री के यात्रा की टिकिट की प्रति, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ.आई.आर.) की प्रति, लापता तीर्थ-यात्री के निकटतम वारिस के शपथ-पत्र, पंचनामा एवं अन्य सुसंगत दस्तावेज की प्रस्तुति के बाद देय होगी। पंचनामा राजस्व अधिकारी द्वारा सत्यापित करना अनिवार्य होगा। समग्र जाँच के बाद एक सप्ताह के अंदर अनुदान राशि स्वीकृत करने के निर्देश दिये गये हैं।
राज्य शासन ने विभिन्न स्रोतों के आधार पर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एस.डी.एम.ए.) द्वारा लापता तीर्थ-यात्रियों की जिलेवार सूची संबंधित कलेक्टर को भेज दी है। कलेक्टर सूची में दर्ज नामों का परीक्षण करने के बाद राहत राशि स्वीकृत करेंगे और तैयार सूची की एक प्रति राहत आयुक्त कार्यालय में भी भेजेंगे। जिले में प्राप्त जानकारी के आधार पर मृतक तीर्थ-यात्रियों की सूची संलग्न प्रारूप में पंजी में संधारित की जायेगी, जिसका प्रतिदिन सत्यापन प्राधिकृत अधिकारी द्वारा किया जायेगा।

नेता प्रतिपक्ष ने रखा अविश्वास प्रस्ताव

भोपाल 9 जुलाई 2013। विधानसभा के मानसूत्र के दूसरे दिन मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने एक लाईन का अविश्वास प्रस्ताव रखा कि  यह सदन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में गठित मंत्रिपरिषद के प्रति अविश्वास प्रकट करता है। इस प्रस्ताव पर स्पीकर ईश्वर दास रोहाणी ने समर्थन मांगा जिस पर विपक्ष के अनेक सदस्य खड़े हो गये। इसके बाद स्पीकर रोहाणी ने घोषणा की कि गुरुवार को ध्यानाकर्षण की सूचनाओं के बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा प्रारंभ कराई जायेगी। सदन में आज नवनियुक्त वित्त मंत्री जयंत मलैया ने 32 अरब 70 करोड़ 7 लाख 90 हजार 500 रुपयों की राशि वाला पहला अनुपूरक बजट पेश किया। इसके अलावा सदन में सात नये विधेयक पुर:स्थापित किये गये। कार्यसूची में चर्चा के कम विषय होने और कार्यसूची के सभी विषय निपटने के कारण आज सदन की कार्यवाही दोपहर सवा बारह बजे ही अगले दिन तक के लिये स्थगित हो गई।
फर्जी संस्थाओं को राशि देने की होगी जांच :
प्रश्रकाल में स्वास्थ्य राज्य मंत्री महेन्द्र हार्डिया ने कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह के सवाल पर घोषणा की कि अनूपपुर जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत फर्जी स्वयंसेवी संस्थाओं को दो करोड़ रुपये से अधिक राशि देने की वरिष्ठ अधिकारियों को भेजकर जांच कराई जायेगी। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने राज्य के सभी आदिवासी क्षेत्रों में इस तरह की जांच कराने की मांग की परन्तु सरकार की ओर से इस बारे में कोई जवाब नहीं आया। 
बुंदेलखण्ड पैकेज वाला कोई बांध क्षतिग्रस्त नहीं हुआ :
विधायक नारायण प्रजापति के सवाल पर जलसंसाधन मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि बुन्देलखण्ड पैकेज की राशि से सम्बन्धित क्षेत्र में बनाये गये किसी बांध में बारिश से क्षति नहीं पहुंची है। 
गरीब आदमी इलाज के लिये भीख मांगता है :तथा इस बारे में कार्यवाही करने के लिये सरकार के नियम हैं तो उसका प्रचार-प्रसार किया जाये।
शून्यकाल की सूचनायें पेश हुईं :
प्रश्रकाल के बाद सदन में शून्यकाल की सूचनायें प्रस्तुत हुईं। इनमें विधायक आरिफ अकील ने भोपाल में नर्मदा पाईप लाईन के ऊपर अवैध निर्माण होने, गोविन्द सिंह ने भिण्ड के अटेर क्षेत्र की सड़कें खराब होने, प्रताप ग्रेवाल ने जिला धार के सरदारपुर में सड़क निर्माण पूर्ण न होने, भगत सिंह नेताम ने बालाघाट के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण न होने, दिलीप सिंह गुर्जर ने नागदा खाचरौद नगर पालिका के संविदा कर्मचारियों का शोषण किये जाने, सुखदेव पांसे ने प्रदेश में उच्च शिक्षा हेतु दिये गये ऋण का छात्रों के बेरोजगार होने के कारण ऋण चुकाने में असमर्थ होने, महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा ने रतलाम में वन्य प्राणियों द्वारा फसलों को नष्ट किये जाने, ब्रजराज सिंह ने श्योपुर के शमशान में जलाऊ लकड़ी की सप्लाई न होने, ठाकुर दास नागवंशी ने होशंगाबाद में वाणिज्यिक कर विभाग के नियम का पालन न होने तथा परसराम मुदगल ने मुरैना की इंदिरा आवास कालोनी में विद्युत व्यवस्था न होने के सम्बन्ध में बात रखी।
कार्यमंत्रणा समिति की सिफारिशें प्रस्तुत कीं :
इसके बाद स्पीकर रोहाणी ने कार्यमंत्रणा समिति की सिफारिशों को सदन में पढ़कर सुनाया जिस पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन की सहमति व्यक्त करने संबंधी प्रस्ताव रखा जो स्वीकृत हो गया। 
तीन अध्यादेश पटल पर रखे गये :
सदन में आज संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तीन अध्यादेश अत्यावश्यक सेवा संधारण, जल विनियमन तथा शासकीय सेवक अधिवार्षिकी सदन के पटल पर रखे। उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने राज्य औद्योगिक विकास निगम का 43 वां प्रतिवेदन एवं लेखे, वन मंत्री सरताज सिंह ने राज्य वन विकास निगम का 37 वां वार्षिक प्रतिवेदन एवं लेखे, पशुपालन मंत्री अजय विश्रोई ने कुक्कुट विकास निगम का वर्ष 2010-ृ12 का वार्षिक प्रतिवेदन, उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने मप्र निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग का वर्ष 2011-12 का वार्षिक प्रतिवेदन, गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने पुलिस हाऊसिंग कारपोरेशन का 31 वां प्रतिवेदन, ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने ऊर्जा विभाग की तीन अधिसूचनायें तथा सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री ने मानव अधिकार आयोग का वार्षिक लेखा वर्ष 2010-11 सदन के पटल पर प्रस्तुत किया।
सदन में स्पीकर रोहाणी ने फरवरी-मार्च,2013 सत्र निर्धारित अवधि के पूर्व स्थगित हो जाने के फलस्वरुप शेष दिनांकों के प्रश्रोत्तरों का संकलन तथा इसी सत्र के प्रश्रों के अपूर्ण उत्तरों के पूर्ण उत्तरों का संकलन सदन के पटल पर रखवाया। स्पीकर ने नियम-267 के अधीन फरवरी-मार्च,2013 सत्र में पढ़ी गई सूचनाओं तथा उनके उत्तरों का संकलन भी सदन के पटल पर रखवाया। इसके बाद राज्यपाल की अनुमति प्राप्त ग्यारह विधेयकों की सूची प्रस्तुत की। 
विधायक ब्रजराज सिंह चौहान के प्रश्र पर स्पीकर रोहाणी को कहना पड़ा कि निजी अस्पतालों में निरन्तर गरीब लोगों का शोषण हो रहा है तथा गरीब आदमी इलाज के लिये भीख मांगता रहता है

यौन शोषण के आरोपी मध्य प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री राघवजी गिरफ्तार

भोपाल 9 जुलाई 2013। नौकर के साथ कथित अप्राकृतिक सेक्स के मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद से गायब राज्य के पूर्व वित्त मंत्री राघवजी भाई को पुलिस ने भोपाल के एक फ्लैट से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार राघवजी अपने सुरक्षाकर्मी को घर पर ही छोड़कर फरार हो गए थे।
मध्यप्रदेश का वित्त मंत्री पद गंवाने वाले राघवजी को मंगलवार को भोपाल पुलिस ने पुराने शहर के कोहेफिजा इलाके में स्थित एक फ्लैट से गिरफ्तार किया है। 
भोपाल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) उपेन्द्र जैन ने बताया कि राघवजी के पीड़ित नौकर राजकुमार दांगी की रिपोर्ट के बाद से ही भोपाल पुलिस राघवजी की तलाश कर रही थी।
उन्होंने कहा कि इसके लिए गठित विशेष पुलिस टीम को मिली सूचना के आधार पर कई स्थानों पर छापामारी की गई, लेकिन मंगलवार सुबह यह पता चला कि राघवजी कोहेफिजा इलाके में अपने एक परिचित के फ्लैट पर छिपे हुए हैं।
जैन ने कहा कि पुलिस टीम जब इस फ्लैट पर पहुंची और दरवाजा खटखटाया, तो किसी ने खोला नहीं, इस बीच आभास हुआ कि फ्लैट के दरवाजे पर ‘लैच लॉक’ लगा हुआ है. पुलिस ने इसके बाद ताला तोड़ा और वहां तलाशी लेने पर राघवजी मिल गए, जिन्हें तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्हें हबीबगंज पुलिस थाना ले जाया गया है।

Tuesday, July 9, 2013

जिस थाने का उद्घाटन किया वहीं बंद रहे पूर्व मंत्री जी

भोपाल के जिस हबीबगंज पुलिस स्‍टेशन के उद्घाटन समारोह में बतौर विशेष अतिथि राघवजी की आवभगत की गई थी उसी थाने में मंगलवार को वे भारी धक्‍कामुक्‍की के बीच एक अभियुक्त के तौर पर गिरफ़्तार कर लाए गए.
27 जुलाई 2009 का दिन था, जब उनके इंतजार में पुलिस बैठी थी और मंगलवार को लगभग चार साल बाद उसी थाने की पुलिस उनकी तलाशी में यहाँ वहाँ छापेमारी के बाद मुश्किल से उनकी गिरफ़्तारी कर पाई.
लगभग 55 घंटे की मशक्‍कत के बाद मध्‍य प्रदेश के पूर्व वित्‍त मंत्री राघवजी को भोपाल पुलिस ने कोहेफिजा क्षेत्र के राशिप्रभा अपार्टमेंट से गिरफ़्तार किया. वे यहाँ 102 नंबर के फ़्लैट में छिपे थे. फ़्लैट के बाहर ताला लगा था जिसे तोड़ने के बाद ही पुलिस उन तक पहुंच पाई.
पुलिस ने मोबाइल फ़ोन की लोकेशन के आधार पर सोमवार रात भी इस अपार्टमेंट में तलाशी ली थी लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई. मंगलवार सुबह सादी वर्दी में कुछ जवान और कुछ महिला पुलिस कर्मियों को वहां लगाया गया और दोपहर साढ़े 12 बजे उन्हें गिरफ़्तार किया जा सका. राघवजी रविवार की रात अपने गृह नगर विदिशा से भोपाल के लिए निकले थे लेकिन रास्‍ते में ही कहीं ग़ायब हो गए. चूं‍कि उनके ख़िलाफ़ उन्‍हीं के सहयोगी राजकुमार दांगी ने यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद पुलिस को उनकी तलाश थी.
विदिशा सीट
आरएसएस के खांटी समर्थक राघवजी भाजपा और जनसंघ के दमदार नेता रहे हैं लेकिन इस मामले के सामने आते ही भाजपा ने उनसे अपने तमाम रिश्‍ते ख़त्‍म कर लिए. वे उस विदिशा संसदीय सीट से दो बार सांसद रहे हैं जिसका प्रतिनिधित्व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कर चुके हैं.
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्‍वराज यहाँ की मौजूदा सांसद हैं. शिकायतकर्ता राजकुमार दांगी ने शपथ पत्र देकर पुलिस और मीडिया के सामने जब अपनी आपबीती सुनाई तब से भाजपा नेतृत्‍व सकते में था. यह शुक्रवार की बात है.
प्रदेश भाजपा अध्‍यक्ष नरेन्‍द्र सिंह तोमर देर रात मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के श्‍यामला हिल्‍स स्थित आवास पर पहुंचे. यहाँ देर रात मंत्रणा हुई कि क्‍या किया जाए. अगली सुबह अखबारों के पन्‍ने राघवजी के कारनामों से रंगे पड़े थे.
यही नहीं, राजकुमार के संग हुए कथित कृत्‍य की वीडियों रिकॉर्डिंग की क्लिप संचार के आधुनिक माध्‍यमों के ज़रिए भारी मात्रा में बंट चुकी थी. पार्टी और सरकार की जितनी बदनामी होना थी वह तो हो ही चुकी थी.
लिहाजा ज़्यादा फ़जीहत होने से बचने के लिए चौहान ने शनिवार सुबह राघवजी को फ़ोन कर इस्‍तीफा मांग लिया. राघवजी ख़ुद इस्‍तीफ़ा देने सीएम हाउस जाने वाले थे लेकिन शिवराज उनसे मिलना नहीं चाहते थे. इसलिए उनसे कहा गया कि वे फ़ैक्‍स के ज़रिए इस्‍तीफ़ा भेज दें.
बड़े कद का नेता
राघवजी को इस बात का मलाल रहा कि उन्‍हें सफ़ाई देने तक का मौक़ा नहीं दिया गया जबकि चौहान का कहना था कि इस मसले पर पार्टी ने हालात को ध्‍यान में रखकर फ़ैसला लिया है, इसलिए कहने सुनने के लिए कुछ नहीं बचा था.
हालांकि मुख्यमंत्री चौहान भाजपा के राष्‍ट्रीय नेतृत्‍व को पल पल की जानकारी दे रहे थे, इसलिए इतने बड़े कद के नेता को घर बिठाने का फ़ैसला लेने में उन्‍हें ज़्यादा दिक्‍कत नहीं हुई.
सेक्स सीडी, साजिश और सियासत
पार्टी के बुजुर्ग नेता सुंदरलाल पटवा ने इस मसले पर कहा कि 'जो जैसा करेगा वैसा भरेगा.'
इस्‍तीफ़ा देने के बाद राघवजी अपना 79वां जन्‍म दिन मनाने के लिए अपने गृह नगर विदिशा चले गए. रविवार को उन्‍होने धूमधाम से जन्‍म दिन मनाया. एक तरह से यह उनका शक्ति प्रदर्शन था. समर्थकों ने नारेबाजी की, केक कटवाया, दावत किया और हनुमान जी के मंदिर में पूजा अर्चना की.
यह अलग बात है कि उनकी गिरफतारी के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता मंगलवार की दोपहर सबसे पहले उसी हनुमान मंदिर की शुद्धि के लिए पहुँचे.
निष्कासन
इधर उनका जन्‍मदिन मन रहा था उधर राजकुमार दांगी के साथ मध्‍य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने हबीबगंज थाने पहुंच कर राघवजी के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज करा दी.
राघवजी का इस्तीफा पुलिस ने शपथ पत्र, सीडी और दांगी के बयान के आधार पर राघवजी भाई और उनके सहयोगी शेर सिंह चौहान व सुरेश के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 377, 506 और 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
मुख्‍यमंत्री को प्रशा‍सनिक अफसरों से खबर मिल चुकी थी कि एफ़आईआर होने वाली है लिहाजा उन्‍होंने वरिष्‍ठ सहयोगियों से मंत्रणा की और प्रदेश अध्‍यक्ष नरेन्‍द्र सिंह तोमर के हाथों उन्‍हें पार्टी से छह साल के लिए निष्‍कासित करवा दिया.
एक तरफ़ निष्‍कासन की खबरें थी तो दूसरी तरफ एफ़आईआर दर्ज होने की सूचना. राघवजी को जब भोपाल के हाल पता चला तो वे टूट गए. वे अकेले खड़े थे. कोई भी बड़ा नेता उनके साथ नहीं था. सुषमा स्‍वराज भी नहीं, जिनके चुनाव में उन्‍होंने मेहनत की थी.
न्यायिक हिरासत
भाजपा उनसे किस हद तक पिंड छुडाना चाह रही है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनकी गिरफ़्तारी का प्रदेश भाजपा ने स्‍वागत किया.
पार्टी के प्रदेश प्रवक्‍ता बिजेन्‍द्र सिंह सिसोदिया ने भोपाल पुलिस को बधाई देते हुए अपेक्षा की कि राघवजी के साथ वही किया जाए जो ऐसा अपराध करने वाले आम अपराधी के साथ किया जाता हो.
गिरफ़्तारी के समय उनकी पत्नी हीराबेन भी फ़्लैट में मौजूद थीं. उनके वकील पुरुषोत्‍तम पंजवानी की मानें तो राघवजी ने आत्‍मसमर्पण किया है लेकिन पुलिस ने कोर्ट में जो पंचनामा पेश किया उसमें उनकी गिरफ़्तारी दर्शाई गई है.
हबीबगंज थाने से उन्‍हें हमीदिया अस्‍पताल ले जाया गया जहां मेडिकल परीक्षण के बाद शाम पौने छह बजे जिला अदालत ले जाया गया.

अदालत ने उन्‍हें 22 जुलाई तक के लिए न्‍यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिए हैं. शाम में ही उन्‍हें भोपाल जिला जेल भेज दिया गया.