Tuesday, April 30, 2013

अब एमएएस से ऑनलाइन मिलेगी बिल्डिंग परमीशन


भोपाल 30 अप्रैल 2013। नगर निगम में परिवर्तन की शुरूआत हो गई है। निगम आयुक्त पद ग्रहण करने के बाद आईएएस विशेष गढ़पाले ने निगम की कार्य प्रणाली में पारदर्शिता लाने हेतु म्युनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन सिस्टम (एमएएस) को पूर्ण रूप से लागू करने की ठान ली है। श्री गढ़पाले ने लेखा विभाग में चल रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए ठेकेदारों को कोई भी चैक सीधे जारी न कर म्युनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन सिस्टम से ऑन लाइन जारी करने, भवन अनुज्ञा अनुमति तथा लायसेंस को भी कम्प्युटीकृत कर म्युनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन सिस्टम से ऑनलाइन जारी करने के निर्देश दिये। साथ ही निगम कर्मचारी-अधिकारियों का संपूर्ण डाटा भी ऑनलाइन करने को कहा है।
नगर निगम लोगों के रोजमर्रा के कामकाज से सीधा जुड़ा है। नगर निगम में अधिकारियों से लेकर कर्मचारी बिना रिश्वत के काम नहीं करते। यह सभी जानते है, परन्तु अब तक जितने भी निगम आयुक्त रहे, उन्होंने नगर निगम के ढर्रे को बदलने की चेस्टा नहीं की। सिवाय पूर्व आयुक्त गुलशन बामरा और मनीष सिंह के अलावा किसी अन्य आयुक्त ने जैसा है, वैसे ही सिस्टम में काम करना बेहतर समझा। अब विशेष गढ़पाले ने न सिर्फ अधिकारी-कर्मचारियों की नकेल कसना शुरू किया है, बल्कि काम में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है। नगर निगम के लेखा विभाग में पेमेंट पाने की आस में ठेकेदारों का जमावड़ा लगा रहता। श्री गढ़पाले ने लेखा विभाग को निर्देशित किया है कि 1 जून 2013 से कोई भी चैक सीधे जारी न कर म्युनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन सिस्टम के तहत ऑन लाइन जारी किए जाएं। साथ ही 5 मई से भवन अनुज्ञा कम्प्यूटरीकृत कर म्युनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन सिस्टम से जारी करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही निगम के लायसेंस को भी कम्प्यूटरीकृत करने को कहा है। उन्होंने ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन (उपभोक्ता प्रभार) के सभी खाते कम्प्यूटरीकृत करने को कहा है। नगर निगम ने परियोजना उत्थान के तहत म्युनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन सिस्टम लागू किया है। इस सिस्टम हेतु विकसित साफ्टवेयर में नगर निगम की सभी प्रक्रियाओं को कम्प्यूटरीकृत किये जाने का प्रावधान है। एमएएस सिस्टम को लागू करने के मामले में नगर निगम को पुरस्कार भी मिल चुका है।

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