प्रदेश कांग्रेस की समन्वय समिति की बैठक में सभी बड़े नेता आयेंगे
कांग्रेस ने मप्र का नाम मर्डर प्रदेश रखा
भोपाल 6 सितम्बर 2012। प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारियों की गुरुवार को हुई बैठक के बाद सायंकाल में पार्टी के प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने पत्रकार-वार्ता में कहा कि यदि कोल ब्लाक आवंटन कांड में ठीक तरह से जांच हुई तो कुछ ही दिनों में मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह कर्नाटक के सीएम येदियुरप्पा और रेड्डी बंधुओं की तरह जेल चले जायेंगे। इस मौके पर मौजूद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने
कहा कि शुक्रवार को जिला कांग्रेस अध्यक्षों एवं शनिवार को ब्लाक कांग्रेस अध्यक्षों की बैठक के बाद समन्वय समिति की बैठक बुलाई जायेगी जिसमें कमलनाथ एवं ज्येतिरादित्य सिंधिया एवं सुरेश पचौरी जैसे बड़े कांग्रेस नेता भी शामिल होंगे तथा सत्तारुढ़ भाजपा सरकार को अगले विस चुनावों में उखाड़ फैंकने हेतु रोड मैप को अंतिम रुप दिया जायेगा। हरिप्रसाद ने कानून एवं व्यवस्था में ध्वस्त चल रहे मप्र का नाम मर्डर प्रदेश नामकरण किये जाने की बात कही।
हरप्रिसाद ने कांग्रेस नेताओं के बीच मनमुटाव की बात से इंकार किया तथा कहा कि ऐसी अफवाह फैलाने में भाजपा एवं संघ का हाथ है। यदि कोई कांग्रेसी ऐसा कह दे कि पार्टी में एकता नहीं है तो वे राजनीति छोडऩे के लिये तैयार हैं। हरिप्रसाद ने कहा कि मनमुटाव भाजपा के अध्यक्ष प्रभात झा एवं सीएम चौहान तथा अन्य मंत्रियों के बीच है तथा मंत्री बाबूलाल गौर इस बारे में कहते रहते भी हैं। कांग्रेस की ओर से सीएम प्रोजेक्ट करने के विषय में हरिप्रसाद ने कहा कि पार्टी विधायक इस बारे में निर्णय लेते हैं तथा फिर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अंतिम निर्णय लेती हैं। यदि आज की बैठक में किसी ने सिंधिया का सीएम हेतु नाम लिया है तो यह पार्टीजनों की अपनी राय है जिन्हें वे बैठक में कह सकते हैं।
सदन की गरिमा का ध्यान रखा गया :
हरिप्रसाद ने गत विस सत्र में दो कांग्रेस विधायकों के निष्कासन एवं फिर बहाली के बारे में कहा कि बहाली हेतु माफी नहीं मांगी गई थी बल्कि सदन की गरिमा रखने के लिये खेद व्यक्त किया गया। उनके पास निष्कासन का मामला आया था परन्तु इसे दोनों निष्कासित विधायकों पर स्वयं निर्णय लेने हेतु छोड़ दिया गया था।
बिना माईंड की बीजेपी :
इस अवसर पर बैठे कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि विस से दो कांग्रेस विधायकों का पहले भाजपा ने निष्कासन कर दिया और फिर यदि वे सचमुच दोषी थे तो निष्कासन वापस क्यों लिया। यह कार्यवाही बीजेपी ने बिना सोचे समझे की तथा इससे अंग्रेजी का यह शब्द बीजेपी के लिये फिट होगी कि वह बिना माईंड की है।
दस सितम्बर को खण्डवा जायेंगे :
हरिप्रसाद की प्रेस ब्रीफिंग खत्म होने के बाद दोबरा मीडिया को बुलाकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया एवं नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने जानकारी दी कि खण्डवा में जल सत्याग्रह कर रहे लोगों की सुध लेने के लिये भाजपा सरकार से अभी तक कोई नहीं गया है तथा वे और नेता प्रतिपक्ष दस सितम्बर को वहां जायेंगे। उनका उद्देश्य आंदोलन में साथ देना न होकर डूब में आये लोगों को मुआवजा दिलवाना है। भूरिया ने बैतूल में एनएसयूआई के एक सदस्य को जिन्दा जलाकर मारने वाले भाजपा समर्थित संगठनों के लोगों को उकसाने वाले असली लोगों पर कार्यवाही करने के लिये बैतूल जिले के शाहपुरा में जल्द एक बड़ी सभा किये जाने की भी जानकारी दी। भूरिया ने बताया कि तीन दिवसीय बैठक के बाद भाजपा सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की रुपरेखा तय की जायेगी।
पत्र की चर्चा गर्म रही :
कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक में भूरिया द्वारा पढ़े उस पत्र की चर्चा बड़ी गर्म रही जिसमें भूरिया कह रहे हैं कि भाजपा को सहयोग करने वालों में कुछ कांग्रेसी भी शामिल हैं। पत्रकार-वार्ता में जब इस बाबत पूछा गया तो हरिप्रसाद ने भूरिया से ही इसकी सफाई देने के लिये कहा। भूरिया ने इसे बेबुनियाद कहा लेकिन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि यह पार्टी के अंदर का मामला है।
कांग्रेस ने पारित किया प्रस्ताव
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में अ.भा. कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी बी.के. हरिप्रसाद, राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजयसिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया तथा नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह की उपस्थिति में प्रदेश पदाधिकारियों, प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधियों तथा प्रवक्ताओं की गुरुवार को संपन्न बैठक में सर्वानुमति से प्रस्ताव पारित कर सरकारी नौकरियों की पदोन्नतियों में आरक्षण देने के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा लिये गए फैसले के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की नेता श्रीमती सोनिया गांधी तथा प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहनसिंह के प्रति आभार प्रगट किया गया।
यह प्रस्ताव पूर्व मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि सुरेन्द्र चौधरी ने बैठक में प्रस्तुत किया था। पारित प्रस्ताव में केंद्र सरकार के इस फैसले को देश की अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के हित में एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा गया है कि केंद्र सरकार के इस फैसले के फलस्वरूप शासकीय सेवाओं में कार्यरत इन दोनों वर्गों के अधिकारियों/कर्मचारियों को पदोन्नति के बेहतर अवसर मिलेंगे।
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