Wednesday, July 10, 2013

नेता प्रतिपक्ष ने रखा अविश्वास प्रस्ताव

भोपाल 9 जुलाई 2013। विधानसभा के मानसूत्र के दूसरे दिन मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने एक लाईन का अविश्वास प्रस्ताव रखा कि  यह सदन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में गठित मंत्रिपरिषद के प्रति अविश्वास प्रकट करता है। इस प्रस्ताव पर स्पीकर ईश्वर दास रोहाणी ने समर्थन मांगा जिस पर विपक्ष के अनेक सदस्य खड़े हो गये। इसके बाद स्पीकर रोहाणी ने घोषणा की कि गुरुवार को ध्यानाकर्षण की सूचनाओं के बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा प्रारंभ कराई जायेगी। सदन में आज नवनियुक्त वित्त मंत्री जयंत मलैया ने 32 अरब 70 करोड़ 7 लाख 90 हजार 500 रुपयों की राशि वाला पहला अनुपूरक बजट पेश किया। इसके अलावा सदन में सात नये विधेयक पुर:स्थापित किये गये। कार्यसूची में चर्चा के कम विषय होने और कार्यसूची के सभी विषय निपटने के कारण आज सदन की कार्यवाही दोपहर सवा बारह बजे ही अगले दिन तक के लिये स्थगित हो गई।
फर्जी संस्थाओं को राशि देने की होगी जांच :
प्रश्रकाल में स्वास्थ्य राज्य मंत्री महेन्द्र हार्डिया ने कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह के सवाल पर घोषणा की कि अनूपपुर जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत फर्जी स्वयंसेवी संस्थाओं को दो करोड़ रुपये से अधिक राशि देने की वरिष्ठ अधिकारियों को भेजकर जांच कराई जायेगी। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने राज्य के सभी आदिवासी क्षेत्रों में इस तरह की जांच कराने की मांग की परन्तु सरकार की ओर से इस बारे में कोई जवाब नहीं आया। 
बुंदेलखण्ड पैकेज वाला कोई बांध क्षतिग्रस्त नहीं हुआ :
विधायक नारायण प्रजापति के सवाल पर जलसंसाधन मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि बुन्देलखण्ड पैकेज की राशि से सम्बन्धित क्षेत्र में बनाये गये किसी बांध में बारिश से क्षति नहीं पहुंची है। 
गरीब आदमी इलाज के लिये भीख मांगता है :तथा इस बारे में कार्यवाही करने के लिये सरकार के नियम हैं तो उसका प्रचार-प्रसार किया जाये।
शून्यकाल की सूचनायें पेश हुईं :
प्रश्रकाल के बाद सदन में शून्यकाल की सूचनायें प्रस्तुत हुईं। इनमें विधायक आरिफ अकील ने भोपाल में नर्मदा पाईप लाईन के ऊपर अवैध निर्माण होने, गोविन्द सिंह ने भिण्ड के अटेर क्षेत्र की सड़कें खराब होने, प्रताप ग्रेवाल ने जिला धार के सरदारपुर में सड़क निर्माण पूर्ण न होने, भगत सिंह नेताम ने बालाघाट के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण न होने, दिलीप सिंह गुर्जर ने नागदा खाचरौद नगर पालिका के संविदा कर्मचारियों का शोषण किये जाने, सुखदेव पांसे ने प्रदेश में उच्च शिक्षा हेतु दिये गये ऋण का छात्रों के बेरोजगार होने के कारण ऋण चुकाने में असमर्थ होने, महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा ने रतलाम में वन्य प्राणियों द्वारा फसलों को नष्ट किये जाने, ब्रजराज सिंह ने श्योपुर के शमशान में जलाऊ लकड़ी की सप्लाई न होने, ठाकुर दास नागवंशी ने होशंगाबाद में वाणिज्यिक कर विभाग के नियम का पालन न होने तथा परसराम मुदगल ने मुरैना की इंदिरा आवास कालोनी में विद्युत व्यवस्था न होने के सम्बन्ध में बात रखी।
कार्यमंत्रणा समिति की सिफारिशें प्रस्तुत कीं :
इसके बाद स्पीकर रोहाणी ने कार्यमंत्रणा समिति की सिफारिशों को सदन में पढ़कर सुनाया जिस पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन की सहमति व्यक्त करने संबंधी प्रस्ताव रखा जो स्वीकृत हो गया। 
तीन अध्यादेश पटल पर रखे गये :
सदन में आज संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तीन अध्यादेश अत्यावश्यक सेवा संधारण, जल विनियमन तथा शासकीय सेवक अधिवार्षिकी सदन के पटल पर रखे। उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने राज्य औद्योगिक विकास निगम का 43 वां प्रतिवेदन एवं लेखे, वन मंत्री सरताज सिंह ने राज्य वन विकास निगम का 37 वां वार्षिक प्रतिवेदन एवं लेखे, पशुपालन मंत्री अजय विश्रोई ने कुक्कुट विकास निगम का वर्ष 2010-ृ12 का वार्षिक प्रतिवेदन, उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने मप्र निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग का वर्ष 2011-12 का वार्षिक प्रतिवेदन, गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने पुलिस हाऊसिंग कारपोरेशन का 31 वां प्रतिवेदन, ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने ऊर्जा विभाग की तीन अधिसूचनायें तथा सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री ने मानव अधिकार आयोग का वार्षिक लेखा वर्ष 2010-11 सदन के पटल पर प्रस्तुत किया।
सदन में स्पीकर रोहाणी ने फरवरी-मार्च,2013 सत्र निर्धारित अवधि के पूर्व स्थगित हो जाने के फलस्वरुप शेष दिनांकों के प्रश्रोत्तरों का संकलन तथा इसी सत्र के प्रश्रों के अपूर्ण उत्तरों के पूर्ण उत्तरों का संकलन सदन के पटल पर रखवाया। स्पीकर ने नियम-267 के अधीन फरवरी-मार्च,2013 सत्र में पढ़ी गई सूचनाओं तथा उनके उत्तरों का संकलन भी सदन के पटल पर रखवाया। इसके बाद राज्यपाल की अनुमति प्राप्त ग्यारह विधेयकों की सूची प्रस्तुत की। 
विधायक ब्रजराज सिंह चौहान के प्रश्र पर स्पीकर रोहाणी को कहना पड़ा कि निजी अस्पतालों में निरन्तर गरीब लोगों का शोषण हो रहा है तथा गरीब आदमी इलाज के लिये भीख मांगता रहता है

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