Wednesday, July 10, 2013

उत्तराखण्ड त्रासदी के मृतकों, संभावित मृतक के वारिसों को 2-2 लाख की आर्थिक सहायता मिलेगी

समग्र जाँच के बाद एक सप्ताह के अंदर अनुदान राशि देने के निर्देश, लापता तीर्थ-यात्री के निकटतम वारिस द्वारा आवेदन देने पर ही होगी कार्यवाही, आदेश 17 जून, 2013 से 15 सितम्बर, 2013 तक प्रभावशील
भोपाल 9 जुलाई 2013। राज्य शासन ने उत्तराखण्ड में अति-वृष्टि से उत्पन्न हुई प्राकृतिक आपदा में मध्यप्रदेश के तीर्थ-यात्रियों की मृत्यु के मामले में निकटतम वारिस को 2-2 लाख रुपये की अनुदान सहायता राशि प्रति मृतक के मान से देने का निर्णय लिया है। मृतक या लापता तीर्थ-यात्री, जिसकी मृत्यु की संभावना जताई जा रही है, के वारिस को यह सहायता राशि संबंधित कलेक्टर राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत स्वीकृत करेंगे। प्रमुख सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त श्री आर.के. चतुर्वेदी द्वारा इस संबंध में सभी कलेक्टरों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। यह आदेश 17 जून, 2013 से 15 सितम्बर, 2013 तक प्रभावशील रहेगा।
आपदा प्रभावित तीर्थ-यात्री की मृत्यु की पुष्टि के लिये उत्तराखण्ड राज्य के प्राधिकृत या स्थानीय पुलिस अधिकारी या शासकीय चिकित्सालय के प्रभारी अधिकारी द्वारा जारी मृत्यु विषयक प्रमाणीकरण या देहरादून अथवा हरिद्वार में लगाये गये मध्यप्रदेश राहत शिविर में संलग्न राजस्व अधिकारी द्वारा जारी मृत्यु विषयक प्रमाणीकरण आवश्यक होगा। ये राजस्व अधिकारी सहयात्रियों के कथन अभिलिखित कर एवं पंचनामा तैयार कर मृत्यु विषयक प्रमाणीकरण पत्र जारी कर सकेंगे।
ऐसे प्रकरण, जिनमें प्रभावित व्यक्ति की मृत्यु की पुष्टि उपरोक्तानुसार नहीं हो पा रही है लेकिन तीर्थ-यात्रा पर जाना प्रमाणित होता है और तीर्थ-यात्री लापता बताया जाता है, में तीर्थ-यात्री के निकटतम वारिस के आवेदन, अन्यथा प्राप्त सूचना के आधार पर या कलेक्टर के निर्णय पर मृत्यु की संभावना को मद्देनज़र रखते हुए यथाशीघ्र 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी। शेष डेढ़ लाख रुपये की राशि सहयात्री, परिवार के सदस्य, पड़ोसियों के कथन, मृतक तीर्थ-यात्री के यात्रा की टिकिट की प्रति, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ.आई.आर.) की प्रति, लापता तीर्थ-यात्री के निकटतम वारिस के शपथ-पत्र, पंचनामा एवं अन्य सुसंगत दस्तावेज की प्रस्तुति के बाद देय होगी। पंचनामा राजस्व अधिकारी द्वारा सत्यापित करना अनिवार्य होगा। समग्र जाँच के बाद एक सप्ताह के अंदर अनुदान राशि स्वीकृत करने के निर्देश दिये गये हैं।
राज्य शासन ने विभिन्न स्रोतों के आधार पर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एस.डी.एम.ए.) द्वारा लापता तीर्थ-यात्रियों की जिलेवार सूची संबंधित कलेक्टर को भेज दी है। कलेक्टर सूची में दर्ज नामों का परीक्षण करने के बाद राहत राशि स्वीकृत करेंगे और तैयार सूची की एक प्रति राहत आयुक्त कार्यालय में भी भेजेंगे। जिले में प्राप्त जानकारी के आधार पर मृतक तीर्थ-यात्रियों की सूची संलग्न प्रारूप में पंजी में संधारित की जायेगी, जिसका प्रतिदिन सत्यापन प्राधिकृत अधिकारी द्वारा किया जायेगा।

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