भोपाल के जिस हबीबगंज पुलिस स्टेशन के उद्घाटन समारोह में बतौर विशेष अतिथि राघवजी की आवभगत की गई थी उसी थाने में मंगलवार को वे भारी धक्कामुक्की के बीच एक अभियुक्त के तौर पर गिरफ़्तार कर लाए गए.
27 जुलाई 2009 का दिन था, जब उनके इंतजार में पुलिस बैठी थी और मंगलवार को लगभग चार साल बाद उसी थाने की पुलिस उनकी तलाशी में यहाँ वहाँ छापेमारी के बाद मुश्किल से उनकी गिरफ़्तारी कर पाई.
लगभग 55 घंटे की मशक्कत के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री राघवजी को भोपाल पुलिस ने कोहेफिजा क्षेत्र के राशिप्रभा अपार्टमेंट से गिरफ़्तार किया. वे यहाँ 102 नंबर के फ़्लैट में छिपे थे. फ़्लैट के बाहर ताला लगा था जिसे तोड़ने के बाद ही पुलिस उन तक पहुंच पाई.
पुलिस ने मोबाइल फ़ोन की लोकेशन के आधार पर सोमवार रात भी इस अपार्टमेंट में तलाशी ली थी लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई. मंगलवार सुबह सादी वर्दी में कुछ जवान और कुछ महिला पुलिस कर्मियों को वहां लगाया गया और दोपहर साढ़े 12 बजे उन्हें गिरफ़्तार किया जा सका. राघवजी रविवार की रात अपने गृह नगर विदिशा से भोपाल के लिए निकले थे लेकिन रास्ते में ही कहीं ग़ायब हो गए. चूंकि उनके ख़िलाफ़ उन्हीं के सहयोगी राजकुमार दांगी ने यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद पुलिस को उनकी तलाश थी.
विदिशा सीट
आरएसएस के खांटी समर्थक राघवजी भाजपा और जनसंघ के दमदार नेता रहे हैं लेकिन इस मामले के सामने आते ही भाजपा ने उनसे अपने तमाम रिश्ते ख़त्म कर लिए. वे उस विदिशा संसदीय सीट से दो बार सांसद रहे हैं जिसका प्रतिनिधित्व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कर चुके हैं.
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज यहाँ की मौजूदा सांसद हैं. शिकायतकर्ता राजकुमार दांगी ने शपथ पत्र देकर पुलिस और मीडिया के सामने जब अपनी आपबीती सुनाई तब से भाजपा नेतृत्व सकते में था. यह शुक्रवार की बात है.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर देर रात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के श्यामला हिल्स स्थित आवास पर पहुंचे. यहाँ देर रात मंत्रणा हुई कि क्या किया जाए. अगली सुबह अखबारों के पन्ने राघवजी के कारनामों से रंगे पड़े थे.
यही नहीं, राजकुमार के संग हुए कथित कृत्य की वीडियों रिकॉर्डिंग की क्लिप संचार के आधुनिक माध्यमों के ज़रिए भारी मात्रा में बंट चुकी थी. पार्टी और सरकार की जितनी बदनामी होना थी वह तो हो ही चुकी थी.
लिहाजा ज़्यादा फ़जीहत होने से बचने के लिए चौहान ने शनिवार सुबह राघवजी को फ़ोन कर इस्तीफा मांग लिया. राघवजी ख़ुद इस्तीफ़ा देने सीएम हाउस जाने वाले थे लेकिन शिवराज उनसे मिलना नहीं चाहते थे. इसलिए उनसे कहा गया कि वे फ़ैक्स के ज़रिए इस्तीफ़ा भेज दें.
बड़े कद का नेता
राघवजी को इस बात का मलाल रहा कि उन्हें सफ़ाई देने तक का मौक़ा नहीं दिया गया जबकि चौहान का कहना था कि इस मसले पर पार्टी ने हालात को ध्यान में रखकर फ़ैसला लिया है, इसलिए कहने सुनने के लिए कुछ नहीं बचा था.
हालांकि मुख्यमंत्री चौहान भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को पल पल की जानकारी दे रहे थे, इसलिए इतने बड़े कद के नेता को घर बिठाने का फ़ैसला लेने में उन्हें ज़्यादा दिक्कत नहीं हुई.
सेक्स सीडी, साजिश और सियासत
पार्टी के बुजुर्ग नेता सुंदरलाल पटवा ने इस मसले पर कहा कि 'जो जैसा करेगा वैसा भरेगा.'
इस्तीफ़ा देने के बाद राघवजी अपना 79वां जन्म दिन मनाने के लिए अपने गृह नगर विदिशा चले गए. रविवार को उन्होने धूमधाम से जन्म दिन मनाया. एक तरह से यह उनका शक्ति प्रदर्शन था. समर्थकों ने नारेबाजी की, केक कटवाया, दावत किया और हनुमान जी के मंदिर में पूजा अर्चना की.
यह अलग बात है कि उनकी गिरफतारी के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता मंगलवार की दोपहर सबसे पहले उसी हनुमान मंदिर की शुद्धि के लिए पहुँचे.
निष्कासन
इधर उनका जन्मदिन मन रहा था उधर राजकुमार दांगी के साथ मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने हबीबगंज थाने पहुंच कर राघवजी के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज करा दी.
राघवजी का इस्तीफा पुलिस ने शपथ पत्र, सीडी और दांगी के बयान के आधार पर राघवजी भाई और उनके सहयोगी शेर सिंह चौहान व सुरेश के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 377, 506 और 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
मुख्यमंत्री को प्रशासनिक अफसरों से खबर मिल चुकी थी कि एफ़आईआर होने वाली है लिहाजा उन्होंने वरिष्ठ सहयोगियों से मंत्रणा की और प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के हाथों उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित करवा दिया.
एक तरफ़ निष्कासन की खबरें थी तो दूसरी तरफ एफ़आईआर दर्ज होने की सूचना. राघवजी को जब भोपाल के हाल पता चला तो वे टूट गए. वे अकेले खड़े थे. कोई भी बड़ा नेता उनके साथ नहीं था. सुषमा स्वराज भी नहीं, जिनके चुनाव में उन्होंने मेहनत की थी.
न्यायिक हिरासत
भाजपा उनसे किस हद तक पिंड छुडाना चाह रही है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनकी गिरफ़्तारी का प्रदेश भाजपा ने स्वागत किया.
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता बिजेन्द्र सिंह सिसोदिया ने भोपाल पुलिस को बधाई देते हुए अपेक्षा की कि राघवजी के साथ वही किया जाए जो ऐसा अपराध करने वाले आम अपराधी के साथ किया जाता हो.
गिरफ़्तारी के समय उनकी पत्नी हीराबेन भी फ़्लैट में मौजूद थीं. उनके वकील पुरुषोत्तम पंजवानी की मानें तो राघवजी ने आत्मसमर्पण किया है लेकिन पुलिस ने कोर्ट में जो पंचनामा पेश किया उसमें उनकी गिरफ़्तारी दर्शाई गई है.
हबीबगंज थाने से उन्हें हमीदिया अस्पताल ले जाया गया जहां मेडिकल परीक्षण के बाद शाम पौने छह बजे जिला अदालत ले जाया गया.
अदालत ने उन्हें 22 जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिए हैं. शाम में ही उन्हें भोपाल जिला जेल भेज दिया गया.
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