Monday, June 7, 2010

25 बरस बाद अब 'नाइंसाफी' ने घोंटा दम

25 बरस बाद अब 'नाइंसाफी' ने घोंटा दम
8 Jun 2010, पीटीआई


भोपाल ।। 25 बरस से इंसाफ की बाट जोह रहे भोपाल गैस पीड़ितों को हाथ लगी है, तो केवल निराशा। दुनिया के सब
से खतरनाक इंडस्ट्रियल हादसे के शिकार हुए लोगों को भारतीय न्यायिक व्यवस्था ने हताश करके रख दिया है। ढाई दशक बाद भी फैसला आया तो ऐसा, जिससे पीड़ितों का दर्द, उनकी टीस और बढ़ गई।

यहां की एक अदालत ने जब इस कांड में सोमवार को फैसले का ऐलान करते हुए यूनियन कार्बाइड के आठ बड़े अधिकारियों को आपराधिक लापरवाही के कारण मौत के आरोप में दोषी ठहराते हुए महज दो-दो साल कैद की सजा सुनाई, तो जीवित बचे लोगों और पीड़ितों के रिश्तेदारों में गहरी मायूसी और असंतोष छा गया। इन लोगों ने कहा कि उन्हें दोषियों के लिए मौत की सजा से कम कुछ भी मंजूर नहीं। इन्हें भी पढ़ें
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गौरतलब है कि इस भीषण हादसे में मरने वालों का आज तक कोई आधिकारिक आंकड़ा पेश नहीं किया गया है, लेकिन हॉस्पिटल और पुनर्वास के रेकॉर्ड्स से अनुमान है कि इसमें करीब 20 हजार लोग मारे गए और अन्य 5.7 लाख लोगों को गंभीर शारीरिक क्षति पहुंची।

लोकल कोर्ट के फैसले के बाद गैस कांड में जीवित बचे लोगों ने कहा कि गैस पीड़ितों के लिए यह 'ब्लैक डे' है। उन्होंने 25 साल पहले की उस काली रात को याद किया, जब कीटनाशक का निर्माण करने वाली फैक्ट्री के खराब टैंक से खतरनाक गैस का रिसाव हुआ, जो समूचे वातावरण में फैल गई और घरों में सो रहे लोगों को हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया।

अदालत का फैसला आने के बाद इस गैस कांड में सबसे बुरी तरह से प्रभावित हुए क्षेत्रों में निराशा का माहौल छा गया। कुछ लोगों ने चीख-चीख कर कहा- दोषियों को फांसी दो। इन लोगों ने दोषियों को सांकेतिक रूप से मौत की सजा भी दी और भोपाल में सार्वजनिक जगहों पर उनका पुतला लटकाया।

इस गैस कांड में जीवित बची हमीदा बी और भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन की सदस्य ने भी कहा, मैं चाहती हूं कि आरोपियों को फांसी दी जाए। भोपाल गैस कांड के समय हामिदा महज 28 साल की थीं और उन्हें 11 महीने की एक बच्ची थी।

गैस कांड में अपने पांच साल के बेटे और सास को खोने वाली शमशाद बी ने कहा, हमलोग इस हादसे के आरोपियों का पुतला तैयार कर रहे हैं और इसे विभिन्न चौराहों पर लटका रहे हैं, ताकि इससे हमारे जख्मों पर थोड़ा मरहम लग सके। शमशाद ने कहा, हमलोग जेपी नगर में रहते थे। यह इलाका यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के ठीक पीछे हैं, जहां से जहरीली गैस का रिसाव हुआ था।

हमीदा बी ने कहा कि कुल मिलाकर आरोपियों के 64 पुतले लटकाएंगे, जिसमें वॉरेन एंडरसन का पुतला भी शामिल है। वह यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन अमेरिका का तत्कालीन अध्यक्ष था। उसे इस मामले में भगोड़ा घोषित किया गया है। हामिदा ने कहा, इन पुतलों को हम अपने मामूली संसाधन से तैयार कर रहे हैं और उन्हें लटकाने से हमारे दिमाग को शांति मिलेगी। उन्होंने रोते हुए कहा, गैस कांड में मैंने अपनी पोती को खो दिया। गैस लीक के असर से मैंने अब तक अपने करीब 35 रिश्तेदारों को खोया है। इस घटना में अपने पति को खोने वाली 70 बरस की शांति देवी ने कहा, हम कोई आर्थिक मुआवजा नहीं चाहते। हम चाहते हैं कि आरोपियों को फांसी दी जाए।

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