Thursday, June 10, 2010

श्रीलंका के शरणार्थी शिविरों में सेना द्वारा तमिल शरणार्थियों पर भारी जुल्म ढाए जाने के आरोप

लंदन।। श्रीलंका के शरणार्थी शिविरों में सेना द्वारा तमिल शरणार्थियों पर भारी जुल्म ढाए जाने के आरोप दु
निया भर के मानवाधिकार संगठन लगा रहे हैं। उनके दावे को अब और मजबूती मिली है। एशियाई मूल के एक ब्रिटिश डॉक्टर का आरोप है कि श्रीलंका के शरणार्थी शिविरों में सेना के जवानों ने तमिल महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया। यही नहीं, लिट्टे से रिश्ते रखने के आरोप में कई लड़कियों को शिविरों से दूर ले जाया गया, जिनका बाद में कोई अता-पता नहीं चला। 'द ऑब्जर्वर' की रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब चार महीने तक खुद शरणार्थी शिविरों में दिन काट चुके 25 साल के वानी कुमार ने दावा किया है कि सैनिकों ने तमिल महिलाओं से खाने के बदले सिर्फ उनके जिस्म का सौदा ही नहीं किया, बल्कि उन पर जुल्म ढाते हुए उन्हें घंटों कड़ी धूप में खड़ा भी किया जाता था। वानी ने बताया कि यह एक यातना शिविर की तरह था, जह
प्रभाकरण की मां को एयरपोर्ट से लौटाया यहां क्लिक को न तो बातचीत करने की इजाजत थी और न ही कंटीले तार के पास फटकने की इजाजत। यौन उत्पीड़न तो ऐसी चीज थी, जो बेहद आम थी और मैंने इसे अपनी आंखों से देखा। वहां मिलने-जुलने के लिए आने वाले लोगों को कंटीले तार के बाहर रहना पड़ता था, जबकि हम शिविर में रहते थे। वानी ने बताया, मैंने देखा कि जब लड़कियां अपने रिश्तेदार से मिलने के लिए इंतजार कर रही होती थीं तो सेना के अफसर वहां आते थे और उन्हें छूते थे। आमतौर पर लड़कियां उनसे कुछ कह नहीं पाती थीं, क्योंकि वे जानती थीं कि कुछ कहने पर उनके साथ कोई अनहोनी हो सकती है। यह सब एकदम खुलेआम होता था, सब लोग देख सकते थे कि सैन्य अधिकारी लड़कियों से छेड़छाड़ कर रहे हैं। लड़कियां अमूमन यौन शोषण के बारे में कभी नहीं बताती थीं, वह कभी अपना मुंह नहीं खोलती थीं, लेकिन मैंने सुना कि सैन्य अधिकारी महिलाओं को सेक्स के बदले खाना मुहैया कराते थे। सैन्य अधिकारी कुछ भी करने को बेताब रहते थे। एसेक्स के रहने वाले कुमार को सितंबर में छोड़ा गया, लेकिन इस अहम खुलासे में उन्होंने इतना वक्त इसलिए लिया, क्योंकि उनके कुछ दोस्त और परिवार के सदस्य भी वहां थे। उन्हें भी अब छोड़ दिया गया है। श्रीलंकाई सरकार ने भी ब्रिटिश अखबार से पुष्टि की है कि उसे संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों की ओर से शरणार्थी शिविरों में यौन शोषण की खबरें मिली हैं, लेकिन सरकार ने यह भी कहा है कि इन आरोपों को साबित

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