Thursday, April 7, 2011
डॉक्टर कपड़े उतारकर करती है इलाज!
डॉक्टर के सामने मरीज बेपर्दा होते तो आपने सुना होगा। लेकिन क्या बीमार के सामने डॉक्टर नेकेड हो सकती है। क्या एक-एक कर वो अपने कपड़े उतारकर इलाज कर सकती है। आप हैरान हो रहे होंगे, लेकिन ये हकीकत है।
अमेरिका की एक डॉक्टर मरीज के सामने धीरे-धीरे नेकेड हो जाती है। डॉक्टर का दावा है कि इससे वो मरीज का इलाज बेहतर ढंग से कर पाती है। इस नेकेड थेरेपी पर जबरदस्त बहस छिड़ चुकी है। इलाज के तस्वीरों को देख अच्छे खासे का दिमाग घूम सकता है। शरीर की नसों में हरकत शुरू हो सकती है। कपड़े उतारती लड़की भी तो यही चाहती है।
वो सामने मौजूद शख्स से बातें करती जाएगी और एक-एक कर कपड़े उतारती जाएंगी। इसके बाद लड़की और सामने बैठे शख्स के बीच कोई भी राज छिपा नहीं रह सकता। आदमी तोते की तरह बोलेगा। 25 साल की सराह भी तो यही चाहती हैं। वो मनोचिकित्सक हैं और ये है उनके इलाज का तरीका। उन्हें यकीन है कि इसके बाद एक ऐसी उत्तेजना शक्ति पैदा होती है जो क्लाइंट के अवचेतन में दबी परतों को आसानी से बाहर निकाल लेती हैं। मनोचिकित्सक सराह व्हाइट के पास से मरीजों की लंबी कतार है। लेकिन मरीजों में पुरुषों की संख्या सबसे ज्यादा है। सराह भी इस बात को मानती हैं कि महिलाओं की अपेक्षा वो पुरुषों में इस थेरेपी का बेहतर इस्तेमाल कर सकी हैं। सराह ने न्यूयॉकज़् यूनिवसिज़्टी से मनोविज्ञान की पढ़ाई के दौरान महसूस किया कि मनोचिकित्सा काफी नीरस है। लिहाजा उन्होंने इलाज में ओपन सेक्सुएलिटी को शामिल कर लिया। एक घंटे के सत्र के दौरान सराह जब बातचीत शुरू करती हैं तब उनके शरीर पर पूरे कपड़े होते हैं।
लेकिन सेंशन जैसे-जैसे आगे बढ़ता है वो सवाल पूछते-पूछते अपने कपड़े भी उतारने शुरू कर देती हैं। आखिर में उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं होता। सराह एक सेंशन के 150 डॉलर लेती हैं, इलाज की तीन प्रक्रिया है। पहले कंप्यूटर स्क्रीन पर वेब कैमरे और एकतरफा चैट के जरिए। फिर वीडियो अप्वाइंटमेंट के जरिए दो तरफा बातचीत और इसके बाद अगर जरूरत हो तो मरीज के साथ आमने-सामने रखकर ये नेकेड थैरेपी अपनाया जाता है। सराह के फ्राइड के सिद्धांतों से प्रभावित हैं। हालांकि वो फ्राइड के मुक्त साहचयज़् की जगह नेकेडनेस का प्रयोग करती है। ये बात अलग है कि सराह की नेकेड थेरेपी को किसी मेंटल हेल्थ एसोसिएशन ने मान्यता नहीं दी है। कई मनोचिकित्सकों सराह के इस प्रयोग का विरोध भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि सराह की नेकेड थेरेपी इंट्रैक्टिव सॉफ्ट-कोर इंटरनेट पोनज़् से ज्यादा कुछ नहीं है। सराह की नेकेड थेरेपी विवादों के घेरे में है। जानी-मानी मनोचिकित्स जयंती दत्ता का कहना है कि ये सब पैसा कमाने का तरीका है और पेशे को बदनाम कर रही है। वहीं मनोचिकित्सक संदीप वोहरा का कहना है कि ये बिल्कुल गलत है। सराह को खुद मनोचिकित्सा के बारे में पूरी जानकारी नहीं है, वो खुद एक मरीज लगती हैं।
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