भोपाल 15 अप्रैल 2010। बुरहानपुर में 16 से 19 अप्रैल तक महानाट्य राजयोगिनी अहिल्याबाई का मंचन होगा। स्थानीय विधायक एवं स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस की पहल पर प्रो. ब्रजमोहन मिश्रा स्मृति न्यास व जन-सहयोग परिषद द्वारा आयोजित महानाट्य में स्थानीय कलाकारों सहित करीब 400 कलाकार कला का प्रदर्शन करेंगे। 16 अप्रैल को महानाट्य के शुभारंभ पर संस्कार भारती नई दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष जम्मुकृष्ण शास्त्री, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सम्पर्क प्रमुख हस्तीमल व महर्षि पंतजलि संस्कृत संस्थान भोपाल के अध्यक्ष मिथिलाप्रसाद त्रिपाठी आदि उपस्थित रहेंगे। 4 दिवसीय महानाट्य में 19 अप्रैल तक पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, वित्त मंत्री राघवजी, भाजपा के प्रदेश सह संगठन मंत्री भगवतशरण माथुर, फिल्म कलाकार आशुतोष राणा, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल के उप कुलपति श्री कोटियाल आदि इस अवसर पर उपस्थित होंगे।
संस्कृति विभाग एवं पर्यटन विभाग के सहयोग से रेवा क्रियेशन द्वारा प्रस्तुत राजयोगिनी अहिल्याबाई देश का दूसरा बड़ा महानाट्य है। महानाट्य में देवी अहिल्या होलकर की भूमिका इंदौर की सुश्री अर्चना चितले ने निभाई है। इसके लेखक व निर्देशक किरण शानी हैं। संगीत एवं नृत्य निर्देशन दीपा शानी ने किया है। गीत चैतन्य शाह व पुनीत शर्मा के हैं। प्रमुख स्वर दीपा शानी, गौतम काले व किरण शानी ने दिए हैं। ध्वनि मुद्रण सिटी हार्ट स्टूडियो इंदौर के इशराक शेख का है तथा प्रकल्प प्रमुख अभिजीत निरखीवाले हैं।
राष्ट्र धर्म, भारतीय जीवन एवं ऋषि-मुनियों द्वारा राष्ट्रहित में किए गए प्रयासों के प्रतिस्थापन के उद्देश्य से ऐतिहासिक महानाट्य की रचना की गई है। महानाट्य में 18वीं सदी के समाज जीवन का जीवंत प्रदर्शन के लिए असंख्य कलावंतों व तकनीशियनों ने अनथक परिश्रम किया है। महानाट्य के लिए इंदौर के राजवाड़े की विराट अनुकृति से युक्त करीब 4 हजार वर्गफुट का भव्य मंच बनाया गया है। आधुनिक कर्णप्रिय ध्वनि व्यवस्था, लोकशैली आधारित सुमधुर संगीत, साक्षात हाथी, घोड़े, ऊँट, तोपें व पालकियों का मनोरम दृश्य के साथ विशाल महिला सैन्य शक्ति का प्रदर्शन होगा। महाराष्ट्र की लोक शैलियों पोवाडा, गोंधक, जागरण इत्यादि को आधार बनाकर प्रस्तुत महानाट्य का संगीत सामान्य जनमानस को मंत्रमुग्ध कर देने वाला है।
No comments:
Post a Comment