पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा सामाजिक न्याय मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रदीप जैन द्वारा मध्यप्रदेश सरकार एवं उनके अधिकारियों पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के तहत लगाये गये आरोपों के तरीकों पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इस मामले में बेहद गैर जिम्मेदार रवैया अपना रही है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि उन्हें समाचार पत्रों से समय-समय पर केन्द्रीय मंत्रियों द्वारा मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के तहत अनियमितता होने और राशि व्यय न होने संबंधी समाचार पढ़ने को मिलते हैं। श्री भार्गव ने कहा कि राज्य सरकार राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को प्रदेश में पूरी पारदर्शिता के साथ क्रियान्वित कर रही है। जब भी योजना में कहीं अनियमितता या भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त हुई है। राज्य सरकार ने अपने स्तर पर इस दिशा में कड़े कदम उठाते हुये बड़े से बड़े अधिकारी को बक्शा नहीं है। पूरे देश में मध्यप्रदेश एक मात्र ऐसा राज्य जिसने न केवल योजना को प्रभावी ढ़ंग से जमीनी स्तर पर लागू किया है जरूरतमंदों को रोजगार उपलब्ध कराया इसके साथ ही योजना का स्थाई लाभ हितग्राहियों को मिले इस तरह के नवाचार भी योजनान्तर्गत मध्यप्रदेश में किये गये हैं। विभिन्न बिन्दुओं पर उत्कृष्टता के लिये भारत सरकार ने स्वयं मध्यप्रदेश को सराहा भी है। श्री भार्गव ने कहा कि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रियों विशेषकर हाल ही में केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री द्वारा अपने मध्यप्रदेश प्रवास के दौरान मनरेगा को लेकर जो आरोप मध्यप्रदेश सरकार पर लगाये हैं उस पर उन्हें कड़ा ऐतराज है। उन्होंने कहा कि मनरेगा में किसी भी भ्रष्टाचार को दबाने और संबंधितों को बचाने की कतई मंशा राज्य सरकार की नहीं है ऐसा अगर होता तो हम कलेक्टर से लेकर मैदानी अफसरों, सरपंचों और सचिवों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि अगर केन्द्र सरकार के पास ऐसे कोई तथ्य है कि मध्यप्रदेश में मनरेगा में कहीं कोई अधिकारी गड़बड़ी कर रहा है तो उसे तत्काल यह बात राज्य सरकार के ध्यान में लाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि उन्हें समाचार पत्रों के माध्यम से ही यह ज्ञात हो रहा है कि किस अधिकारी ने क्या अनियमितता की है जबकि आज तक केन्द्र ने इस संबंध में न कोई लिखित प्रतिवेदन भेजा है और न ही कोई तथ्य उपलब्ध कराये हैं। श्री भार्गव ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री यह कह गये कि मध्यप्रदेश सरकार ने मनरेगा का 1500 करोड़ रूपये का उपयोग नहीं किया। उन्होंने कहा कि यह इस बात का द्योतक है कि केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री जैन को इस पूरी योजना की जानकारी ही नहीं है। अगर उन्हें यह जानकारी होती तो वे ऐसा बयान न देते।
श्री भार्गव ने कहा कि फिर भी राज्य सरकार प्रत्येक जानकारी को गंभीरता से लेती है। केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कथित तौर पर बालाघाट जिले के कलेक्टर पर जो आर्थिक अनियमितता संबंधी आरोप लगाये हैं राज्य सरकार उसकी उच्च स्तरीय जाँच करायेगी। इस संबंध में उप सचिव ग्रामीण विकास की अध्यक्षता में एक दल गठित किया है जिसमें लेखा अधिकारी भी शामिल रहेंगे जो मौके पर जाकर वस्तु स्थिति की जाँच कर राज्य शासन को अपना प्रतिवेदन देंगे। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी अनियमितता पाई जाती है तो राज्य सरकार किसी भी अधिकारी को नहीं बक्शेगी जैसे कि उसने अभी तक किया है।
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