करोड़पति बनना है तो पत्रकारिता छोड़ो फिल्में बनाओ
भोपााल(पीआईसीएमपीडॉटकॉम). लोकतान्त्रिक शासन प्रणाली ने भले ही शासकों की जिन्दगी थोड़ी आसान बना दी हो पर इसकी कितनी मंहगी कीमत आम जनता को चुकाना होती है इसका खुलासा विधानसभा में उजागर होने वाली जानकारियों से हो रहा है.करोड़ों रुपए खर्च करके चलाई जाने वाली विकास योजनाएं महज बजट को ठिकाने लगाने का माध्यम बन गईं हैं.जनसंपर्क महकमे ने विकास योजनाओं पर फिल्में बनाने में करोड़ों रुपए खर्च कर दिए हैं लेकिन एक भी फिल्म ऐसी नहीं है जो जनता से सीधा संवाद स्थापित करती हो.
इस मामले की स\"ााई विधानसभा में पूछे गए विधायक देवेन्द्र पटेल के प्रश्न के जवाब में सामने आई है.तकनीकी शिक्षा और जनसंपर्क मन्त्री लक्ष्मीकान्त शर्मा ने माननीय विधायक महोदय के सवाल के जवाब में जो जानकारी दी है उससे तकनीकी क्रान्ति की मंहगी कीमत का अन्दाजा सहज ही लगाया जा सकता है. अतारांकित प्रश्न क्रमांक 3990 के परिशिष्ट दो में दी गई जानकारी के अनुसार श्री लक्ष्मीकान्त शर्मा ने बताया कि जनसंपर्क विभाग ने पिछले दो सालों में लगभग साढ़े चार करोड़ रुपयों की फिल्में बनवा डाली हैं.इन्हें प्रदेश के समाचार चैनलों पर दिखाया जा रहा है. फिल्म निर्माण की इस राशि में वह मूल्य शामिल नहीं है जो चैनलों पर प्रसारण के लिए चुकाया गया है. यह राशि इस आंकड़े से कई गुना ज्यादा है.
फिल्में बनवाने वाले अपर संचालक सुरेश तिवारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2008-09 में 1भ् संस्थाओं या व्यçक्तयों को कुल दो करोड़ सैन्तालीस लाख, इकहत्तर हजार,तीन सौ चौदह रुपयों का भुगतान फिल्में बनाने के एवज में किया गया है. जबकि वित्तीय वर्ष 2009-10 में मात्र 28 फरवरी तक 12 व्यçक्तयों या संस्थाओं को कुल एक करोड़, पंचानवे लाख, तेईस हजार, आठ सौ सोलह रुपयों का भुगतान किया जा चुका है.
जानकारी में बताया गया है कि वर्ष 2008-09 में मे.खोजी पिक्चर्स प्रा.लि.दिल्ली डेढ़ करोड़ रुपयों से ज्यादा का भुगतान महज बीटा फामेüट की टेप से डी.वी.सी. फामेüट की टेप में बदलने के लिए ही कर दिया गया. यह परिवर्तन दूरदर्शन केन्द्र भोपाल के लिए किया जाता है. कहा गया है कि इस राशि में दूरदर्शन का प्रसारण शुल्क भी शामिल है जबकि समाचारों में दूरदर्शन केन्द्र की ओर से मध्यप्रदेश के समाचारों के लिए निज्शुल्क स्थान दिया जाता है.इनसाईट टीवी न्यूज नेटवर्क को चौबीस लाख साठ हजार छह सौ चौरासी रुपयों का भुगतान किया गया है. उसकी बनाई गई फिल्में सहारा समय पर दिखाईं गईं बताई जा रही हैं. इसी प्रकार निकिता फिल्मस को पांच लाख,नवासी हजार, आठ सौ नव्वे रुपयों का भुगतान किया गया है. मध्यप्रदेश की विकास यात्रा के गीतों के लिए पचपन हजार रुपयों का भुगतान किया गया है. प्रचार एडव्हरटाईजिंग के लिए एक लाख उनतीस हजार आठ सौ रुपयों का भुगतान किया गया है.
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