Wednesday, April 14, 2010

भगवान श्री राम की विश्राम स्थली ग्राम मुटवा की मिढ़ासन नदी होगी पुनर्जीवित

मुख्यमंत्री करेंगे शुरूआत
Bhopal:Wednesday, April 14, 2010:Updated 18:29IST

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मिढासन नदी जिस स्थान से निकलती है वह कभी भगवान श्री राम की विश्राम स्थली रही है। केन नदी की सहायक नदी मिढासन पन्ना जिले के मुटवा स्थान पर है। जहां 16 अप्रैल को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जायेंगे और इस ऐतिहासिक धार्मिक महत्व की नदी को पुनर्जीवित करने के कार्यों का शुभारंभ करेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जलाभिषेक अभियान के तहत ऐसी जल संरचनाओं को पुनर्जीवित करने का अभियान चलाया जा रहा है जो कभी अपने-अपने क्षेत्रों के जीवन रेखाएं होती थी।

पन्ना जिले के ग्राम मुटवा में स्थित मिढासन नदी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि उसके महत्व को रेखांकित करती हैं। पुरातनकालीन कथाओं के आधार पर ग्राम मुटवा के निवासी यह बतलाते है कि भगवान श्री राम ने जब चित्रकूट से पंचवटी जाते हुए जिन तीन स्थानों पर विश्राम किया था उसमें मरहा जो अब ग्राम मुटवा हो गया है में विश्राम किया था। भगवान श्री राम सारंग स्थित सुतीक्षण मुनी के आश्रम में रूकने के बाद यहां पहुंचे थे। उपेक्षा और पर्यावरण में आये बदलाव के बाद मुटवा गाँव की यह नदी पानी से धीरे-धीरे वंचित होने लगी। राज्य सरकार ने अपने इस बार के जलाभिषेक अभियान में ऐसी ही समृद्धशाली जल संरचनाओं को संरक्षित और पुनर्जीवित करने का अभियान पूरे प्रदेश में चलाया है।

मिढासन नदी केन नदी की सहायक नदी है। यह पन्ना के मुटवा गांव से निकलती है और 81.5 किलोमीटर का सफर कर जिले के ही प्रसिद्ध स्थान पण्डवन में केन नदी में मिल जाती है। किसी समय मुटवा गांव के आस पास हरियाली का साम्राज्य था। मीठे पानी के झरने बहते थे। नदी ऊर्जावान थी। कालांतर में नदी को जीवन देने वाले नाले सूख गये। राज्य सरकार के जल अभिषेक अभियान के अंतर्गत पन्ना जिले की मिढासन नदी को 24 किलोमीटर लंबाई और इसके अंतर्गत आने वाले 214 वर्ग किमी क्षेत्र के उपचार की कार्ययोजना बनाई गई है।

इसमें वन विभाग के अंतर्गत 77.86 वर्ग किमी और राजस्व के अंतर्गत 136.53 वर्ग किमी. क्षेत्र में उपचार किया जायेगा। इस तीन वर्षीय कार्ययोजना में पहाडी क्षेत्रों में कंटूर ट्रेंच, बोल्डर चेक, मेढ़ बंधान और चेक डेम के कार्यों को किया जायेगा। मैदानी क्षेत्र में नये तालबों का निर्माण, पुराने तालाबों का पुनरूद्धार, चारागाह विकास, मेढ बंधान और पौधों के रोपण जैसे जीवनदायिनी कार्य किये जायेंगे।

मिढासन नदी के पुनः जीवित होने से जिले की 23 ग्राम पंचायतों की जनसंख्या को सीधा लाभ मिलेगा। इससे 14750 हेक्टेयर खेती की जमीन अच्छी फसल के लिये तैयार हो जायेगी। मिढासन नदी के उपचार क्षेत्र में 7611 हेक्टेयर खेती का क्षेत्र सिंचित नहीं है इसके कारण किसानों को अपेक्षित उत्पादन नहीं मिल पा रहा है। नदी के जीवित होने से किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।

23 ग्राम पंचायतों को होगा लाभ

मिढासन नदी के पुर्नजीवन से पन्ना की 23 ग्राम पंचायतों के रहवासियों को सीधे लाभ मिलेगा। ये ग्राम पंचायतें हैं मुटवा, बडागांव, सकरिया, रानीपुरा, रंजोरपुरा, रानीगंज पुरवा, डडवरिया, खपटहा, सिमरी मडैयन, बिरवाही, भटहरमेघा, देवरीगढी, समाना, जनवार, गढीपडरिया, ककरहटा, सरहंजा, विल्हा सुरदहा, पडेरी, श्यामरडाडा, लुहरगांव, तिघराबुजुर्ग और तिंदुनहाई।

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