Monday, January 14, 2013

प्यार में पागल हो जाता है आदमी : कोर्ट


प्यार में पागल, prativad.comएजेंसीत्न नई दिल्ली
''प्यार में पागल होकर कोई सही-गलत नहीं सोच सकता।'' दिल्ली के एडिशनल सेशन जज (एएसजे) वीरेंदर भट ने गुरुवार को यह टिप्पणी की। वे कथित अपहरण के एक मामले की सुनवाई कर रहे थे। 
एएसजे ने दिल्ली के 21 वर्षीय युवक दीपू कुमार को मामले में दोषी तो माना लेकिन सजा रियायत के साथ दी। उसे अदालत के कमरे में एक दिन की नजरबंदी और एक हजार रुपए जुर्माने की सजा दी गई। दीपू पर आरोप था कि उसने जनवरी 2011 में एक लड़की को कथित तौर पर अगवा किया। फिर जबरन उससे शादी की। लड़की के परिवार वालों ने उस पर ये आरोप लगाए थे। 
जज ने सुनवाई के दौरान कहा, ''इस मामले में दोषी की स्थिति को समझा जा सकता है। रिकॉर्ड से साफ है कि दोषी युवक और लड़की एक-दूसरे से प्यार करते थे। लड़की ने लड़के पर भागकर शादी करने के लिए जोर डाला। इसमें सिर्फ एक चीज गलत है। वह ये कि लड़की की वास्तविक उम्र 18 साल से कम थी।'' 
अदालत ने कहा, ''हालांकि इसके लिए लड़के पर आरोप नहीं लगाया जा सकता है। लड़की ने अपनी सही उम्र उसे नहीं बताई। उसने उम्र 19 वर्ष बताई थी। लड़के ने उम्र की जांच की परवाह नहीं की। उसके पास अपनी प्रेमिका पर भरोसा करने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। इसलिए वह मुसीबत में फंस गया।'' 


 
 


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