स्वास्थ्य मंत्रालय ने हत्या का प्रकरण मान प्रकरण दर्ज करवाने की सलाह दी
उज्जैन 3 अक्टूबर 2013। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व वरिष्ठ पत्रकार अवंतिलाल जैन की मृत्यु के बाद अब चौकाने वाली जानकारी सामने आई है। 15 अगस्त 2011 को संजीवनी हॉस्पिटल में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई थी। मेडिकल दस्तावेजों को देख संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत का कारण बताकर उनके पुत्र डॉ. अरुण जैन निवासी 102 रेणुका प्लाजा (फ्रीगंज) ने स्वास्थ्य मंत्रालय भोपाल को आवेदन देकर पिता की मौत की जांच मेडिकल बोर्ड से करवाए जाने की मांग की थी। जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रथम दृष्टया मौत का कारण हत्या मानकर डॉ. जैन को पुलिस में प्रकरण दर्ज करवाने की सलाह दी है। डॉ. जैन ने हाल ही में एक मर्तबा फिर आईजी वी. मधुकुमार को शिकायत कर एफआईआर दर्ज कर दोषियों के खिलाफ सत कार्रवाई की मांग की है। इससे पहले वे तत्कालीन एसपी राकेश गुप्ता से भी शिकायत कर चुके हैं।
इसलिए हत्या की आशंका
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त संचालक ने डॉ. जैन को भेजे जवाब में जिक्र किया है कि 29 अप्रैल 2012 को आपके द्वारा भेजे पत्र क्रमांक एजे/एचएम/12 में पिताजी की मृत्यु संदेहास्पद परिस्थितियों में दर्शाई गई है। प्रकरण प्रथम दृष्टया हत्या से संबंधित होकर पुलिस विवेचना का है। अत: आप पुलिस विभाग में प्रकरण दर्ज करवाएं।
इनका कहना - पिताजी की संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत की आशंका संजीवनी अस्पताल के पेपर्स देखकर हुई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय, भोपाल से मौत की जांच मेडिकल बोर्ड से करवाए जाने की मांग की गई थी। उन्होंने प्रथम दृष्टया हत्या का प्रकरण बताकर पुलिस में प्रकरण दर्ज करवाने के निर्देश दिए हैं। एफआईआर दर्ज करवाए जाने को लेकर एक मर्तबा फिर आईजी से शिकायत की गई। - डॉ. अरुण जैन, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जैन के पुत्र शिकायत एसपी को भेजी है। जांच कर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।- वी. मधुकुमार, आईजी उज्जैन
शिकायत के आधार पर तथ्यों को जुटाया जा रहा है। जो तथ्य सामने आएंगे, उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी। -अनुराग, एसपी उज्जैन
इन बिंदुओं के आधार पर जैन की मौत संदेहास्पद
डॉ. अरुण जैन ने मेडिकल दस्तावेज और रिपोर्ट देखने के बाद पिता की मौत को संदेहास्पद माना था। उन्होंने निन बिंदुओं के आधार पर पिता की मौत की जांच मेडिकल बोर्ड से करवाए जाने के लिए 29 अप्रैल 12 को स्वास्थ्य मंत्रालय, भोपाल से मांग की थी। कुछ खास बिंदु इस प्रकार हैं -
> मेरे पिता (स्व. अवंतिलाल जैन) वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी व राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार थे।
> संजीवनी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर दशहरा मैदान (जहां पिताजी को भर्ती कराया था) से प्राप्त हॉस्पिटल के पेपर्स कईं प्रश्न खड़े करते हैं।
> हॉस्पिटल पेपर्स में किसी भी शल्य अथवा हृदय चिकित्सक द्वारा जांच करने, उपचार करने के कोई संकेत नहीं हैं। न ही जांचकर्ता विशेषज्ञ डॉक्टर के हस्ताक्षर हैं।
> पिता को फोर्टिविन और फेनरगान इंजेक्शन लगाना बताए गए पर अस्पताल संचालक ने अपने यहां इंजेक्शन लगाने से लिखित में इंकार किया है, जबकि हॉस्पिटल पेपर में इंजेक्शन लगाए जाने का जिक्र है। इंजेक्शन कहां और किसने लगाए, यह स्पष्ट नहीं।
> फोर्टिविन इंजेक्शन 60 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्ति के लिए प्रतिबंधित है क्योंकि इससे कार्डिक अरेस्ट का खतरा है। बावजूद इसके इंजेक्शन लगाए गए।
> 15 अगस्त 2011 दोपहर 12 बजे अचानक कार्डिक अरेस्ट आने की जानकारी दर्ज है। सवा 12 बजे फिर वही सूचना दर्ज है, मसाज लिखी है। 12.30 बजे उनकी मृत्यु दर्शाई गई है।
> शहर और प्रदेश के वरिष्ठतम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी (वीवीआईपी) के साथ ऐसा सलूक गंभीर लापरवाही, षड्यंत्र का संकेत करती है। मेरी मांग है कि समस्त प्रकरण की विस्तारपूर्वक मेडिकल बोर्ड से जांच कराई जाए और सभी दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।
|
Thursday, October 3, 2013
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अवंतिलाल जैन की हत्या की आशंका
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment