Saints Row The Third: Open World Demo. Watch more top selected videos about: Saints Row (series), Volition
Sunday, June 26, 2011
Thursday, June 23, 2011
गुटबाजी छोड़ पिछड़ों -दलितों में जनाधार बढ़ाये भाजपा
भारतीय जनता पार्टी के ऊपर अक्सर बनिया-ब्राह्मण पार्टी होने का आरोप लगता रहा है | प्रमोद महाजन की असामयिक मौत के बाद से ही पार्टी की हालात खस्ता है और गुटबाजी काफी बढ़ गयी है | संघ के निर्देश पर नितिन गडकरी को राष्ट्रीय अध्यक्ष तो बना दिया गया लेकिन पार्टी में गुटबाजी को रोक नहीं पाए हैं | खुद उनके गृह प्रदेश में अहम् की लड़ाई से भाजपा को बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है | हाल ही में पार्टी में पिछड़ी जाति के नेता उमा भारती की वापसी हुई और साथ ही महाराष्ट्र के पिछड़ों के जमीनी नेता गोपीनाथ मुंडे की पार्टी छोड़ने की बातें मीडिया में शुरू हो गयी | हालाँकि सुषमा स्वराज से मिलने के बाद मुंडे ने ऐसी अटकलों पर यह कहकर विराम लगा दिया कि ‘ मैं भाजपा में ही रहूँगा ‘ , लेकिन मुंडे की नाराजगी अभी ख़त्म नहीं हुई है |
कभी महाराष्ट्र भाजपा में मुंडे और दिवंगत प्रमोद महाजन की तूती बोलती थी तब गडकरी की कोई खास अहमियत नहीं थी | लेकिन गडकरी के भाजपा अध्यक्ष बन जाने के बाद गडकरी ने अपना प्रभाव स्थापित करने लिए प्रदेश इकाई में महत्वपूर्ण पदों पर मुंडे के करीबी समझे जाने वाले लोगों को हटा कर अपने नजदीकियों को नियुक्त करना शुरू किया और यहीं से मुंडे और गडकरी के बीच मतभेद उभर कर मीडिया आने लगे |
मुंडे को पिछड़े वर्गों में अच्छा प्रभाव रखने वाले भाजपा का अकेला जन नेता माना जाता है इस लिहाज से ना केवल महाराष्ट्र भाजपा में बल्कि रह्स्त्रिय स्तर पर भी गोपीनाथ मुंडे की भूमिका भाजपा के लिए लाभदायक है | भाजपा के अलावा विभिन्न दलित /पिछड़े मंच पर मुंडे को लोग बुलाते हैं | मुंडे के पार्टी छोड़ने से महाराष्ट्र में भाजपा के पिछड़े वर्गो में जनाधार का बड़ा झटका लग सकता है |
उमा भारती भी भाजपा की ओबीसी नेता हैं और गोपीनाथ मुंडे भी भाजपा के ओबीसी नेता है. ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग. अगड़ों की पार्टी के रूप में बदनाम भाजपा को और ऐसे नेता खड़े करने होंगे और मौजूदा राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय नेतृत्व में सामजिक समीकरणों के आधार पर नेताओं को आगे लाना होगा |
पिछड़ों -दलितों का महत्व केवल भाजपा को आगे बढाने के लिए ही नहीं बल्कि हिंदुत्व के सपने को साकार करने के लिए भी अत्यंत आवश्यक है | हिन्दू समाज के पिछड़े – दलित वर्ग और आदिवासी आजादी के पहले से हीं ईसाई मिशनरियों के निशाने पर हैं | संघ के सामाजिक समरसता के सिद्धांत को आगे बढाने के लिए भाजपा को पिछड़े -दलित -आदिवासी नेतृत्व को भी समुचित जगह देनी होगी तभी सम्पूर्ण भारत में कमल खिलाने का स्वप्न पूरा हो सकेगा |
कभी महाराष्ट्र भाजपा में मुंडे और दिवंगत प्रमोद महाजन की तूती बोलती थी तब गडकरी की कोई खास अहमियत नहीं थी | लेकिन गडकरी के भाजपा अध्यक्ष बन जाने के बाद गडकरी ने अपना प्रभाव स्थापित करने लिए प्रदेश इकाई में महत्वपूर्ण पदों पर मुंडे के करीबी समझे जाने वाले लोगों को हटा कर अपने नजदीकियों को नियुक्त करना शुरू किया और यहीं से मुंडे और गडकरी के बीच मतभेद उभर कर मीडिया आने लगे |
मुंडे को पिछड़े वर्गों में अच्छा प्रभाव रखने वाले भाजपा का अकेला जन नेता माना जाता है इस लिहाज से ना केवल महाराष्ट्र भाजपा में बल्कि रह्स्त्रिय स्तर पर भी गोपीनाथ मुंडे की भूमिका भाजपा के लिए लाभदायक है | भाजपा के अलावा विभिन्न दलित /पिछड़े मंच पर मुंडे को लोग बुलाते हैं | मुंडे के पार्टी छोड़ने से महाराष्ट्र में भाजपा के पिछड़े वर्गो में जनाधार का बड़ा झटका लग सकता है |
उमा भारती भी भाजपा की ओबीसी नेता हैं और गोपीनाथ मुंडे भी भाजपा के ओबीसी नेता है. ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग. अगड़ों की पार्टी के रूप में बदनाम भाजपा को और ऐसे नेता खड़े करने होंगे और मौजूदा राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय नेतृत्व में सामजिक समीकरणों के आधार पर नेताओं को आगे लाना होगा |
पिछड़ों -दलितों का महत्व केवल भाजपा को आगे बढाने के लिए ही नहीं बल्कि हिंदुत्व के सपने को साकार करने के लिए भी अत्यंत आवश्यक है | हिन्दू समाज के पिछड़े – दलित वर्ग और आदिवासी आजादी के पहले से हीं ईसाई मिशनरियों के निशाने पर हैं | संघ के सामाजिक समरसता के सिद्धांत को आगे बढाने के लिए भाजपा को पिछड़े -दलित -आदिवासी नेतृत्व को भी समुचित जगह देनी होगी तभी सम्पूर्ण भारत में कमल खिलाने का स्वप्न पूरा हो सकेगा |
Tuesday, June 21, 2011
साहूकारों को लाइसेंस लेना होगा
साहूकारों को लाइसेंस लेना होगा
भोपाल, 21 जून 2011। मध्य प्रदेश में साहूकारी करने वालों को अब लाइसेंस लेना होगा। बगैर लाइसेंसधारी साहूकार दिया गया कर्ज वसूल नहीं कर सकेगा और कर्ज में दी गई राशि को शून्य माना जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए लोक स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि साहूकारों को लाइसेंस लेना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए अंग्रेजों के शासनकाल के साहूकारी अधिनियम 1934 में संशोधन किया जाएगा। संशोधन का प्रस्ताव आगामी मानसून सत्र में लाया जाएगा।
मालूम हो कि राज्य में शहरी व ग्रामीण इलाकों में जेवरात व जमीन गिरवी रखकर कर्ज देने की परम्परा है। साहूकारी का यह काम कई परिवार पीढ़ियों से करते आ रहे हैं। साहूकार मनमाफिक ब्याज वसूलते हैं, इसी के चलते सरकार ने साहूकारों को लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है। लाइसेंस की फीस साहूकार के कारोबार के आधार पर तय की जाएगी।
मिश्रा ने बताया कि जो लोग लाइसेंस के बगैर साहूकारी करते हुए किसी को कर्ज देंगे तो उस राशि को शून्य माना जाएगा, यानी वे दिया हुआ कर्ज नहीं वसूल सकेंगे।
मंत्रिपरिषद ने आबकारी विभाग में 145 आरक्षकों के पद सीधे भर्ती के जरिए भरने का भी फैसला लिया है।
Date: 21-06-2011 Time
भोपाल, 21 जून 2011। मध्य प्रदेश में साहूकारी करने वालों को अब लाइसेंस लेना होगा। बगैर लाइसेंसधारी साहूकार दिया गया कर्ज वसूल नहीं कर सकेगा और कर्ज में दी गई राशि को शून्य माना जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए लोक स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि साहूकारों को लाइसेंस लेना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए अंग्रेजों के शासनकाल के साहूकारी अधिनियम 1934 में संशोधन किया जाएगा। संशोधन का प्रस्ताव आगामी मानसून सत्र में लाया जाएगा।
मालूम हो कि राज्य में शहरी व ग्रामीण इलाकों में जेवरात व जमीन गिरवी रखकर कर्ज देने की परम्परा है। साहूकारी का यह काम कई परिवार पीढ़ियों से करते आ रहे हैं। साहूकार मनमाफिक ब्याज वसूलते हैं, इसी के चलते सरकार ने साहूकारों को लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है। लाइसेंस की फीस साहूकार के कारोबार के आधार पर तय की जाएगी।
मिश्रा ने बताया कि जो लोग लाइसेंस के बगैर साहूकारी करते हुए किसी को कर्ज देंगे तो उस राशि को शून्य माना जाएगा, यानी वे दिया हुआ कर्ज नहीं वसूल सकेंगे।
मंत्रिपरिषद ने आबकारी विभाग में 145 आरक्षकों के पद सीधे भर्ती के जरिए भरने का भी फैसला लिया है।
Date: 21-06-2011 Time
बाबा रामदेव की संपत्ति राजसात होगी : दिग्विजय
बाबा रामदेव की संपत्ति राजसात होगी : दिग्विजय
जबलपुर, 21 जून 2011। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि बाबा रामदेव के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई होगी तथा इस अधिनियम के तहत उनकी संपत्ति तक राजसात की जा सकती है।
मध्य प्रदेश के दमोह की जबेरा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के प्रचार के लिए जबलपुर पहुंचे दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बाबा रामदेव ने जो संपत्ति जुटाई है, उसकी जांच में पर्ते खुलती जा रही है। उनके पास जो संपत्ति आई है वह धन किसका है, इसका खुलासा होने के साथ उनके खिलाफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई होगी।
सिंह ने आगे कहा कि मनी लॉड्रिंग एक्ट में प्रावधान है कि ऐसी संपत्ति राजसात की जाती है, लिहाजा उनकी संपत्ति राजसात भी हो सकती है। उन्होंने आचार्य बालकृष्ण पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पास कोई आचार्य की उपाधि नहीं है वह फर्जी आदमी है।
रामलीला मैदान में नेतागिरी करने का बाबा रामदेव पर आरोप लगाते हुए सिंह ने कहा कि वहां योग शिविर की अनुमति ली गई थी। उसके बाद सहमति पत्र पर बाबा रामदेव के अलावा बालकृष्ण ने भी हस्ताक्षर किए थे। बाबा ने आम लोगों को ठगने का काम किया है।
दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्री तक पर भ्रष्टचार के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप में हटाए गए अजय विश्नोई को फिर मंत्री बना दिया गया है। राज्य का हाल यह है कि अधिकारी के यहां छापे में 300 करोड़ की नगदी मिलती है, अगर मंत्री तथा मुख्यमंत्री के आवास पर छापे पड़ें तो हजारों करोड़ मिलेंगे।
Date
एक जुलाई से बदलेगी भोपाल शहर की यातायात व्यवस्था
एक जुलाई से बदलेगी भोपाल शहर की यातायात व्यवस्था
अवैध बसों का संचालन और यातायात में बाधक अतिक्रमणों को सख्ती से हटाये, गृह मंत्री श्री गुप्ता ने दिये निर्देश
भोपाल 20 जून 2011। आगामी एक जुलाई से राजधानी भोपाल के विभिन्न सड़क मार्गों पर यातायात व्यवस्था में अपेक्षित सुधार नजर आयेगा। गृह मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने इस मकसद से व्यापक दिशा-निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये हैं।
गृह मंत्री ने आज एक बैठक में भोपाल शहर की यातायात व्यवस्था में बाधक बनने वाले अतिक्रमण, मुख्य सड़क मार्गों पर बेतरतीब से पड़े हुए कंडम वाहनों इत्यादि को सख्ती से हटाने के निर्देश दिये। श्री गुप्ता ने अनुबंध के आधार पर संचालित वाहनों को निर्धारित स्थानों पर ही संचालित होने की जरूरत बताई। नादरा बस स्टैण्ड पर से अवैध बसों के संचालन को सख्ती से रोकने की हिदायत भी श्री गृह मंत्री श्री गुप्ता ने दी। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा कि वे इन मामलों में बगैर किसी दबाव के अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें।
श्री गुप्ता ने शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाने के लिये टाइम मैनेजमेंट के पालन की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि जिस समयावधि में चिन्हित मार्गों को वन वे किया जाता है उस दौरान यह सुनिश्चित किया जाये कि लोग नियमों का पालन करें। यदि सड़क मार्गों के चौड़ीकरण की वजह से वन वे मार्गों की आवश्यकता नहीं है तो उन्हें दो-तरफा यातायात के लिये शुरू किया जाना चाहिये। इसके अलावा शहर के महत्वपूर्ण स्थलों पर जहाँ यातायात का अत्याधिक दबाव रहता है वहाँ यातायात पुलिस सक्रियता से व्यवस्था बनाने के प्रयास करे। आबकारी ठेकों और मदिरा दुकानों पर अनावश्यक रूप से खड़े वाहन यातायात में बाधक न बने इस दिशा में भी सख्ती बरती जाये।
गृह मंत्री ने बैठक में शहर के निर्धारित पार्किंग स्थलों में अवैध रूप से संचालित कार बाजारों को सख्ती से हटाने के लिये कहा। उन्होंने भोपाल रेलवे स्टेशन और हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को ऑटो चालकों द्वारा परेशान करने संबंधी शिकायतों पर कार्रवाई के निर्देश भी दिये। श्री गुप्ता ने कहा कि ऑटो चालक अपने निर्धारित स्थानों पर ही रहें। बैठक में जानकारी दी गई कि आगामी एक जुलाई से प्री-पेड बूथ पुनः सुचारु रूप से आरंभ हो जायेंगे। ऑटो चालकों द्वारा पेट्रोल की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी के अनुरूप प्रति किलोमीटर दर वृद्धि की माँग की गई थी। इस संबंध में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी द्वारा एक जुलाई से 18 प्रतिशत की दर वृद्धि का निर्णय लिया गया है। इस नई व्यवस्था से ऑटो चालकों को अब नुकसान उठाना नहीं पड़ेगा।
बैठक में जिला कलेक्टर श्री निकुंज श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक श्री योगेश चौधरी, आयुक्त नगर निगम श्री मनीष सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायातसुश्री मोनिका शुक्ला और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी भोपाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
Date: 20-06-2011 Time
अमरपाटन महाविद्यालय के प्राचार्य निलम्बित
भोपाल 20 जून 2011। राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के प्रति लापरवाह अधिकारियों-कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई का रूख अपनाया है। उच्च शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मीकान्त शर्मा ने महाविद्यालय में अध्यापन और व्यवस्थाओं में लापरवाही बरतने पर शासकीय महाविद्यालय अमरपाटन जिला सतना के प्रभारी प्राचार्य डॉ. एस.के. पाण्डे को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने के आदेश दिये हैं। इसके साथ ही महाविद्यालय में अनुपस्थित पाये गये 5 प्राध्यापकों एवं सहायक प्राध्यापकों की दो वेतन वृद्धियाँ रोकने के निर्देश दिये गये हैं। इस संबंध में विभाग द्वारा आज आदेश जारी कर दिये गये।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मीकान्त शर्मा ने विभाग के प्रमुख सचिव और आयुक्त को महाविद्यालयों के आकस्मिक निरीक्षण के निर्देश दिये हैं। इसी के अंतर्गत आयुक्त उच्च शिक्षा डॉ. व्ही.एस. निरंजन ने पिछले दिनों इस महाविद्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण में पाया गया कि प्रभारी प्राचार्य उपस्थित नहीं थे। इसके साथ ही प्राध्यापक डॉ. एस.एन. मिश्रा, प्राध्यापक प्रो. के.एन. मिश्रा, सहायक प्राध्यापक श्री रसिक बिहारी, श्री बलराम दास और डॉ. एस.के. सौंधिया भी बिना अवकाश के अनुपस्थित पाये गये।
आयुक्त उच्च शिक्षा को महाविद्यालय में उपस्थित विद्यार्थियों ने बताया कि महाविद्यालय में प्राचार्य अक्सर उपस्थित नहीं रहते। साथ ही प्राध्यापक भी कक्षाएँ नियमित रूप से नहीं लेते। इसके अलावा कार्यालयीन कर्मचारियों द्वारा भी लापरवाही के मामले सामने आने पर 5 तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भी एक वेतनवृद्धि रोकने के निर्देश दिये गये हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री शर्मा ने आयुक्त उच्च शिक्षा से कहा है कि वे पूरे प्रदेश में आकस्मिक रूप से महाविद्यालयों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं अवलोकन करें। महाविद्यालयों में आवश्यक उपलब्ध संसाधन तथा कमी का भी ब्यौरा प्राप्त करें। शासन पर्याप्त संसाधन उपलब्ध करवायेगा, लेकिन लापरवाही किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
Date: 20-06-2011 Time: 19:40:47
उच्च शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मीकान्त शर्मा ने विभाग के प्रमुख सचिव और आयुक्त को महाविद्यालयों के आकस्मिक निरीक्षण के निर्देश दिये हैं। इसी के अंतर्गत आयुक्त उच्च शिक्षा डॉ. व्ही.एस. निरंजन ने पिछले दिनों इस महाविद्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण में पाया गया कि प्रभारी प्राचार्य उपस्थित नहीं थे। इसके साथ ही प्राध्यापक डॉ. एस.एन. मिश्रा, प्राध्यापक प्रो. के.एन. मिश्रा, सहायक प्राध्यापक श्री रसिक बिहारी, श्री बलराम दास और डॉ. एस.के. सौंधिया भी बिना अवकाश के अनुपस्थित पाये गये।
आयुक्त उच्च शिक्षा को महाविद्यालय में उपस्थित विद्यार्थियों ने बताया कि महाविद्यालय में प्राचार्य अक्सर उपस्थित नहीं रहते। साथ ही प्राध्यापक भी कक्षाएँ नियमित रूप से नहीं लेते। इसके अलावा कार्यालयीन कर्मचारियों द्वारा भी लापरवाही के मामले सामने आने पर 5 तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भी एक वेतनवृद्धि रोकने के निर्देश दिये गये हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री शर्मा ने आयुक्त उच्च शिक्षा से कहा है कि वे पूरे प्रदेश में आकस्मिक रूप से महाविद्यालयों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं अवलोकन करें। महाविद्यालयों में आवश्यक उपलब्ध संसाधन तथा कमी का भी ब्यौरा प्राप्त करें। शासन पर्याप्त संसाधन उपलब्ध करवायेगा, लेकिन लापरवाही किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
Date: 20-06-2011 Time: 19:40:47
बालाघाट में भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद
बालाघाट, 20 जून 2011। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में पुलिस ने एक तलाशी अभियान के दौरान भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया है। नक्सलियों द्वारा इन विस्फोटकों को जमा किए जाने की आशंका जताई जा रही है।
बालाघाट के पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर ने बताया है कि मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित भावे व भीरी के जंगल में पुलिस दल तलाशी अभियान पर था, तभी उसे नक्सलियों द्वारा विस्फोटक जमा किए जाने का पता चला। पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया।
पुलिस ने कुल 50 किलोग्राम क्लेमोरमाइड, र्छे, 10 किलोग्राम बारूद तथा तार, प्लग आदि बरामद किए हैं। इस इलाके में नक्सलियों की गतिविधियों को पुलिस नहीं नकारती है। आशंका यही है कि यह विस्फोटक नक्सलियों ने किसी वारदात की नीयत से जमा किया होगा।
इससे पहले भी बालाघाट में पिछले माह पुलिस ने सोनागुड्डा व डाबरी पुलिस चौकी के बीच स्थित जंगल में निर्माणाधीन पुलिया के करीब से जमा किया गया विस्फोटक बरामद किया था। पुलिस ने 10 पैकेट डेटोनेटर, तरल पदार्थ, लोहा व कांच के टुकड़े व तार आदि बरामद किए थे।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में बालाघाट नक्सल प्रभावित जिलों में से एक है। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र में बढ़ी नक्सली गतिविधियों के चलते यहां भी पुलिस का खोजी सर्चिंग अभियान तेज हो गया है। इतना ही नहीं यहां नक्सलियों के प्रवेश की भी आशंका जताई जा रही है।
Date: 20-06-2011 Time: 16:13:04
रिश्ते की बहन निकली अफसर की पत्नी की हत्यारी
रिश्ते की बहन निकली अफसर की पत्नी की हत्यारी
जबलपुर, 20 जून 2011। मध्य प्रदेश के जबलपुर में मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास निगम के मुख्य महाप्रबंधक ए.के. मिश्रा की पत्नी की हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि रिश्ते की बहन ने की है। पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार करने के साथ लूटे गए जेवरात व नकदी बरामद कर ली है, उसके साथी की तलाश जारी है।
ज्ञात हो कि अधारताल थाना क्षेत्र के रवींद्र नगर में रहने वाले ए.के. मिश्रा की पत्नी अंजू मिश्रा की 16-17 जून की रात हत्या कर दी गई थी। लुटेरे नकदी व जेवरात ले गए थे।
पुलिस अधीक्षक अभय सिंह ने रविवार को हत्याकांड की गुत्थी सुलझाते हुए बताया कि अंजू की हत्या उसकी मौसेरी बहन रत्ना दुबे ने अपने साथी के साथ की है। पुलिस ने आरोपी के पास से लूटे गए जेवरात व नकदी बरामद की है। आरोपी महिला ने पुलिस को बताया है कि उन्होंने अंजू की रसोई में गला दबाने के बाद उस पर हथियार से प्रहार किया था।
आरोपी महिला रत्ना ने पुलिस के सामने जुर्म कबूल कर लिया है। पुलिस रत्ना के साथी की तलाश में जुटी है। साथ ही यह भी पता लगा रही है कि हत्या की वजह लूट थी या कुछ और।
कांग्रेस व भाजपा से जुड़े लोगों का धन विदेशी बैंकों में : मायावती
भोपाल, 19 जून 2011। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती का कहना है कि कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों की ही मंशा विदेशों में जमा कालाधन वापस लाने की नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन दोनों दलों से जुड़े लोगों का धन विदेशी बैंकों में है।
भोपाल के जम्बूरी मैदान में मध्य प्रदेश सहित छत्तीसगढ़, ओडीशा व राजस्थान के कार्यकर्ताओं के अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए मायावती ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में राष्ट्रमंडल खेल, 2जी स्पेक्ट्रम तथा आदर्श सोसायटी घोटाले हुए हैं। इन मामलों में केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के दखल के बाद कार्रवाई की है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कालाधन वापस लाना नहीं चाहती है, यही कारण है कि उसकी ओर से पहल नहीं की जा रही है। इतना ही नहीं भाजपा भी कालाधन वापस लाना नहीं चाहती। तभी तो भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार केंद्र में छह साल तक रही और उसने कालाधन वापस लाने के लिए कुछ नहीं किया।
मायावती का मानना है कि अगर विदेशों के बैंकों में जमा कालाधन वापस आ जाए तो देश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 50 फीसदी आबादी की गरीबी खत्म हो जाएगी।
केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए मायावती ने कहा कि अब तक केंद्र में सत्ता में आई सरकारें पूंजीपतियों व धन्नासेठों के अनुरुप आर्थिक नीतियां बनाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि पूंजीपति की मदद से ही इनकी सरकारें बनती हैं। बात साफ है जिसका नमक खाएंगे उसके लिए हलाल भी बनना पड़ेगा।
मायावती ने कहा कि वहीं ये योजनाएं गरीब विरोधी भी हैं। यही कारण है कि दलितों, पिछड़ों व धर्म के आधार पर अल्पसंख्यक समुदायों का आजादी के 63 वर्ष बाद भी सामाजिक व आर्थिक स्तर नहीं सुधर पाया है। गरीब और गरीब हो गया है तथा अमीर और अमीर होता जा रहा है। परिणामस्वरुप इन वर्गो के लोग नक्सलवाद अथवा गलत रास्ते पर चले जाते है।
Sunday, June 19, 2011
बाबा को बदनाम करने के लिए 5 दिन में 1700 करोड़ का विज्ञापन
बाबा रामदेव को बदनाम करने के लिए 5 दिनों में टेलीविजन मीडिया पर खर्च की गई राशि श्री बाबा रामदेव की 17 साल की संपूर्ण संपत्ति से भी अधिक है |
10 second TV ads charges = 10 lacs Rs.
10 hrs in a day for a channel = 35 crore
5 days for a channel = 175 crore
10 such channel for 5 days = 1750 crore
इलेक्ट्रोनिक मीडिया की ख़बरों के पीछे विज्ञापन का अंकगणित कितना प्रभावी है इसकी एक छोटी सी झलकी ऊपर की तालिका से स्पष्ट हो जाती है |
पिछले दो सालों में पेड न्यूज को लेकर देश भर में बड़ी बहस शुरू हुई थी | स्वर्गीय प्रभाष जोशी की पहल पर उनके कई साथी पत्रकारों ने इस पर काम भी किया , रिपोर्ट भी बनी लेकिन सरकारी स्तर पर इसको रोकने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये | ” पेड न्यूज “, एडवर्टोरियल , जैसे शब्द आज पत्रकारिता में अपनी स्वीकार्यता बना चुके हैं | सरकारी-गैरसरकारी विज्ञापन चैनलों और अख़बारों की जुबान पर ताला लगा चुके हैं और उनकी आँखों पर सरकारी चश्मा चढ़ चुका है | आज मीडिया वही दिखाती है जो सरकार दिखाना चाहती है | सरकारी विज्ञापन कब और किस उद्देश्य से जारी किये जा रहे हैं इस पर राष्ट्रीय बहस की जरुरत है |
सरकारी प्रचार और विज्ञापन को लेकर दिशा-निर्देश में चार केंद्रीय बिंदु हैं – यह सरकार की जिम्मेदारियों से जुड़े हुए हों, सीधे-सपाट तरीके से उद्देश्य की पूर्ति करते हों, वस्तुनिष्ठ हों और उन्हें प्रचारित किए जाने की वजह साफ हो, वे पक्षपातपूर्ण या विवादात्मक न हों, किसी पार्टी के राजनीतिक प्रचार का औजार न हों और ऐसी समझदारी से किए जाएं कि वे जनता के पैसों के इस खर्च की न्यायसंगत वजह पेश करते हों।*1
भारत में आज तक पाठकीय संप्रभुता बन ही नहीं पाई. आगे के समय में यह और भी संभव नहीं दिखाई देता है क्योंकि यह वित्तीय मुद्रा व मुद्रा के वर्चस्व का युग है | राजनीति और मुख्यधारा के मीडिया दोनों पर पूंजी का दबाव है | उन्होंने आगे कहा कि पहले जनाधार और कैडर आधारित पार्टियां मुख्यधारा के मीडिया को अपने लिहाज से महत्वहीन मानती थीं | लेकिन जैसे-जैसे समय बदला जनाधार कमजोर हुआ, पार्टियां कैडरविहीनता की स्थिति में आने लगीं, पार्टियां मीडिया के द्वारा छवि निर्माण करने लगीं | पार्टियां मुख्यधारा के मीडिया का इस्तेमाल कर उन पैसिव वोटरों को प्रभावित करने लगीं जो पाठक-दर्शक है | ऐसे में ही पार्टियों और मुख्यधारा के मीडिया का नापाक गठबंधन शुरू हुआ | पत्रकारिता तो नैसर्गिक प्रतिपक्ष है |*2
लेकिन वर्तमान हालात में पत्रकारिता / मीडिया जो लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहलाती है उसका चेहरा वही है लेकिन अन्दर का चरित्र बदल चुका है | मीडिया का नैसर्गिक प्रतिपक्ष होने की बात बार-बार बेमानी साबित हो रही है | सत्ता के इशारे पर शीर्षासन करने वाली मीडिया इमेज बनाने और बिगाड़ने के खेल में माहिर हो गयी है | बाबा रामदेव और अन्ना हजारे के मामले में मीडिया यही तो कर रही है | केन्द्रीय सत्ता के इशारे पर मीडिया ने रामलीला मैदान में हुई पुलिसिया बर्बरता की गैर-लोकतांत्रिक कार्यवाई पर सरकार को घेरने के बजाय बाबा रामदेव , आचार्य बालकृष्ण और भ्रष्टाचार के विरुद्ध सत्याग्रह से जुडे प्रमुख लोगों को ही निशाने पर ले लिया है | आखिर क्या वजह है कि एक तरफ इलेक्ट्रोनिक मीडिया बाबा रामदेव की जड़ें खोदने में लगी हुई है दूसरी तरफ हर चैनल पर “भारत निर्माण ” के विज्ञापन की बाढ़ आ गयी है ?
निश्चित रूप से यह विज्ञापन सरकारी घुस है जो सरकारी अजेंडे के मुताबिक खबरों के प्रसारण हेतु मीडिया को दिया गया है | बाबा रामदेव प्रकरण में मीडिया की भूमिका संदिग्ध और जांच का विषय है | यही मीडिया थी जिनके प्रसारण की सुबह बाबा रामदेव के योग क्लास से होती थी | बाबा रामदेव को अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बनाने में इसी मीडिया ने सालों दिन-रात की मेहनत की है | आखिर क्या वजहें थी कि मीडिया को उस दौरान बाबा रामदेव की संपत्ति और उनके तथाकथित फर्जीवाड़े का पता नहीं चल पाया ? आखिर बाबा रामदेव से जुडे दर्जनों खुलासे, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर यूपीए सरकार और काले धन को लेकर कांग्रेस पर बाबा के सीधे प्रहार के बाद , ही सामने आने लगे ? बहरहाल , ऊपर दिए गये सरकारी विज्ञापन के आंकडें चीख-चीख सारे सवालों के जबाव दे रहे हैं |
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*1 सरकारी विज्ञापनों के बहाने ‘प्रचार’ , मीडियाखबर.कॉम
*2 वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र दुबे के विचार , हाशिया ब्लॉग
पढाई के खर्च और महंगे शौक पूरे हो रहे है जिस्मफरोशी से
आज पूरी दुनिया में जिस्मफरोशी का बाजार गर्म है। पहले मजबूरी के तहत औरतें और युवतियां इस धंधे में आती थी लेकिन अब मजबूरी की जगह शौक ने ले ली है। आज नये जमाने की आड़ लेकर राह से भटकी कुछ लडकियों को बहला फुसलाकर बडे़-बडे़ सब्जबाग दिखाकर बाकायदा कुछ लोगों ने जिस्मफरोशी को कारोबार बना लिया है। आज सेक्स का धंधा एक बडे कारोबार के रूप में दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत में भी परिवर्तित हो चुका है। इस कारोबार को चलाने के लिये बाकायदा आफिस बनाने के साथ ही कुछ लोगों ने मसाज पार्लरो के नाम से अखबारो में विज्ञापन देकर बॉडी मसाज की आड़ में जिस्मफरोशी का धंधा चला रखा है। इस के अलावा टीवी सीरियल और फिल्मो में नई हीरोईन के लिये ओडीशन के नाम पर भी आज ये धंधा खूब फल फूल रहा है। वही कुछ सरकारी गेस्ट हाऊस और होटल आज जिस्मफरोशी की इस बेल को खाद और पानी दे रहे है। आज पूरे देश में जिस्मफरोशी करने वालों का एक बहुत बडा नेटवर्क फैला हुआ है। बडी बडी चमचमाती गाडियों के सहारे एक शहर से दूसरे शहर लडकियो को पहुंचाया जाता है। आज जिस्मफरोशी का धंधा खुलम खुल्ला पुलिस की जानकारी में हो रहा है पर क्या किया जाये कहीं थाने बिक जाते है तो कहीं राजनेताओ का दबाव पड़ जाता है। ये ही वजह है कि आज जिस्मफरोशी ने हमारे सामाजिक ताने बाने को पूरी तरह से पष्चिमी रंग में रंग दिया है। बेबीलोन के मंदिरो से लेकर भारत के मंदिरो में देवदासी प्रथा वेश्यावृत्ति का आदिम रूप है। गुलाम व्यवस्था में मालिक वेश्याएं पालते थे। तब वेश्याएं संपदा और शक्ति का प्रतीक मानी जाती थी। मुगलकाल में मुगलों के हरम में सैकडों औरतें रहती थी अंग्रेजों ने भारत पर अधिकार किया तो इस धंधे का स्वरूप ही बदल गया। पुराने जमाने में राजाओं को खुश करने के लिये तोहफे के तौर पर तवायफों को पेश किया जाता था। उस जमाने में भी जिस्म का कारोबार होता था। वक्त के थपेडों से घायल लडकिया अक्सर कोठो के दलालों का शिकार होकर ही कोठो पर पहुचॅती थी।
लेकिन आज अपनी बढी हुई इच्छाओं को पूरा करने के लिये महिलाएं और युवतियां इस पेशे को खुद अपनाने लगी है। महज भौतिक संसाधनों को पाने की खातिर कुछ लडकियां आज इस धंधे में उतर आई है। बंगला कार से लेकर घर में टीवी फ्रिज एसी के शौक को पुरा करने के लिये ये युवतिया जिस्मफरोशी को जल्द सफलता पाने के लिये शार्टकट तरीका भी मानती है। इसी लिये आज इस धंधे में सब से ज्यादा 16 से 20 व 22 साल की स्कूली छात्राओ की हिस्सेदारी है। इन में से केवल 20 प्रतिशत छात्राएं ही मजबूरी के तहत इस धंधे में है 80 प्रतिशत अपने मंहगे शौक को पूरा करने के लिये इस धंधे में आई हुई है। किंग्स्टन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रॉन रॉबट्स ने सेक्स उद्योग से छात्र छात्राओं के संबंधो को जानने के लिये किये गये एक सर्वेण के मुताबिक ब्रिटेन के स्कूल और विश्वविद्यालयों में पढने वाली कई छात्राए अपने स्कूल की फीस जुटाने व दोस्तों के साथ मौजमस्ती करने, अच्छे और मंहगे कपडे पहनने के लिये देह व्यापार का धंधा करती है। ये ही कारण है। पिछले दस सालों में देह व्यापार का ये कारोबार शौक ही शौक में 3 प्रतिशत से बढकर 25 प्रतिशत तक पहुंच गया।
भारत में भी जिस्मफरोशी का ये धंधा आज महानगरों के साथ ही बडे बडे शहरो से निकलकर छोटे छोटे गांव और कस्बों में बहुत तेजी के साथ बढ और फल फूल रहा है। देश का युवा वर्ग आज इस बुरी लत में पूरी तरह से डूब चुका है। पुराने जमाने के कोठो से निकल कर अब ये धंधा इन्टरनेट के जरिये कुछ अश्लील बेबसाइटो से हो रहा है। जिन में सिर्फ अपनी जरूरत के हिसाब से लिखकर सर्च करने से ऐसी हजारो बेबसाइट्स के लिंक आप को मिल जायेंगे जिन में स्कूली छात्राओं, मॉडल्स, टीवी और फिल्मी स्टारो को आप के लिये उपलब्ध कराने के दावे किये जाते है। ये ही कराण है कि आज इस देह के कारोबार के जरिये बहुत जल्द ऊंची छलांग लगाने वाली मध्यवर्गीय लड़किया, माडल्स, कालेज की छात्राए,दलालो के जाल में आसानी से फंस जाती है। और आज नये जमाने के नाम पर बार पार्टिया, निर्बंध सेक्स संबंधो के लिये सोशल नेटवर्किग साइटस, मोबाइल फोन्स, इन्टरनेट पर चेटस के रूप में मौज मस्ती का खजाना हमारे युवाओ को असानी से मिल जाता है। रात रात भर होटलो में बार बालाओ ओर कॉलगर्ल्स के साथ राते रंगीन करने के बाद सुबह उठने पर समाजिक चिंता और अपराधबोध से कोसो दूर युवा वर्ग जर्बदस्त आनंद प्राप्त करने का दावा तो करते है पर ये नादान ये नही समझ पा रहे कि आज जिस शौक के लिये ये अपने सफेद लहू को बेपरवाह होकर बहा रहे है कल ये ही इन्हे खून के आंसू भी रूलायेगा।
अभी हाइफाई इंफॉरमेशन टेक्नेलॉजी होने के बावजूद हमारे देश की पुलिस के लिये इस पेशे से जुडे लोगो और दलालों की पहचान काफी मुश्किल हो रही है। क्यो कि इस पेषे से जुडे तमाम लोगो की वेशभूषा, रहन सहन, पहनावा व भाषा हाईफाई होने के साथ ही इन लोगो के काम करने का ढंग पूरी तरह सुरक्षित होता है। स्कूली छात्राओं, माडल्स, टीवी और फिल्मी नायिकाओं पर किसी को एकदम से शक भी नही होता। सौ में से एक दो जगह पर मुखबिरो के सहारे अंधेरे में तीर मारकर पुलिस देह व्यापार कर रहे लोगो को पकडती जरूर है पर ऊंची पहुंच के कारण इन्हे भी छोड़ दिया या छोटे मोटे केस में चालान कर दिया जाता है। कुछ लोग विदेशों से कॉलगर्ल्स मंगाने के साथ ही अपने देश से विदेशों में टूर के बहाने 16 से 18 साल की स्कली छात्राओ को बडे बडे उद्योगपतियो और राजनेताओ से मोटी मोटी रकम लेकर उन के बैडरूमो में पहुंचा देते है। इस प्रकार मौजमस्ती करने के साथ ही इस घंधे से जुडी स्कूली छात्राओ का विदेश घूमने का का सपना भी पूरा हो जाता है।
यू तो जिस्मफरोशी दुनिया के पुराने धंधों में से एक है 1956 में पीटा कानून के तहत वेष्यावृतित्त को कानूनी वैधता दी गई, पर 1986 में इस में संशोधन कर के कई शर्ते जोड दी गई। जिस के तहत सार्वजनिक सेक्स को अपराध माना गया। पकडे जाने पर इस में सजा का प्रावधान भी है वूमेन एंड चाइल्ड डेवलेपमेंट मिनिस्ट्री ने 2007 में अपनी रिर्पोट दी जिस में कहा गया कि भारत में लगभग 30 लाख औरते जिस्मफरोशी का धंधा करती है। इन में से 36 प्रतिशत नाबालिक है। अकेले मुम्बई में 2 लाख सेक्स वर्कर का परिवार रहता है। जो पूरे मध्य एशिया में सब से बडा है। भारत में सब से बडा रेड लाइट ऐरिया कोलकत्ता में सोनागाछी, मुम्बई में कमाथीपुरा, दिल्ली में जीबी रोड, ग्वालियर में रेशमपुरा, वाराणसी में दालमंडी, सहारनपुर (यूपी) में नक्कासा बाजार, मुजफ्फरपुर (बिहार) में छतरभुज स्थान, मेरठ (यूपी) में कबाडी बाजार और नागपुर में गंगा जमना के इलाके जिस्मफरोशी के लिये प्रसिद्व है।
पिछले दिनो संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने ‘अपरच्युनिटी इन क्राइसिस प्रिवेटिव एचआईवी फ्रॉम अर्ली अडोलसेंस टु यंग एडल्टहुड’ नाम से एक रिर्पोट जारी कि है जिस के मुताबिक सहारा के रेगिस्तानी इलाके के आसपास बसे देशों में एचआईवी से ग्रस्त किशोरों की तादात सब से ज्यादा है। इन देशों की फेहरिस्त में भारत भी शामिल है। इस रिर्पोट में कई चौकाने वाली बाते सामने आई है। इस वायरस की चपेट में दक्षिण अफ्रीका में सब से अधिक 210000 लडकिया और 82000 किषोर एचआईवी वायरस से पीडित है। 180000 लडकिया नाईजीरिया में जिन में 10 से 19 साल की आयु वर्ग के किशोर इस में शामिल है। वही 95000 हजार किषोर पूरे देश में एचआईवी संक्रमण की चपेट में है। लगभग 2500 युवा पूरी दुनिया में रोजाना इस वायरस की गिरफ्त में आते हैं। जिन युवाओं को देश, कल का भविष्य मानता है वो ही युवा वर्ग अपनी मौजमस्ती, ऐशपरस्ती, नादानी के कारण आज अन्दर ही अन्दर पूरी तरह से खोखले होते जा रहे है। वैष्विक तरक्की और सूचना क्रांति के दौर में आज हमारे सामने हमारे युवा वर्ग की ये एक भयानक सच्चाई है। जिस नई पीढी के कंधे पर दुनिया का भविष्य टिकेगा उस का शरीर आज एक ऐसे रोग से घिर चुका है जिस का दुनिया में अब तक कोई इलाज ही नही है। आज एचआईवी (हृयूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) के जरिये दुनिया का युवा वर्ग बडी तेजी के साथ इस मौत के दलदल में सिर्फ मौजमस्ती पढाई का खर्च और महंगे शौक के कारण खामोशी से समाता चला जा रहा है।
Date19=6-2011
Friday, June 10, 2011
रिश्वत लेते पकड़ाए औषधि एवं खाद्य निरीक्षक को सश्रम कारावास की सजा
रिश्वत लेते पकड़ाए औषधि एवं खाद्य निरीक्षक को सश्रम कारावास की सजा
भोपाल 10 जून 2011। खंडवा की विशेष न्यायालय ने रिश्वत लेते हुए पकड़े गये खाद्य एवं औषधि निरीक्षक सुरेन्द्र सिंह जर्मन को अर्थदण्ड और सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। औषधि एवं खाद्य निरीक्षक को दो विभिन्न धाराओं के तहत ढ़ाई-ढ़ाई हजार रूपये के अर्थदण्ड तथा तीन-तीन साल के सश्रम कारावास की सजा से दंडित भी किया गया है।
सुरेन्द्र सिंह जर्मन को गत एक जून 2009 को दुकान का लायसेंस बनाने के एवज़ में 5,500 रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था।
भोपाल 10 जून 2011। खंडवा की विशेष न्यायालय ने रिश्वत लेते हुए पकड़े गये खाद्य एवं औषधि निरीक्षक सुरेन्द्र सिंह जर्मन को अर्थदण्ड और सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। औषधि एवं खाद्य निरीक्षक को दो विभिन्न धाराओं के तहत ढ़ाई-ढ़ाई हजार रूपये के अर्थदण्ड तथा तीन-तीन साल के सश्रम कारावास की सजा से दंडित भी किया गया है।
सुरेन्द्र सिंह जर्मन को गत एक जून 2009 को दुकान का लायसेंस बनाने के एवज़ में 5,500 रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था।
भोपाल में एकतरफा प्यार में 3 छात्राओं को रौंदा
भोपाल में एकतरफा प्यार में 3 छात्राओं को रौंदा
भोपाल, 10 जून 2011। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक छात्र एकतरफा प्यार में कुछ इस तरह हावी हो गया कि उसने अपनी कथित प्रेमिका सहित उसकी दो सहेलियों को कार से रौंद डाला। पुलिस ने कार जब्त कर आरोपी छात्र के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार टीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज की तीन छात्राएं गुरुवार को डीआरएम कार्यालय के पास बस से उतर कर अपने शक्तिनगर स्थित छात्रावास जा रही थीं तभी उन्हें एक कार चालक ने सामने से टक्कर मार कर रौंद दिया।
गोविंदपुरा पुलिस ने शुरुआत में इस घटना को महज हादसा माना लेकिन बाद में पता चला कि कार चालक ने कई बार कार को आगे पीछे कर छात्राओं को रौंदा है। इतना ही नहीं आरोपी मौके पर ही कार छोड़कर भाग गया।
पुलिस अधीक्षक योगेश चौधरी ने शुक्रवार को बताया है कि छात्राओं से पता चला है कि हादसे को अंजाम देने वाला उनका साथी छात्र महेंद्र यादव है। वह अपने साथ पढ़ने वाली एक छात्रा संचिता से एकतरफा प्यार करता था। छात्रा ने कॉलेज प्रबंधन से भी इसकी शिकायत की थी, जिसके बाद महेंद्र को कॉलेज से निलम्बित कर दिया गया था।
चौधरी के अनुसार ऐसा लगता है कि आरोपी ने छात्रा द्वारा की गई शिकायत पर हुई कार्रवाई से नाराज होकर इस घटना को अंजाम दिया। घायल तीनों छात्राओं का इलाज चल रहा है। पुलिस ने आरेापी छात्र महेंद्र के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है और उसकी कार को जब्त कर लिया है।
चौधरी मानते हैं कि एकतरफा प्यार को लेकर छात्रों के हिंसक होने की घटनाएं सामने आ रहीं है। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्कूल व कॉलेज प्रबंधन को छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग करनी चाहिए।
Date: 10-06-2011
भोपाल, 10 जून 2011। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक छात्र एकतरफा प्यार में कुछ इस तरह हावी हो गया कि उसने अपनी कथित प्रेमिका सहित उसकी दो सहेलियों को कार से रौंद डाला। पुलिस ने कार जब्त कर आरोपी छात्र के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार टीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज की तीन छात्राएं गुरुवार को डीआरएम कार्यालय के पास बस से उतर कर अपने शक्तिनगर स्थित छात्रावास जा रही थीं तभी उन्हें एक कार चालक ने सामने से टक्कर मार कर रौंद दिया।
गोविंदपुरा पुलिस ने शुरुआत में इस घटना को महज हादसा माना लेकिन बाद में पता चला कि कार चालक ने कई बार कार को आगे पीछे कर छात्राओं को रौंदा है। इतना ही नहीं आरोपी मौके पर ही कार छोड़कर भाग गया।
पुलिस अधीक्षक योगेश चौधरी ने शुक्रवार को बताया है कि छात्राओं से पता चला है कि हादसे को अंजाम देने वाला उनका साथी छात्र महेंद्र यादव है। वह अपने साथ पढ़ने वाली एक छात्रा संचिता से एकतरफा प्यार करता था। छात्रा ने कॉलेज प्रबंधन से भी इसकी शिकायत की थी, जिसके बाद महेंद्र को कॉलेज से निलम्बित कर दिया गया था।
चौधरी के अनुसार ऐसा लगता है कि आरोपी ने छात्रा द्वारा की गई शिकायत पर हुई कार्रवाई से नाराज होकर इस घटना को अंजाम दिया। घायल तीनों छात्राओं का इलाज चल रहा है। पुलिस ने आरेापी छात्र महेंद्र के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है और उसकी कार को जब्त कर लिया है।
चौधरी मानते हैं कि एकतरफा प्यार को लेकर छात्रों के हिंसक होने की घटनाएं सामने आ रहीं है। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्कूल व कॉलेज प्रबंधन को छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग करनी चाहिए।
Date: 10-06-2011
शिवराज ने मनमोहन से मांगी गरीबों में गेहूं बांटने की अनुमति
शिवराज ने मनमोहन से मांगी गरीबों में गेहूं बांटने की अनुमति
नई दिल्ली, 9 जून 2011। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भेंट कर उनसे आग्रह किया कि प्रदेश में अस्थाई भण्डारण में रखा करीब 18 लाख मीट्रिक टन गेहूं या तो मध्यप्रदेश सरकार द्वारा गरीबों में बांटने की अनुमति दी जाए या फिर उसे अतिरिक्त रूप से मध्य प्रदेश को आवंटित कर दिया जाए।
शिवराज ने प्रधानमंत्री से कहा, "यदि भारतीय खाद्य निगम इस गेहूं का उठाव कर उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाए तो ठीक है, नहीं तो इसे बीपीएल परिवारों को सबसिडी देकर तीन रुपये किलो की दर से वितरित कर दिया जाए। मध्यप्रदेश देश के बीचों बीच स्थित है और इस गेहूं को देश के पूर्व-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण किसी भी भाग में भेजा जा सकता है।"
शिवराज ने कहा कि यदि ऐसा नहीं हो सकता है तो फिर मध्य प्रदेश को यह गेहूं अतिरिक्त रूप से आवंटित कर दिया जाए और इसे गरीब परिवारों को बांटने की अनुमति दी जाए। गरीबों को गेहूं वितरित करने के फलस्वरूप उनके घर ही वेयर हाऊस बन जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि मध्यप्रदेश में गेहूं का इतना अधिक उपार्जन पहली बार हुआ है और उपार्जित गेहूं के भंडारण के लिये वेयर हाऊसों की प्रदेश में कमी है, इसीलिए यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का ध्यान इस ओर भी दिलाया कि सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि गेहूं सड़ने देने की बजाय गरीबों को दे दिया जाए।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि अतिरिक्त आवंटन की बात पर विचार किया जाएगा। मध्यप्रदेश को दिया गया आवंटन वितरित हो जाने पर तीन लाख मीट्रिक टन के करीब अतिरिक्त आवंटन पर विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे भी मध्यप्रदेश की समस्या का समाधान नहीं होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि मध्यप्रदेश में 67 लाख परिवारों को गरीबी रेखा से नीचे मानकर सीधे एक साल का आवंटन दे दिया जाए। गरीब व्यक्ति यदि एक क्विंटल गेहूं खरीदेगा तो उसे सिर्फ 300 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
Date: 10-06-2011
नई दिल्ली, 9 जून 2011। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भेंट कर उनसे आग्रह किया कि प्रदेश में अस्थाई भण्डारण में रखा करीब 18 लाख मीट्रिक टन गेहूं या तो मध्यप्रदेश सरकार द्वारा गरीबों में बांटने की अनुमति दी जाए या फिर उसे अतिरिक्त रूप से मध्य प्रदेश को आवंटित कर दिया जाए।
शिवराज ने प्रधानमंत्री से कहा, "यदि भारतीय खाद्य निगम इस गेहूं का उठाव कर उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाए तो ठीक है, नहीं तो इसे बीपीएल परिवारों को सबसिडी देकर तीन रुपये किलो की दर से वितरित कर दिया जाए। मध्यप्रदेश देश के बीचों बीच स्थित है और इस गेहूं को देश के पूर्व-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण किसी भी भाग में भेजा जा सकता है।"
शिवराज ने कहा कि यदि ऐसा नहीं हो सकता है तो फिर मध्य प्रदेश को यह गेहूं अतिरिक्त रूप से आवंटित कर दिया जाए और इसे गरीब परिवारों को बांटने की अनुमति दी जाए। गरीबों को गेहूं वितरित करने के फलस्वरूप उनके घर ही वेयर हाऊस बन जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि मध्यप्रदेश में गेहूं का इतना अधिक उपार्जन पहली बार हुआ है और उपार्जित गेहूं के भंडारण के लिये वेयर हाऊसों की प्रदेश में कमी है, इसीलिए यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का ध्यान इस ओर भी दिलाया कि सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि गेहूं सड़ने देने की बजाय गरीबों को दे दिया जाए।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि अतिरिक्त आवंटन की बात पर विचार किया जाएगा। मध्यप्रदेश को दिया गया आवंटन वितरित हो जाने पर तीन लाख मीट्रिक टन के करीब अतिरिक्त आवंटन पर विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे भी मध्यप्रदेश की समस्या का समाधान नहीं होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि मध्यप्रदेश में 67 लाख परिवारों को गरीबी रेखा से नीचे मानकर सीधे एक साल का आवंटन दे दिया जाए। गरीब व्यक्ति यदि एक क्विंटल गेहूं खरीदेगा तो उसे सिर्फ 300 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
Date: 10-06-2011
मैहर की शारदा देवी की मूर्ति से लिपटा अजगर
मैहर की शारदा देवी की मूर्ति से लिपटा अजगर
सतना, 9 जून 2011। मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित मैहर की शारदा देवी की मूर्ति से एक अजगर लिपटा मिला। इस अजगर को सुरक्षित निकाल लिया गया।
मंदिर के पुजारी मोहन द्विवेदी ने बताया कि गुरुवार की सुबह मूर्ति के उपरी हिस्से में अजगर नजर आया। यह अजगर मूर्ति से लिपटा था। वह कहते हैं कि मंदिर के गर्भगृह तक किसी जीव या जंतु के जाने के लिए छेद तक नहीं हैं, ऐसे अजगर का प्रतिमा तक पहुंचना अचरज में डालने वाला है।
वन अधिकारी आर. एल. प्रजापति के अनुसार मंदिर में अजगर के होने की सूचना मिलने पर विभाग का अमला मौके पर पहुंचा तथा अजगर को अपने कब्जे में लिया।
अजगर शारदा देवी की मूर्ति से लिपटा रहा और श्रद्घालु अपनी पूजा अर्चना करते रहे। श्रद्घालु मूर्ति से अजगर के लिपटने को चमत्कार मान रहे हैं।
सतना, 9 जून 2011। मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित मैहर की शारदा देवी की मूर्ति से एक अजगर लिपटा मिला। इस अजगर को सुरक्षित निकाल लिया गया।
मंदिर के पुजारी मोहन द्विवेदी ने बताया कि गुरुवार की सुबह मूर्ति के उपरी हिस्से में अजगर नजर आया। यह अजगर मूर्ति से लिपटा था। वह कहते हैं कि मंदिर के गर्भगृह तक किसी जीव या जंतु के जाने के लिए छेद तक नहीं हैं, ऐसे अजगर का प्रतिमा तक पहुंचना अचरज में डालने वाला है।
वन अधिकारी आर. एल. प्रजापति के अनुसार मंदिर में अजगर के होने की सूचना मिलने पर विभाग का अमला मौके पर पहुंचा तथा अजगर को अपने कब्जे में लिया।
अजगर शारदा देवी की मूर्ति से लिपटा रहा और श्रद्घालु अपनी पूजा अर्चना करते रहे। श्रद्घालु मूर्ति से अजगर के लिपटने को चमत्कार मान रहे हैं।
मप्र के शिवपुरी में पुलिसकर्मियों ने मचाया उपद्रव, कई घायाल
मप्र के शिवपुरी में पुलिसकर्मियों ने मचाया उपद्रव, कई घायाल
शिवपुरी, दिनांक 08 जून 2011। मध्य प्रदेश के शिवपुरी में पीली बत्ती लगी स्कार्पियों में सवार होकर मंगलवार देर रात पुलिसकर्मिय्यों ने शहर के रेडलाइट एरिया में जबदस्त गुण्डागर्दी करते हुए महिलाओं सहित कई नागरिकों से मारपीट की और भीड़ को कुचलने का प्रय्यास किया। आक्रोशित भीड़ ने इस पीली बत्ती स्कार्पियों में तोड़फोड़ कर इनमें से एक आरक्षक को धर दबोचा। इस घटना से पूरे क्षेत्र में तनाव है। एसडीओ पुलिस एवं घायालों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार रात 10.30 बजे आरक्षक शैलेन्द्र सिंह तोमर व दिनेश अपने दो अन्य स्कार्पियों में सवार होकर रेडलाइट एरिया पहुंचे, जो कि जब्ती का वाहन था और वर्तमान में पुलिस लाइन में प्रायुकक्त किया जा रहा था। शराब के नशे में धुत्त इन पुलिसकर्मियों ने लोगों के साथ गाली गलौच शुरू कर दी। रईस वोडिया नामक व्यक्ति ने इन्हें टोका तो उन्होंने उसे गाड़ी में पटक लिया। कार में पीली बत्ती जल रही थी। एक महिला सरजूबाई ने इन्हें रोका तो उन्होंने उसके साथ भी मारपीट की।
भीड़ एकत्र होने पर आरक्षक शैलेन्द्र तोमर और उसके साथियों ने भीड़ पर कार चढ़ाकर लोगों को कुचलने का प्रयास किया, जिससे नगर पालिका के पूर्व उपाध्य्क्ष पदम चौकसे की उंगली टूट गई, सरजूबाई का पैर फ्रेक्चर हो गया और गोलू श्रीवास्तव की पैर में चोट आई। पुलिस वालों ने दूध पीकर लौट रहे 65 वर्षीय मुर्तजा खां को इतनी बुरी तरह कुचला कि उसकी पसलिया टूट गईं और मुंह से खून आ गया। कार की चपेट में फंसे बुजुर्ग को क्रेन की सहायाता से निकाला गया। घायाल को दिल्ली इलाज के लिए भेज दिया गया है। आक्रोशित भीड़ ने स्कार्पियो में तोड़फोड़ कर आग लगाने का प्रयास किया। इस दौरान तीन कार सवार फरार हो गए, जबकि शैलेनद्र सिंह को जनता ने दबोच लिया । मौके पर पहुंचे देहात थाना प्रभारी काले ने प्रेस को कार के फोटो लेने से रोका और पीली बत्ती व उसमें लगा वायरलेस निकाल लिया। बताया जाता है यह कार पुलिस अधीक्षक की ओर से प्रयुक्त की जाती है, किन्तु मंगलवार शाम ही एसपी आरपी सिंह अवकाश पर चले गए, जिस कारण लाइन से पुलिसकर्मी कार उठा लाए। एसडीओपी संजय अग्रवाल का कहना है कि शैलेन्द्र सिंह एवं दिनेश और अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया है। इनमें दो आरक्षक हैं व दो इनके मित्र हैं। उन्होंने बताया कि आरक्षकों के निलम्बन और बर्खास्तगी की अनुसंशा का पत्र पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर को भेजा जा रहा है। पूरे क्षेत्र में इस घटना से तनाव है।
शिवपुरी, दिनांक 08 जून 2011। मध्य प्रदेश के शिवपुरी में पीली बत्ती लगी स्कार्पियों में सवार होकर मंगलवार देर रात पुलिसकर्मिय्यों ने शहर के रेडलाइट एरिया में जबदस्त गुण्डागर्दी करते हुए महिलाओं सहित कई नागरिकों से मारपीट की और भीड़ को कुचलने का प्रय्यास किया। आक्रोशित भीड़ ने इस पीली बत्ती स्कार्पियों में तोड़फोड़ कर इनमें से एक आरक्षक को धर दबोचा। इस घटना से पूरे क्षेत्र में तनाव है। एसडीओ पुलिस एवं घायालों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार रात 10.30 बजे आरक्षक शैलेन्द्र सिंह तोमर व दिनेश अपने दो अन्य स्कार्पियों में सवार होकर रेडलाइट एरिया पहुंचे, जो कि जब्ती का वाहन था और वर्तमान में पुलिस लाइन में प्रायुकक्त किया जा रहा था। शराब के नशे में धुत्त इन पुलिसकर्मियों ने लोगों के साथ गाली गलौच शुरू कर दी। रईस वोडिया नामक व्यक्ति ने इन्हें टोका तो उन्होंने उसे गाड़ी में पटक लिया। कार में पीली बत्ती जल रही थी। एक महिला सरजूबाई ने इन्हें रोका तो उन्होंने उसके साथ भी मारपीट की।
भीड़ एकत्र होने पर आरक्षक शैलेन्द्र तोमर और उसके साथियों ने भीड़ पर कार चढ़ाकर लोगों को कुचलने का प्रयास किया, जिससे नगर पालिका के पूर्व उपाध्य्क्ष पदम चौकसे की उंगली टूट गई, सरजूबाई का पैर फ्रेक्चर हो गया और गोलू श्रीवास्तव की पैर में चोट आई। पुलिस वालों ने दूध पीकर लौट रहे 65 वर्षीय मुर्तजा खां को इतनी बुरी तरह कुचला कि उसकी पसलिया टूट गईं और मुंह से खून आ गया। कार की चपेट में फंसे बुजुर्ग को क्रेन की सहायाता से निकाला गया। घायाल को दिल्ली इलाज के लिए भेज दिया गया है। आक्रोशित भीड़ ने स्कार्पियो में तोड़फोड़ कर आग लगाने का प्रयास किया। इस दौरान तीन कार सवार फरार हो गए, जबकि शैलेनद्र सिंह को जनता ने दबोच लिया । मौके पर पहुंचे देहात थाना प्रभारी काले ने प्रेस को कार के फोटो लेने से रोका और पीली बत्ती व उसमें लगा वायरलेस निकाल लिया। बताया जाता है यह कार पुलिस अधीक्षक की ओर से प्रयुक्त की जाती है, किन्तु मंगलवार शाम ही एसपी आरपी सिंह अवकाश पर चले गए, जिस कारण लाइन से पुलिसकर्मी कार उठा लाए। एसडीओपी संजय अग्रवाल का कहना है कि शैलेन्द्र सिंह एवं दिनेश और अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया है। इनमें दो आरक्षक हैं व दो इनके मित्र हैं। उन्होंने बताया कि आरक्षकों के निलम्बन और बर्खास्तगी की अनुसंशा का पत्र पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर को भेजा जा रहा है। पूरे क्षेत्र में इस घटना से तनाव है।
प्रदेश नेतृत्व की सहमति से हुई उमा की वापसी : शिवराज
प्रदेश नेतृत्व की सहमति से हुई उमा की वापसी : शिवराज
भोपाल, 7 जून 2011। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में वापसी का स्वागत करते हुए कहा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने यह निर्णय प्रदेश नेतृत्व की सहमति से लिया है।
भोपाल में संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए चौहान ने कहा कि किसी भी कार्यकर्ता के पार्टी में आने से दल को मजबूती मिलती है। उमा के आने से भी पार्टी को लाभ होगा।
उमा भारती की वापसी को लेकर राज्य इकाई की ओर से लगातार विरोध के स्वर उठते रहे हैं। चौहान से जब पूछा गया कि उमा की वापसी का फैसला क्या केंद्रीय नेतृत्व का है तो उनका जवाब था कि यह निर्णय केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश नेतृत्व की सहमति से लिया है।
जब चौहान से पूछा गया कि अगला विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा तो उनका जवाब था कि वह तो पार्टी के कार्यकर्ता हैं और केंद्रीय नेतृत्व का जो निर्देश होगा, वह उसका पालन करेंगे।
भोपाल, 7 जून 2011। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में वापसी का स्वागत करते हुए कहा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने यह निर्णय प्रदेश नेतृत्व की सहमति से लिया है।
भोपाल में संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए चौहान ने कहा कि किसी भी कार्यकर्ता के पार्टी में आने से दल को मजबूती मिलती है। उमा के आने से भी पार्टी को लाभ होगा।
उमा भारती की वापसी को लेकर राज्य इकाई की ओर से लगातार विरोध के स्वर उठते रहे हैं। चौहान से जब पूछा गया कि उमा की वापसी का फैसला क्या केंद्रीय नेतृत्व का है तो उनका जवाब था कि यह निर्णय केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश नेतृत्व की सहमति से लिया है।
जब चौहान से पूछा गया कि अगला विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा तो उनका जवाब था कि वह तो पार्टी के कार्यकर्ता हैं और केंद्रीय नेतृत्व का जो निर्देश होगा, वह उसका पालन करेंगे।
भाजपा में हुई उमा भारती की वापसी
भाजपा में हुई उमा भारती की वापसी
नई दिल्ली, 7 जून 2011। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में करीब छह साल बाद वापसी हो गई है। उमा भारती को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर आरोप लगाने के कारण वर्ष 2004 में पार्टी से निकाल दिया गया था।
दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने भारती की पार्टी में वापसी की घोषणा की।
गडकरी ने कहा, "उमा भारती को पार्टी में दोबारा शामिल करने का फैसला आम सहमति से लिया गया है। वह मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश में पार्टी के लिए काम करेंगी। अगामी विधानसभा के चुनाव में वह प्रचार में भाग लेंगी।"
उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या मसले पर न्यायालय के फैसले से राम मंदिर बनाने का जो मार्ग प्रशस्त हुआ है उसे उमा भारती आगे बढ़ाएंगी।
इसके बाद उमा भारती ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भाजपा से की थी और करीब 15 साल तक भाजपा में रहने बाद उन्होंने पार्टी छोड़ा था। इन पांच-छह सालों जो भी कटुता था उसे उन्होंने भुला दिया है और वह पार्टी अध्यक्ष की आशाओं पर खरा उतरने की कोशिश करेंगी।
Date: 07-06-2011
नई दिल्ली, 7 जून 2011। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में करीब छह साल बाद वापसी हो गई है। उमा भारती को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर आरोप लगाने के कारण वर्ष 2004 में पार्टी से निकाल दिया गया था।
दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने भारती की पार्टी में वापसी की घोषणा की।
गडकरी ने कहा, "उमा भारती को पार्टी में दोबारा शामिल करने का फैसला आम सहमति से लिया गया है। वह मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश में पार्टी के लिए काम करेंगी। अगामी विधानसभा के चुनाव में वह प्रचार में भाग लेंगी।"
उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या मसले पर न्यायालय के फैसले से राम मंदिर बनाने का जो मार्ग प्रशस्त हुआ है उसे उमा भारती आगे बढ़ाएंगी।
इसके बाद उमा भारती ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भाजपा से की थी और करीब 15 साल तक भाजपा में रहने बाद उन्होंने पार्टी छोड़ा था। इन पांच-छह सालों जो भी कटुता था उसे उन्होंने भुला दिया है और वह पार्टी अध्यक्ष की आशाओं पर खरा उतरने की कोशिश करेंगी।
Date: 07-06-2011
लोकतंत्र की हत्या व संत समाज का अपमान : प्रभात झा
लोकतंत्र की हत्या व संत समाज का अपमान : प्रभात झा
भोपाल, 6 जून 2011। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष प्रभात झा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन कर रहे योग गुरु बाबा रामदेव और उनके समर्थकों पर पुलिस कार्रवाई को लोकतंत्र की हत्या व संत समाज का अपमान करार दिया है। वहीं इस घटना के विरोध में पार्टी ने भोपाल सहित सभी जिला मुख्यालयों पर सोमवार से 24 घंटे का सत्याग्रह शुरू किया है।
भोपाल के न्यू मार्केट क्षेत्र में शुरू सत्याग्रह में झा ने कहा, "चार जून की रात में दिल्ली के रामलीला मैदान में केंद्र की कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने निर्दोष लोगों पर पुलिस कार्रवाई के जरिए जो तांडव किया, वो पूरी तरह अलोकतांत्रिक है। पुलिस की इस कार्रवाई से लगा कि अब देश में जनता को अपनी बात कहने का भी अधिकार नहीं रहा।"
उन्होंने कहा, "रात के अंधेरे में महिलाओं, बच्चों और साधु संत लोगों के साथ हुई घटना बेहद दुखद है। इस घटना से कई सवाल उठ रहे हैं। देश में एक बार फिर कहीं अघोषित आपात काल तो नहीं लगा दिया गया है। बाबा रामदेव को दिल्ली में हुई बर्बर कार्रवाई पर यहां तक कहना पड़ा है कि अगर उनकी मौत होती है तो, इसके लिए केंद्र सरकार व कांग्रेस अध्यक्ष जिम्मेदार होंगे।"
प्रदेश भाजपा ने कहा कि केंद्र सरकार व दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ सोमवार को पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर भाजपा ने 24 घंटे के सत्याग्रह का आयोजन किया है। यह सत्याग्रह मंगलवार सुबह 10 बजे तक चलेगा। उसके बाद आगामी रणनीति का ऐलान किया जाएगा।
प्रदेश भाजपा इकाई की तरफ से घोषित कार्यक्रम के अनुसार भोपाल सहित सभी इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सहित सभी जिला मुख्यालयों पर सोमवार सुबह 10 बजे से सत्याग्रह शुरू हो गया। सत्याग्रह 24 घंटे तक चलेगा। इसमें पार्टी सांसद व विधायक सहित तमाम नेता भाग ले रहे हैं।
भोपाल, 6 जून 2011। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष प्रभात झा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन कर रहे योग गुरु बाबा रामदेव और उनके समर्थकों पर पुलिस कार्रवाई को लोकतंत्र की हत्या व संत समाज का अपमान करार दिया है। वहीं इस घटना के विरोध में पार्टी ने भोपाल सहित सभी जिला मुख्यालयों पर सोमवार से 24 घंटे का सत्याग्रह शुरू किया है।
भोपाल के न्यू मार्केट क्षेत्र में शुरू सत्याग्रह में झा ने कहा, "चार जून की रात में दिल्ली के रामलीला मैदान में केंद्र की कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने निर्दोष लोगों पर पुलिस कार्रवाई के जरिए जो तांडव किया, वो पूरी तरह अलोकतांत्रिक है। पुलिस की इस कार्रवाई से लगा कि अब देश में जनता को अपनी बात कहने का भी अधिकार नहीं रहा।"
उन्होंने कहा, "रात के अंधेरे में महिलाओं, बच्चों और साधु संत लोगों के साथ हुई घटना बेहद दुखद है। इस घटना से कई सवाल उठ रहे हैं। देश में एक बार फिर कहीं अघोषित आपात काल तो नहीं लगा दिया गया है। बाबा रामदेव को दिल्ली में हुई बर्बर कार्रवाई पर यहां तक कहना पड़ा है कि अगर उनकी मौत होती है तो, इसके लिए केंद्र सरकार व कांग्रेस अध्यक्ष जिम्मेदार होंगे।"
प्रदेश भाजपा ने कहा कि केंद्र सरकार व दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ सोमवार को पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर भाजपा ने 24 घंटे के सत्याग्रह का आयोजन किया है। यह सत्याग्रह मंगलवार सुबह 10 बजे तक चलेगा। उसके बाद आगामी रणनीति का ऐलान किया जाएगा।
प्रदेश भाजपा इकाई की तरफ से घोषित कार्यक्रम के अनुसार भोपाल सहित सभी इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सहित सभी जिला मुख्यालयों पर सोमवार सुबह 10 बजे से सत्याग्रह शुरू हो गया। सत्याग्रह 24 घंटे तक चलेगा। इसमें पार्टी सांसद व विधायक सहित तमाम नेता भाग ले रहे हैं।
Monday, June 6, 2011
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