शिवराज ने मनमोहन से मांगी गरीबों में गेहूं बांटने की अनुमति
नई दिल्ली, 9 जून 2011। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भेंट कर उनसे आग्रह किया कि प्रदेश में अस्थाई भण्डारण में रखा करीब 18 लाख मीट्रिक टन गेहूं या तो मध्यप्रदेश सरकार द्वारा गरीबों में बांटने की अनुमति दी जाए या फिर उसे अतिरिक्त रूप से मध्य प्रदेश को आवंटित कर दिया जाए।
शिवराज ने प्रधानमंत्री से कहा, "यदि भारतीय खाद्य निगम इस गेहूं का उठाव कर उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाए तो ठीक है, नहीं तो इसे बीपीएल परिवारों को सबसिडी देकर तीन रुपये किलो की दर से वितरित कर दिया जाए। मध्यप्रदेश देश के बीचों बीच स्थित है और इस गेहूं को देश के पूर्व-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण किसी भी भाग में भेजा जा सकता है।"
शिवराज ने कहा कि यदि ऐसा नहीं हो सकता है तो फिर मध्य प्रदेश को यह गेहूं अतिरिक्त रूप से आवंटित कर दिया जाए और इसे गरीब परिवारों को बांटने की अनुमति दी जाए। गरीबों को गेहूं वितरित करने के फलस्वरूप उनके घर ही वेयर हाऊस बन जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि मध्यप्रदेश में गेहूं का इतना अधिक उपार्जन पहली बार हुआ है और उपार्जित गेहूं के भंडारण के लिये वेयर हाऊसों की प्रदेश में कमी है, इसीलिए यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का ध्यान इस ओर भी दिलाया कि सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि गेहूं सड़ने देने की बजाय गरीबों को दे दिया जाए।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि अतिरिक्त आवंटन की बात पर विचार किया जाएगा। मध्यप्रदेश को दिया गया आवंटन वितरित हो जाने पर तीन लाख मीट्रिक टन के करीब अतिरिक्त आवंटन पर विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे भी मध्यप्रदेश की समस्या का समाधान नहीं होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि मध्यप्रदेश में 67 लाख परिवारों को गरीबी रेखा से नीचे मानकर सीधे एक साल का आवंटन दे दिया जाए। गरीब व्यक्ति यदि एक क्विंटल गेहूं खरीदेगा तो उसे सिर्फ 300 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
Date: 10-06-2011
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