Friday, February 8, 2013

अब नाबालिग आश्रित भी ले सकेंगे व्यवसायिक प्रशिक्षण


भोपाल 31 जनवरी 2013। प्रदेश के ऐसे असंगठित श्रमिक जिनका राज्य के श्रम विभाग के अधीन मप्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल में पंजीयन है, के नाबालिग आश्रित भी कौशल यानी व्यवसायिक प्रशिक्षण ले सकेंगे। इससे पहले ऐसे पंजीकृत श्रमिक के बालिग आश्रित ही ऐसा प्रशिक्षण ले सकते थे। 
ज्ञातव्य है कि मप्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल ने गत 12 अक्टूबर,2012 को उसके यहां पंजीकृत मजदूृरों एवं उसके आश्रित बच्चों के कौशल उन्नयन की एक नवीन स्कीम जारी की थी। उस समय पंजीकृत श्रमिक के परिवार के आश्रित यानी बच्चे या पत्नी या माता-पिता उन्हें माना गया था जिनकी आयु 18 वर्ष से 45 वर्ष हो। लेकिन अब तीन माह बाद इस प्रावधान को संशोधित कर दिया गया है तथा आश्रितों की आयु 16 वर्ष से 45 वर्ष कर दी गई है। इससे अब पंजीकृत की नाबालिग पत्नी या बच्चे भी कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने के हकदार हो गये हैं।
इसी प्रकार, पहले प्रावधान था कि पंजीकृत श्रमिक या उसके आश्रितों को सम्बन्धित संस्था में ट्रेनिंग के दौरान सरकार की ओर से प्रशिक्षण शुल्क का भुगतान उनका प्लेसमेंट होने एवं उस प्लेसमेंट में तीन माह तक निरन्तर कार्यरत रहने पर होगा लेकिन अब संशोधन के जरिये प्रावधान कर दिया गया गया है कि प्लेसमेंट होने के अलावा यदि पंजीकृत श्रमिक या उसके आश्रित स्वरोजगार भी करते हैं तो भी उन्हें प्रशिक्षण शुल्क का भुगतान होगा। इसी तरह पहले पंजीकृत श्रमिक या उसके आश्रितों को प्रशिक्षण के दौरान आवासीय भत्ता देने का प्रावधान था परन्तु अब बदलाव कर इसे आवासीय/परिवहन भत्ता कर दिया गया है।
इसके अलावा पहले प्रावधान था कि प्रशिक्षण के दौरान पंजीकृत श्रमिक को आवासीय भत्ता 270 घण्टे से अधिक की अवधि के प्रशिक्षण हेतु ए श्रेणी के शहरों में एक हजार रुपये एवं अन्य शहरों हेतु 800 रुपये प्रति माह भुगतान होगा लेकिन अब संशोधन के बाद प्रावधान कर दिया गया है कि पंजीकृत श्रमिक या उसके आश्रितों को तीन माह या 540 घण्टे से अधिक की अवधि वाले प्रशिक्षण पर पन्द्रह सौ रुपये प्रतिमाह की दर से परिवहन भत्ता देय होगा। यानी इससे कम अवधि वाले प्रशिक्षण में परिवहन भत्ता नहीं दिया जायेगा और सिर्फ आवासीय भत्ता प्रदान किया जायेगा।

No comments:

Post a Comment