Saturday, September 25, 2010

रोडवेजकर्मी फिर बस अड्डों पर लौटे

इंदौर । भाजपा सरकार और उसके नौकरशाहों ने रोडवेज की तालाबंदी को मजाक बनाकर रख दिया है। सात दिन पहले परिवहन सचिव अनिरूद्ध मुखर्जी का फरमान जारी होता है कि प्रदेशभर के रोडवेजकर्मी मुख्यालय हाजिरी दें, नहीं तो कार्रवाई। मामले में जिला प्रशासन की वो गुहार भी अनसुनी की गई कि सब कर्मचारी चले जाएंगे तो बस अaों को कौन संभालेगा? हारकर कलेक्टर को ताबड़तोड़ सभी विभाग की संयुक्त बैठक बुलाना पड़ी। अब फिर से उसी अफसर के आदेश से सभी कर्मचारियों की सेवाएं फिर बस अaों को लौटा दी गई हैं।

ये हो रहा है उस रोडवेज (सपनि) में जिसे सरकार बंद करने पर आमादा है। उसने 30 सितंबर को रोडवेज की आखिरी तारीख घोषित कर ये कदम उठाया है। सरवटे और गंगवाल जैसे बस अaों और संभागीय कार्यालय पर 41 कर्मचारी थे। सभी के भोपाल जाने से बस अaे लावारिस हो गए थे और हारकर महापौर व कलेक्टर को व्यवस्था हाथ में लेना पड़ी थी। अब 41 कर्मचारी लौट आए हैं। इसमें 11 सरवटे और 7 गंगवाल पर तैनात किए गए हैं। शेष डिवीजनल ऑफिस में रहेंगे। इनको ये कह भेजा है कि 30 तक ड्यूटी करो, फिर देखेंगे।

indor25-8-2010

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