Saturday, September 25, 2010

अयोध्या विवाद : चीफ जस्टिस की बेंच में सुनवाई


नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसएच कपाड़िया की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ अयोध्या मालिकाना हक मामले में इलाहाबाद हाइकोर्ट के फ़ैसले को टाल देने की मांग करती विशेष अनुमति याचिका के भविष्य पर मंगलवार को निर्णय करेगी.

इस पीठ में प्रधान न्यायाधीश के साथ ही न्यायमूर्ति आफ़ताब आलम और न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन भी हैं. इस मामले को एजेंडे में सबसे पहले सुबह साढ़े दस बजे के लिये सूचीबद्ध किया गया है. शीर्ष अदालत ने सेवानिवृत्त नौकरशाह रमेश चंद त्रिपाठी की याचिका के बाद इलाहाबाद हाइकोर्ट के फ़ैसले पर बीते गुरुवार रोक लगा दी थी. इस याचिका में आपसी बातचीत के जरिये मसले का हल निकालने की संभावनाएं तलाशने के मकसद से अदालती फ़ैसला टालने की मांग की गयी थी.

अदालती फ़ैसले पर रोक लगाने के मुद्दे पर न्यायमूर्ति आरवी रविंद्रन और न्यायमूर्ति एचएल गोखले के बीच मतभेद होने के बीच शीर्ष अदालत ने अंतरिम रोक के आदेश दिये थे. त्रिपाठी की याचिका में अनुरोध किया गया था कि 60 वर्ष पुराने राम जन्मभूमि -बाबरी मसजिद मालिकाना हक विवाद का अदालत से बाहर हल निकालने की संभावनाएं तलाशी जायें.

सुप्रीम कोर्ट ने एटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती से भी कहा था कि जब मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई होगी तो वह खुद मौजूद रहें और न्यायालय की मदद करें. न्यायमूर्ति रविंद्रन का यह मत था कि त्रिपाठी की ओर से दाखिल विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया जाये, जबकि न्यायमूर्ति गोखले ने कहा था कि समाधान के विकल्प तलाशने के लिये नोटिस जारी किया जाना चाहिये.

इसके बावजूद, पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति रविंद्रन ने न्यायमूर्ति गोखले का पक्ष लेते हुए समाधान तलाशने की एक कोशिश करने को तरजीह दी.

Date25-8-2010

No comments:

Post a Comment