Monday, September 6, 2010

कम मसालेदार, पर बेहद मजेदार छोले-भठूरे

रामेश्वर दयाल
इस बार हम आपको पहाड़गंज ले चलते हैं और वहां के गरमागरम छोले-भठूरों का स्वाद चखा
ते हैं। कम मसालेवाले छोलों के साथ फूले हुए गरमागरम भठूरे, साथ में हरी मिर्च, प्याज और मौसमी अचार, ये सभी चीजें मिलकर स्वाद बहुत बढ़ा देती हैं।

कहां पर है दुकान

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से पहाड़गंज की ओर मेन बाजार में जानेवाली सड़क के कोने पर अमृत कौर माकेर्ट है। इसी मार्केट में 'राधेश्याम सुभाष कुमार' नाम से छोले-भठूरे की दुकान है। कभी ये छोले-भठूरे इंपीरियल सिनेमा के सामने रेहड़ी पर बिका करते थे। 60 के दशक में राधेश्याम ने छोले-भठूरे बेचने शुरू किए थे। इमरजेंसी के दौरान वहां से रेहड़ी वाले हटा दिए गए और दुकान इस मार्केट में आ गई। आजकल इस दुकान को राधेश्याम के बेटे अनिल, गणेश और सुभाष गुप्ता चलाते हैं।

छोले-भठूरों का जवाब नहीं

इस दुकान पर सिर्फ छोले-भठूरे मिलते हैं, पर दुकान के सामने लगी भीड़ बता देती है कि यहां के स्वाद में वाकई कुछ खास है। 30 रुपये की एक प्लेट में दो भठूरे, छोले, साथ में हरी चटनी, हरी मिर्च, कटा प्याज और सीजनल अचार रखकर दिया जाता है। हाफ प्लेट (छोले और एक भठूरा) 20 रुपये और खाली छोले 15 रुपये में मिलते हैं। छोलों की खासियत यह है कि ये तीखे मसालेदार नहीं हैं, लेकिन स्वाद भरपूर है। कई बरसों से इस दुकान पर छोले-भठूरे खाने के लिए आनेवाले हीरा सोढ़ी का कहना है कि यहां के छोले-भठूरे खाने के बाद भारीपन महसूस नहीं होता। वैसे, इस दुकान के आसपास लस्सी की दो-तीन दुकानें भी हैं। छोले-भठूरे के साथ लस्सी पीकर स्वाद और बढ़ाया जा सकता है।

कोई छुट्टी नहीं

इस दुकान पर सुबह 8 बजे माल बिकना शुरू हो जाता है, जो शाम 4 बजे तक मिलता है। होली को छोड़कर साल भर कोई छुट्टी नहीं होती। दुकान के आगे बहुत बड़ा स्पेस है, जहां वीइकल पार्क किया जा सकता है।

कहां : पहाड़गंज की अमृत कौर मार्केट में
खासियत : कम मसाले के स्वादिष्ट छोले-भठूरे
कीमत : 30 रु. में फुल प्लेट या 20 रु. में हाफ प्लेट
छुट्टी : होली को छोड़ कोई छुट्टी नहीं

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