मप्र में 118 लोगों के जाति प्रमाणपत्र फर्जी
मप्र में 118 लोगों के जाति प्रमाणपत्र फर्जी
भोपाल, 29 मार्च 2011। मध्य प्रदेश में 118 लोगों के जाति प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं। अनुसूचित जाति, जनजाति प्रमाणपत्र छानबीन समिति ने इन सभी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है।
विधानसभा में विधायक प्रेम नारायण ठाकुर द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए आदिम जाति कल्याण मंत्री विजय शाह ने बताया है कि सितम्बर 1997 में जाति प्रमाणपत्र छानबीन समिति का गठन किया गया था। यह समिति फर्जी प्रमाणपत्रों की जांच कर कार्रवाई के लिए जिलाधिकारियों को अनुशंसा भेजती है।
उन्होंने बताया कि छानबीन समिति के पास अनुसूचित जाति के 270 और अनुसूचित जनजाति के 339 मामले विचाराधीन हैं। इनमें से अनुसूचित जाति के 74 तथा अनुसूचित जनजाति के 44 लोगों के जाति प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं। इन सभी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
शाह ने बताया कि यह जरूरी नहीं है कि फर्जी प्रमाणपत्र धारी केवल शासकीय कर्मचारी या अधिकारी ही हों, इनमें कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं।
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