Friday, March 4, 2011

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन सिंह का दिल का दौरा पड़ने से निधन


नई दिल्ली. ८१ साल की उम्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन सिंह का निधन हो गया है। पूर्व मानव संसाधन मंत्री और मध्य प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे अर्जुन सिंह को कुछ दिनों पहले ही सीने में दर्द की शिकायत के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में दाखिल कराया गया था। शुक्रवार को अर्जुन सिंह ने शाम साढ़े पांच बजे सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत की। उन्हें दिल का दौरा पड़ा और शाम करीब सवा छह बजे उन्होंने अंतिम सांसें लीं।

कांग्रेस के विवादास्पद नेता रहे अर्जुन सिंह को राजीव गांधी का करीबी माना जाता था। भोपाल गैस कांड के समय अर्जुन सिंह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।अर्जुन सिंह की मौत के साथ ही भोपाल गैस कांड के आरोपी वॉरेन एंडरसन के भारत छोड़ने की वजहों और परिस्थितियों पर हमेशा के लिए पर्दा गिर गया है।

करीब छह दशकों तक देश की राजनीति में सक्रिय रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता अर्जुन सिंह पिछले कई सालों से खराब सेहत से जूझ रहे थे। अर्जुन सिंह ने १९५७ में मध्य प्रदेश विधानसभा सदस्य के तौर पर अपने लंबे राजनैतिक जीवन की शुरुआत की थी। 5 नवंबर, 1930 को मध्य प्रदेश में उनका जन्म हुआ था। ८० के दशक में वे कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रहे और उग्रवाद के दौर में वे पंजाब के राज्यपाल भी रहे थे। राजीव गांधी और लोंगोवाल के बीच हुए समझौते में अर्जुन सिंह की अहम भूमिका थी। १९९२ में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव की कैबिनेट और कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, वे बाद में पार्टी में लौट आए थे। अर्जुन सिंह के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यकाल के दौरान चंबल के कई कुख्यात डाकुओं ने हथियार डाले थे।

यह संयोग ही है कि कांग्रेस ने नीति बनाने वाली अपनी सर्वोच्च संस्था कांग्रेस वर्किंग कमेटी से उन्हें हटाकर स्थायी आमंत्रित सदस्य बनाने का फैसला शुक्रवार को ही लिया था। अर्जुन सिंह अपने पीछे पत्नी सरोज देवी, दो बेटों-अजय सिंह और अभिमन्यु के अलावा बेटी वीणा को छोड़ गए हैं। अजय सिंह मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य हैं।

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