Friday, December 24, 2010
बड़े दिन पर प्रायः प्रत्येक ईसाई परिवार घरों को अपने-अपने ढंग से सजाता है। इस सजावट में बड़ा दिन का तारा या क्रिसमस स्टार
बड़े दिन पर प्रायः प्रत्येक ईसाई परिवार घरों को अपने-अपने ढंग से सजाता है। इस सजावट में बड़ा दिन का तारा या क्रिसमस स्टार
प्रमुख स्थान प्राप्त करता है। वर्तमान में गैर-ईसाई लोग भी अपने पर्व-त्योहारों में इस तारे का प्रयोग सजावट के सामान के रूप में
करते हैं। इन दिनों पूरा मोहल्ला ही बड़े तारों से मनमोहक ढंग से सजाया जाता है।
तारा यानी 'स्टार' के चार अक्षरों में एस, टी, ए एवं आर में क्रम है। इसमें बाइबिल का पवित्र संदेश निहित है। एस अर्थात् सैल्वेशनः- यह तारा दर्शाता है कि उद्धार या सैल्वेशन जगत में आ चुका है।
विश्व के प्रमुख धर्मों के साथ-साथ जगत में अनगिनत छोटे-छोटे धर्म भी पाए जाते हैं। सभी धर्मों का एक ही प्रमुख लक्ष्य रहा है, वह
है 'मानव उद्धार'। अपने प्रवर्तकों द्वारा दिखाए गए तरीकों को अपनाकर इन धर्मों के अनुयायी वर्ग मोक्ष या उद्धार या मुक्ति पाना चाहते
हैं।
येशु का परम विश्वसनीय शिष्य परस है जिसे विश्वव्यापी ईसाई कलीसिया का प्रतिष्ठाता माना जाता है। प्रेरितों के काम की पुस्तक (4:12) में संदर्भ मिलता है कि और किसी दूसरे द्वारा उद्धार नहीं, क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया
गया जिसके द्वारा हम उद्धार पा सकें। पाप एवं पाप की सभी शक्तियों से उद्धार केवल मात्र येशु की मृत्यु और पुनरुत्थान द्वारा ही संभव है।
‘स्टार’ का दूसरा अक्षर है टी जो ट्रांसफॉरमेशन या परिवर्तन को दर्शाता है। येशु ने अपनी सेवकाई ‘मन परिवर्तन’ हेतु आह्वान के साथ
शुरू की (मत्ती 4:16-17)। मन परिवर्तन का स्पष्ट अर्थ है मन में स्थित दृष्टिकोण एवं धारणाओं की दिशा में आमूलचूल परिवर्तन
(टोटल ट्रांसफॉरमेशन)।
NDयेशु के आगमन के पूर्व मानवीय धारणा थी कि हम मनुष्य अपने प्रयासों से जगत की मोह-माया के बंधनों से मुक्ति प्राप्त कर सकते
हैं। परंतु अब समय आ गया है कि उस धारणा को परिवर्तित करें कि ‘केवल परमेश्वर के अनुग्रह से ही हमारा उद्धार संभव हुआ है।‘
पहले हमारी आस्था केवल व्यवस्था पर थी परंतु इब्रानियों 4:18-19 के अनुसार पहली आज्ञा व्यवस्था निष्फल पाई गई.... और उसके स्थान पर एक नई आशा रखी गई हैं, जिसके द्वारा हम परमेश्वर के समीप जा सकते हैं।
‘स्टार’ शब्द का तीसरा अक्षर है ए जो ‘अथॉरिटी’ या अधिकार को दर्शाता है। मत्ती 9:8 में लिखा है कि लोग यह देखकर डर गए और परमेश्वर की महिमा करने लगे जिसने मनुष्यों को ऐसा अधिकार दिया है। (पाप क्षमा करने और पाप के परिणामस्वरूप बीमारियों को दूर करने का अधिकार)।
मत्ती 21:21 में उल्लेख है कि ‘महामाजकों और पुरनियों ने येशु के पास आकर उससे पूछा कि तू ये काम (अर्थात् तमाम आश्चर्य कर्म) किसके अधिकार से करता है और तुझे यह अधिकार किसने दिया है?’ परंतु येशु तत्काल उन्हें कोई स्पष्ट उत्तर न दे सके।
यूहन्ना बस्तिस्मा देने वाले के अधिकार के बारे में उनसे उल्टा प्रश्न पूछकर उन्हें शांत कर दिया। परंतु बाइबिल में अन्यत्र हम ऐसे कई उदाहरण पाते हैं जिसमें यह स्पष्ट होता है कि उसे परमेश्वर का स्वर्गीय अधिकार प्राप्त था। मत्ती 9:6 में पाप क्षमा करने संबंधी येशु के अधिकार के बारे में स्वयं येशु ही स्पष्टीकरण देते हैं, फिर मत्ती 28:18 में अपने पुनरुत्थान पश्चात स्वर्गारोहण से पूर्व येशु ने और भी स्पष्ट रूप से कहा था स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है।
स्टार शब्द का चौथा व अंतिम अक्षर है आर जो रिकानसिलिएशन अर्थात पुनर्मिलन या मेल मिलाप को दर्शाता है। दूसरी कुरिन्थियों में लिखा है कि परमेश्वर ने हम पापियों के साथ हमारे सभी पापों को क्षमा करते हुए मसीह द्वारा मेल-मिलाप कर लिया है और इसी मेल-मिलाप की सेवा उसने हमें सौंप दी है। येशु ने क्रूस पर पापी मनुष्य जाति का मिलाप परमेश्वर के साथ अपना अमूल्य लहू बहाकर संपन्न किया है।
परमेश्वर की संतानों का यह धार्मिक कर्त्तव्य है कि जगत के साथ परमेश्वर का मेल-मिलाप कराने के लिए माध्यम बनें, साक्ष्य बनकर
लोगों को परमेश्वर की ओर आकर्षित करें। येशु के जन्म के विशेष अवसर पर प्रकट होने वाले उस अद्भुत तारे ने येशु के खोजी ज्योतिषी को बेतलहेम के उस गौशाला तक मार्गदर्शन दिया जहाँ येशु ने जन्म लिया था।
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