हरिद्वार। उत्तराखण्ड विधानसभा के अध्यक्ष हरवंश कपूर ने कहा कि विज्ञापननुमा समाचारों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। वे आज नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एन.यू.जे) हरिद्वार द्वारा आयोजित विचारगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। गोष्ठी का विषय था ’आधुनिक परिप्रेक्ष्य में गणेश शंकर विद्यार्थी के विचारों की प्रासंगिकता।‘
कपूर ने कहा कि जब लोकतंत्र के तीन अन्य स्तंभों विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका में मूल्यों का हृास होता है, तब प्रजातंत्र का चौथा स्तंभ पत्रकारिता उनको सहारा देता है और इन तीनों स्तंभों को नियंत्रित करता है। कपूर ने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी ने वंचितों और दलितों के लिए कार्य किया, उनके विचार हमेशा प्रासंगिक रहेंगे। समाज की एकता के लिए उन्होंने अपने जीवन को दांव पर लगा दिया। उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता में जो गिरावट आई है वह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए गम्भीर चिन्ता का विषय हैं। पत्रकार बन्धुओं को इस क्षेत्र में गम्भीर मंथन करना चाहिएं। अध्यक्षीय सम्बोधन में नई दुनिया दिल्ली के सम्पादक एवं एन.यू.जे. के राष्ट्रीय महामंत्री रास बिहारी ने कहा कि पत्रकारिता में पारदर्शिता लाने के लिए कहीं कोई सन्देह होता है तो बडे पत्रकारों की जांच हो और वे अपनी सम्पत्ति की घोषणा स्वयं करें। पेड न्यूज के बढते प्रचलन पर चिन्ता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि पेड न्यूज पर कानूनी पाबंदी लगाई जानी चाहिए। उन्होंने इस बावत चुनाव आयोग द्वारा की जा रही पहल का स्वागत किया उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता मिशन की नहीं बल्कि कमीशन की रह गई है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए उतराखण्ड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ० हरक सिंह ने कहा कि साम्प्रदायिकता के खिलाफ शोषित वर्ग की आवाज को बुलंद करने के लिए गणेश शकर विद्यार्थी के विचार आज भी जनता के बीच हमेशा याद किये जायेंगे। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि जिस प्रकार उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण में पत्रकारों की अहम भूमिका रही है, उसी प्रकार उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाने में पत्रकार अग्रणी भूमिका अदा करेंगे।
एन.यू.जे. के राष्ट्रीय सचिव ब्रह्मदत्त शर्मा ने कहा कि आज के युग में जब समाज में नीरा राडिया प्रकरण की बात हो रही है, उस समय हरिद्वार के पत्रकारों द्वारा गणेश शंकर विद्यार्थी को याद करना अपने आप में उल्लेखनीय है। श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडा के सचिव श्री महन्त रविन्द्र पुरी ने कहा कि आज समाज में हर क्षेत्र में नैतिक पतन हो रहा है। उससे पत्रकारिता भी प्रभावित हुई है। ऐसे में पत्रकारों को सजगता से काम कर नैतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए आगे आना होगा।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं शिक्षाविद् प्रोफेसर पी.एस. चौहान ने गणेश शंकर विद्यार्थी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज पत्रकारिता को फिर से मिशन के रूप में स्थापित करने की अत्यन्त आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि हम गणेश शंकर विद्यार्थी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
इस अवसर पर बाल प्रतिभा के रूप में अमन रहमान, महिला सशक्तिकरण के लिए उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ० श्रीमती सुधा पाण्डेय, पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए वरिष्ठ पत्रकार डॉ० शिव शंकर जायसवाल और श्री प्रवीण झा, लेखन के क्षेत्र में त्रिलोक चन्द्र भट्ट, शिक्षा के क्षेत्र में एस.एम.जे.एन. पी.जी. कॉलेज के प्राचार्य डॉ० अशोक मिश्र समाज सेवा के लिए एन.के. पालीवाल तथा अधिवक्ता के रूप में उत्तराखण्ड बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष सुभाष त्यागी को गणेश शंकर विद्यार्थी सम्मान से नवाजा गया। उन्हें शॉल व स्मृति चिन्ह भेंट कर विधानसभा अध्यक्ष हरबंस कपूर ने सम्मानित किया।
इस अवसर पर अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनन्दन किया गया। विचार गोष्ठी में स्वागत भाषण एन.यू.जे. के जिला अध्यक्ष राम चन्द्र कन्नौजिया तथा महामंत्री अश्वनी अरोडा ने आभार जताया।
इस अवसर पर अमर उजाला के प्रभारी अजय चौहान, राजेश शर्मा, लक्ष्मी प्रसाद बडोनी , डॉ. रजनीकान्त शुक्ला, आदेश त्यागी, मनोज सैनी, दीपक नौटियाल, महेश पारिख, सुनील दत्त पांडेय, महेश पांडेय, संदीप रावत, अमर सिंह, बाल कृष्ण शास्त्री, पुष्कर राज कपूर, गुलशन नैय्यर, सुभाष कपिल, अमित शर्मा, अमित कुमार, विवेक शर्मा, डॉ. सन्तोष चौहान, वरिष्ठ समाजसेवी पारस कुमार जैन, ओ.पी. चौहान, डॉ. संजय पालीवाल, मोहन लाल सचदेवा, योजना आयोग सदस्य विमल कुमार, बार एसोसिऐशन के अध्यक्ष सुधीर त्यागी, राम कुमार सेठ, खालिद जहीर, प्रदीप चौधरी, प्रेस क्लब के अध्यक्ष बृजेन्द्र हर्ष, महामंत्री संजय रावल, पूर्व विधायक रामयश आदि उपस्थित थे।
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