Monday, December 27, 2010
भारत की शरण में पाकिस्तान के 27 हिंदू परिवारसोमवार, दिसंबर 27, 2010,15:08[IST
इस्लामाबाद, 27 दिसम्बर। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में पीढ़ियों से रह रहे हिंदू परिवार अब वहां हो रहे रोज के अपराधों और जिंदगी की अनिश्चितता से इस कदर त्रस्त हो गए हैं कि अह वह अपने पुरखों की जमीन-जायदाद छोड़ कर भारत आना चाहते हैं। पाकिस्तान में बसे इन 27 हिंदू परिवारों ने भारत में राजनीतिक शरण मांगी है। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी है।
हिंदू परिवारों ने यहां स्थित भारतीय उच्चायोग से वीजा एवं राजनीतिक शरण के लिए सम्पर्क किया है। इन परिवारों ने भारत जाने के कारण के रूप में फिरौती के लिए अपहरण और हत्या की घटनाओं में वृद्धि का जिक्र किया है। मानवाधिकार मंत्रालय के आंकड़े भी बताते हैं कि बलूचिस्तान में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है और लोगों को फिरौती के लिए अगवा किया जा रहा है।
समाचार पत्र 'डॉन' में सोमवार को प्रकाशित खबर के अनुसार संघीय मानवाधिकार मंत्रालय से सम्बद्ध क्षेत्रीय निदेशक, सईद अहमद खान ने 'बलूचिस्तान संकट पर प्रांतीय सम्मेलन' शीर्षक पर आयोजित एक संगोष्ठी में यह जानकारी दी है। खान ने कहा है कि बलूचिस्तान में सदियों से हिंदू निवास कर रहे हैं। लेकिन हाल के सप्ताहों में अल्पसंख्यक समुदाय के कई सदस्यों को या तो अगवा कर लिया गया या फिर उनकी हत्या कर दी गई। इस कारण वे भारत में शरण लेने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
अखबार ने खान के हवाले से कहा है, "बलूचिस्तान के 27 हिंदू परिवारों ने भारत में शरण लेने के लिए भारतीय दूतावास में आवेदन भेजा है।" खान ने कहा है कि यह एक गम्भीर चिंता का विषय है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि वह बलूचिस्तान में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए तत्काल कदम उठाए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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