Sunday, December 19, 2010
भगवा का अपमान, हिन्दू साधु संतों की आस्था,
भगवा का अपमान, हिन्दू साधु संतों की आस्था,
त्याग, तपस्या और साधना का अपमान - प्रभात झा
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद प्रभात झा ने कहा कि भगवा समर्पण, राष्ट्रभक्ति और त्याग का इतिहास है। राणा प्रताप, शिवाजी, रानी लक्ष्मीबाई ने भगवा की छाया में ही राष्ट्रवाद और स्वतंत्रता का परचम फहराया था। आज जो भगवा पर आपत्ति करते हैं, उनकी मानसिकता पर तरस ही खाया जा सकता है। प्रभात झा ने कहा कि हिन्दू वास्तव में धर्मनिरपेक्षता की सबसे बड़ी गारंटी है, हिन्दू को मुस्लिम विरोधी कहना, सूर्य और चंद्रमा पर धूल झौकना है। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के समय ही डा.ए.पी.जे. कलाम को राष्ट्रपति के पद पर आसीन किया गया था। हिन्दू जैसा महान कोई नहीं हो सकता है। प्रभात झा बैतूल के दूरस्थ स्थल आठनेर में हिन्दू (संगम) सम्मेलन के अवसर पर बोल रहे थे।
प्रभात झा ने कहा कि न्यायालय ने राम जन्म भूमि पर जो फैसला दिया है, उस फैसले ने राष्ट्र की आस्था पर अपनी मोहर लगायी है। मुनासिफ है कि हम हिन्दू और मुसलमान मिलकर सौहार्दता का नया इतिहास रचें। यह भूमि का नहीं, भारत के अस्तित्व का सवाल है। भारत में सामाजिक सामंजस्य का नया इतिहास लिखने का यही समय है। प्रभात झा ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस के महा अधिवेशन में जिस तरह आरएसएस पर कांग्रेस महासचिव दिङ्गिवजय सिंह ने टिप्पणी की है, उससे कोई हैरत की बात नहीं है क्योंकि पिछले अधिवेशन में भी आरएसएस ही कांग्रेस के निशाने पर था। इस मामले में हमें दिङ्गिवजय सिंह की राजनीतिक मजबूरी को समझना होगा, जिसके चलते वे इस तरह की मानसिकता का शिकार हुए हैं। वे शायद भूल रहे है कि उनकी टिप्पणी भारत की अस्मिता के साथ खिलवाड़ है। सुप्रीम कोर्ट भी आरएसएस के बारे में बार-बार यह बात दोहरा चुका है कि यह सांस्कृतिक राष्ट्रीयता की धरोहर है। कांग्रेस मुद्दाविहीन हो चुकी है। देश में बढ़ते धर्मांतरण, आतंकवाद, भ्रष्टाचार, घोटालों जैसी तमाम समस्याएं मुंह बाये खड़ी हैं, लेकिन कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता की आड़ में सांप्रदायिकता के रास्ते पर चलकर सांप्रदायिकता का विस्तार कर रही है और अपना मुंह जवाबदेही से छिपा रही है। उन्होंने कहा कि वोट का सौदा देश की अस्मिता के साथ भद्दा मजाक है। जो राष्ट्रीयता का समर्थक नहीं है, वह भारतीय कैसे हो सकता है। इस बात पर कांग्रेस को गौर करना चाहिए। देश में रामजन्म भूिम के मामले में 470 वर्ष से बहस चल रही है। देश का बच्चा-बच्चा की जबान पर यह बात है कि राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। फिर भी केन्द्र में बैठी कांग्रेस सरकार वोटों की राजनीति करने के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम राम और रामसेतु के अस्तित्व पर सवाल लगाकर खुद हास्य का पात्र बन रही है। यह कांग्रेस का सत्ता लोलुपता का घिनौना खेल है। कांग्रेस सहित उनकी धर्मनिरपेक्ष लाबी देश के साधु-संतों का उपहास उड़ा रही है। राम नहीं तो भारत का अस्तित्व कैसे माना जा सकता है। सम्मेलन को वामनराव आवठे, जयरामचंद जी, जितेन्द्र कपूर और अनंत जैन सहित अनेक राष्ट्रवादियों, बुद्धिजीवियों और संस्कृति प्रेमियों ने संबोधित किया।
प्रभात झा ने कहा कि हमारे सामने अनेकानेक विरोधाभास है। पाकिस्तान, भारत के प्रति घृणा, भारत के विरुद्ध आतंकवाद का विस्तार करने को अपनी विदेश नीति का अंग बना चुका है। वहां संविधान के आधार पर वे पाकिस्तान को मुस्लिम राष्ट्र घोषित करते हैं और अपने को मुसलमान होने का गर्व दिखाते हैं। लेकिन आजादी के बाद हम हिन्दू कहने पर सांप्रदायिक माने जाते हैं। राष्ट्र के प्रति गर्व करना, राष्ट्रीय भाषा के गौरव का भी यहां प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा कि हमारी मानसिकता कैसी विकृत हो गयी है कि हम वंदे मातरम् गायन से सुखद अनुभूति नहीं कर पाते और इससे हमें वंचित किया जाता है। राष्ट्रवादी कहने पर हमें संकोच नहीं करना चाहिए। वंदे मातरम् हमारे गर्व स्वाभिमान की अभिव्यक्ति है। आरएसएस का घटक होना गर्व की बात है।
प्रभात झा ने कहा कि 21वीं शताब्दी भारत की होगी और राष्ट्रवाद का परचम शिखर पर होगा। हमें जन जागरण करना होगा। धर्मनिरपेक्षता के छद्म को बेनकाब करना होगा। लोकतंत्र में जनता के पास सबसे बड़ी ताकत है। हमें देश के हित में राष्ट्रवाद के संवर्धन के लिए संस्कृति के संरक्षण के लिए अपने मताधिकार का सोच-विचार कर उपयोग करना होगा। दिल्ली में बैठी निर्वाचित सरकार ने देश के साथ छल किया है। देश में मौजूदा परिस्थिति हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती है। परीक्षा की इस घड़ी में हम गांव-गांव, मोहल्ले-मोहल्ले में अपनी राष्ट्रीयता, अपनी भाषा और देश की अस्मिता के लिए जन जागरण करें। कमर कसें। राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर बने, यही हमारी दिवस की चिंता और रात्रि का स्वप्न होना चाहिए। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता का ढोंग करने वाले उन राजनेताओं को खरी खोटी सुनाई जो वोट पालिटिक्स की खातिर आतंकवाद को पनाह देते हैं और राष्ट्र विरोधी तत्वों, आतंकवादियों के समर्थन में खड़े हो जाते हैं। इससे न केवल हमारे देश की सुरक्षा बलों का मनोबल खंडित होता है अपितु शत्रु देश पाकिस्तान को भी मदद मिलती है और दुनिया के देशों में आतंकवाद के विरुद्ध हमारा संघर्ष हास्य का पात्र बन जाता है। इसके उदाहरण सामने हैं। इतिहास इसे कभी माफ नहीं करेगा।
Date: 19-12-2010 Time: 19:41:12
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