Friday, December 17, 2010
‘अफगान वॉर डायरी’
अफगान वॉर डायरी लीक
असांज से मेरी इस छोटी सी मुलाकात का ये वाक्या जुलाई का है और इस मुलाकात के दस दिन बाद ही विकीलीक्स पर ‘अफगान वॉर डायरी’ लीक हुई और जूलियन असांज की शोहरत रातों-रात आसमान चूमने लगी। अफगान वॉर डायरी यानि 91,000 दस्तावेजों में दर्ज अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी जंग की हर स्याह-सफेद सच्चाई जैसे के तैसे दुनिया के सामने थी। इनमें अफगानिस्तान में अमेरिका के हर जंग और हर दांव-पेंच का गहराई से जिक्र था। विकीलीक्स ने अफगान वॉर डायरी के केवल 75,000 के करीब दस्तावेज ही प्रकाशित किए, बाकी के दस्तावेज सुरक्षा कारणों से रोक लिए गए। विकीलीक्स के साथ अफगान वॉर डायरी के पन्ने द गार्जियन, डेर स्पीगेल और न्यूयार्क टाइम्स में एकसाथ प्रकाशित हुए थे। एक खास रणनीति के तौर पर असांज, अपनी वेबसाइट पर अफगान वॉर डायरी लीक करने से करीब छह हफ्ते पहले ही इन अखबारों को ये दस्तावेज उपलब्ध करा चुके थे। ये रणनीति बड़ी कारगर साबित हुई और असांज और उनकी वेबसाइट विकीलीक्स देखते ही देखते अंतरराष्ट्रीय मीडिया में छा गए। अफगान वॉर डायरी लीक होने के बाद तमाम प्रमुख अखबारों के पहले पन्ने अमेरिकी प्रतिक्रिया से रंग उठे, जिनमें नाटो सेना के साथ सहयोग कर रहे अफगानों की जान खतरे में आ जाने की बात कही गई थी।
हालांकि अफगान वॉर डायरी में अफगानिस्तान में जारी आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी जंग के तमाम संवेदनशील ब्योरे तफसील से दर्ज थे। लेकिन इनसे इस जंग के बारे में लोगों की सोंच में बदलाव नहीं आया, बल्कि सबका ध्यान इन गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के तरीके पर ही केंद्रित होकर रह गया। यूनिवर्सिटी आफ कैंब्रिज के कंप्यूटर सेक्योरिटी रिसर्चर रॉस एंडरसन कहते हैं, “विकीलीक्स ने सरकार को ये बात अच्छी तरह से समझा दी है कि किसी चीज पर गोपनीयता की मुहर लगाकर उसे लोगों की नजरों से दूर कर देना कोई समाधान नहीं है।”
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