Monday, December 13, 2010

बंदर को चश्मे का शौक चर्राया


शिमला। लोग अपने लिए क्या कुछ नहीं कर डालते हैं। जीवहत्या करते समय वो ये भी नहीं सोचते कि आखिर जिसकी हत्या कर रहे हैं उसमें भी जान होती है। आपको जानकर हैरत होगी यहां के किसान बंदरों को मारने पर तुले हैं। पशु प्रेमियों की आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए हिमाचल प्रदेश में किसानों ने अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए दो दिनों में 50 से अधिक बंदरों को मार दिया है।

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जंगली जानवरों के खिलाफ बंदूक उठाने के लिए प्रेरित करने वाले एक किसान संगठन 'खेती बचाओ संघर्ष समिति' (केबीएसएस) ने कहा, पशु संरक्षण समूहों की आलोचना के बाद भी 'ऑपरेशन मंकी' जारी रहेगा। केबीएसएस के राज्य समन्वयक कुलदीप सिंह तंवर ने बताया, "जंगली जानवरों खासकर बंदरों के खिलाफ शुरू किए गए अभियान में राज्य भर में 50 से अधिक बंदरों के मारे जाने की खबर है।"

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आपको बता दें कि जंगली जानवर राज्य में किसानों को भयंकर नुकसान पहुंचा रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार शिमला, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर, हमीरपुर, उना, मंडी और कांगड़ा के 900,000 से अधिक किसान जंगली जानवरों के उत्पात से प्रभावित हुए हैं।राज्य में बंदरों की संख्या 300,000 से अधिक है। इन बंदरों ने किसानों के अनाज की फसलों और फलों को अत्यधिक नुकसान पहुंचाया है।वहीं, 'वाइल्ड लाइफ वार्डेन' के प्रमुख ए.के. गुलाटी ने कहा, "हमें सूचना मिली है कि पिछले कुछ दिनों में एक या दो बंदर मारे गए हैं।"

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