अमेरिका में रोमन कैथलिक पुरोहितों का मानना है कि बुरी आत्माओं को शरीर से बाहर निकालने वाले (एक्सॉर्सिज्म) पादरियों में भारी कमी आ गई है। अब वे इस सिलसिले में एक नया ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं।
दो दिन का प्रशिक्षण अमेरिकी शहर बाल्टिमोर में चल रहा है। इसमें पाप और बुराई के आध्यात्मिक आधार को देखा जाएगा। फिर पादरियों को भूत से त्रस्त व्यक्ति को पहचानने के तरीके सिखाए जाएँगे। उसके बाद भूत बाहर करने के लिए मंत्रों और रिवाजों को भी परखा जाएगा।
गैल्वस्टन ह्यूस्टन के आर्चबिशप कार्डिनल डैनियल डीनार्डो ने कहा कि पूजा पद्धति से संबंधित कामों को सीखना मुश्किल नहीं है। पादरी को पहले भूत प्रेत पहचानना होगा उसके बाद ही उसे निकालने की बात हो सकती है।
कैथलिक समाचार एजेंसी, कैथलिक न्यूज सर्विस के मुताबिक 50 बिशप और 60 पादरी ट्रेनिंग में हिस्सा लेंगे। ट्रेनिंग में दिलचस्पी के बावजूद अमेरिकन चर्च में ही कई पादरी एक्सॉर्सिज्म में विश्वास नहीं करना चाहते।
ट्रेनिंग आयोजित कर रहे लोगों का कहना है कि वे आलोचकों के लिए तैयार हैं। 1999 में एक्सॉर्सिज्म की रीत का नवीनीकरण करते हुए चर्च ने लिखा था कि यह धारणा खत्म करनी होगी कि एक्सॉर्सिज्म कोई जादू टोना या अंधविश्वास है।
ऐसा मानना है कि यूरोप के देशों में एक्सॉर्सिज्म को ज्यादा स्वीकृति मिली है।। पोप जॉन पॉल 2 के करीबी कार्डिनल जीविच ने पोप के देहांत के कुछ सालों बाद कहा था कि उस वक्त के पोप ने एक महिला पर एक्सॉर्सिज्म किया था जो चीखते चिल्लाते हुए वैटिकन लाई गई थीं। डीविच के मुताबिक इस महिला में भूत का साया था।
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