Friday, December 10, 2010
74 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है जब नोबेल पुरस्कार विजेता पुरस्कार लेने के लिए मौजूद नहीं था।
ओस्लो। नार्वे के ओस्लो में आयोजित नोबेल पुरस्कार समारोह में लगी लियू श्याआबो की मुस्कुराती तस्वीर के सामने से निकलकर जब नार्वे नोबेल समिति के अध्यक्ष ने लियू के पुरस्कार का डिप्लोमा और मेडल उनके लिए रखी गई खाली कुर्सी पर रखे तो वहां मौजूद सभी गणमान्य अतिथि लियू के सम्मान में खड़े हो गए।
लियू वहां मौजूद नहीं थे। वह चीन की एक दलीय कम्युनिस्ट प्रणाली को बदलने की मांग के मामले जिंझोउ जेल में 11 साल की सजा काट रहे हैं। चीन में लोग इस समारोह को नहीं देख सके क्योंकि सभी चैनलों का प्रसारण स्थानीय समय शाम आठ बजे से करीब एक घंटे के लिए बंद कर दिया गया। चीनी अधिकारियों ने इस समारोह को एक राजनैतिक प्रहसन करार दिया है।
74 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है जब नोबेल पुरस्कार विजेता पुरस्कार लेने के लिए मौजूद नहीं था। इसमें पुरस्कार विजेता को 14 लाख डालर की राशि दी जाती है। नोबेल समिति के अध्यक्ष थोर्बजोरेन जागलैंड को ओस्लो के सिटी हॉल में मौजूद एक हजार अतिथियों ने खड़े होकर सम्मान दिया जब उन्होंने कहा कि ना ही लियू और ना उनके कोई करीबी रिश्तेदार इस पुरस्कार को लेने के लिए यहां आ पाए हैं। उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार के महत्व को दिखाने के लिए ये तथ्य काफी हैं। उन्होंने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा कि लियू ने कुछ गलत नहीं किया। उन्हें रिहा कर देना चाहिए।
जब लियू को पुरस्कार देने की घोषणा हुई तो चीन इससे बहुत नाराज हुआ और इसे अपनी राजनैतिक और कानून प्रणाली पर हमला बताया। चीनी अधिकारियों ने लियू के समर्थकों, उनकी पत्नी लियू शिया को नजरबंद कर दिया ताकि वे पुरस्कार लेने न जा सके। इस मौके पर नार्वे की अभिनेत्री लिव उलमैन ने लियू का वह संदेश पढ़ा जो उन्होंने 2009 में जेल जाने से पहले चीन के अदालत में कहा था। मेरे कोई दुश्मन नहीं हैं। मैं अपने व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर कह सकता हूं कि चीन के राजनैतिक विकास को कोई नहीं रोक सकता। मैं इस बारे में बहुत आशावादी हूं कि चीन का एक मुक्त भविष्य आने वाला है। वहां चीनी अमेरिकी वायलिन वादक लिन चांग ने मधुर चीनी धुन बजाए। मगर चीन के आम दर्शकों ने इसमें से कुछ भी नहीं देखा।
चीन में सीएनएन और बीबीसी दोनों चैनलों का प्रसारण स्थानीय समय के मुताबिक शाम 8 बजे करीब एक घंटे के लिए बंद कर दिया गया। बीजिंग में लियू के घर के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी और वहां दर्जनों पत्रकारों को पुलिस उनके घर में जाने से रोक रही थी।
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