Sunday, December 5, 2010

गडकरी कर सकते है बड़े बदलाव

गडकरी कर सकते है बड़े बदलाव नई दिल्ली कमजोर केंद्रीय नेतृत्व की आलोचनाओं के मद्देनजर संगठन पर पकड़ मजबूत करने के लिए भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी जल्दी ही पार्टी में कुछ और महत्वपूर्ण बदलाव कर सकते हैं। राज्यों के क्षत्रपों की चुनौतियों से निपटने के लिए संगठन में कुछ लोगों की जिम्मेदारी बदली जा सकती है। अपनी पसंद के लोगों को राज्यों में तैनात करने और भविष्य की रणनीति के मुताबिक कुछ वरिष्ठ नेताओं को राज्यों की जिम्मेदारी से मुक्त करने या फिर उनके साथ कुछ नए और युवा लोगों को भी जोड़े जाने की संभावना है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में गडकरी एक साल का कार्यकाल इसी माह पूरा कर रहे हैं। उनके खाते में पहले साल में सफलताएं तो हैं, लेकिन विवाद उनसे ज्यादा हैं। बड़े निर्णयों में सामूहिक नेतृत्व नहीं दिखा, जिसके कारण झारखंड एवं कर्नाटक के बारे में फैसलों को लेकर पार्टी के भीतर मतभेद भी उभरे। क्षत्रप बेकाबू हो गए और खुलकर केंद्रीय नेतृत्व को चुनौती दी। अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने कड़े फैसले लेने वाले नेता की छवि बनाने की कोशिश की। उन्होंने मैराथन बैठक कर राजस्थान में ंिवधायक दल के नेता पद से वसुंधरा राजे को हटा तो दिया, लेकिन अभी तक वहां पर नया नेता नहीं चुना जा सका है। कर्नाटक में तो मुख्यमंत्री बी.एस. येद्दयुरप्पा के सामने पूरी पार्टी को घुटने टेकने पड़े।

अब गडकरी बाकी बचे कार्यकाल में संगठन पर अपनी धाक जमाने की रणनीति बनाने में जुटे हैं। कर्नाटक के कड़वे अनुभव के बाद उन्होंने वहां पर वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के मार्गदर्शन में अपनी पसंद के धर्मेद्र प्रधान को प्रभारी नियुक्त किया है। बिहार में अनंत कुमार के साथ कंधे के साथ कंधा मिलाकर काम कर चुके प्रधान अब कर्नाटक में येद्दयुरप्पा को संभालेंगे। अनंत कुमार के पास अभी मध्य प्रदेश के साथ बिहार भी है, लेकिन वे बिहार में ज्यादा समय नहीं रहना चाहते हैं, ऐसे में उनको वहां से मुक्त किया जा सकता है।

सूत्रों के अनुसार तमिलनाडु के प्रभारी भुवनचंद्र खंडूड़ी, झारखंड के प्रभारी भगत सिंह कोश्यारी, आंध्र प्रदेश के प्रभारी पुरुषोत्तम रूपाला और उड़ीसा के प्रभारी संतोष गंगवार के कामकाज से आलाकमान संतुष्ट नहीं है। इन बड़े नेताओं को प्रभार से हटाकर संगठन में दूसरा काम दिया जा सकता है या फिर उनके साथ गडकरी अपने भरोसे के युवा लोगों को जोड़ सकते हैं।

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