Wednesday, December 1, 2010
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ को भारत ने वीजा देने से इन्कार कर दिया है
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ को भारत ने वीजा देने से इन्कार कर दिया है. जनरल परवेज मुशर्ऱफ इसी सप्ताह एक सेमिनार में हिस्सा लेने भारत आनेवाले थे. लेकिन गृहमंत्रालय ने यह कहते हुए मुशर्रफ के वीजा पर अपनी सहमति नहीं दी कि उनके भारत विरोधी बयानों के कारण उनकी यात्रा से तनाव पैदा हो सकता है.
असल में मुशर्ऱफ को वीजा न देकर भारत ने एक तीर से दो शिकार किया है. एक तो मुशर्रफ की यात्रा से पाकिस्तान में भारत विरोधी संदेश जाता. मुशर्ऱफ इन दिनों स्वनिष्कासन पर लंदन में रह रहे हैं और पाकिस्तान में अपनी राजनीतिक वापसी की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें भारत में प्रवेश देकर भारत पाकिस्तान को नाराज नहीं करना चाहता जहां फिलहाल आसिफ अली जरदारी की हुकूमत कायम है. दूसरा, मुशर्ऱफ कश्मीर में कारगिल काण्ड रचनेवाले खलनायक रहे हैं, ऐसे में उन्हें भारत बुलाकर कश्मीर मसले पर भारत कोई गलत संदेश नहीं देना चाहता है. वैसे भी बलूचिस्तान में भारत की मौजूदगी का आरोप लगाकर मुशर्ऱफ ने भारतीय एजंसियों को पहले ही नाराज कर दिया है, जाहिर है एजंसियां ऐसे में कभी नहीं चाहेंगी कि मियां मुशर्ऱफ बतौर नेता भारत की धरती पर आयें.
मुशर्ऱफ को शनिवार को दिल्ली में यंग प्रेसिडेन्ट्स आर्गेनाइजेशन के एक कार्यक्रम में रहना था जो कि एक अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक संस्था है. भारत सरकार द्वारा वीजा देने से इंकार किये जाने पर मुशर्ऱफ के प्रवक्ता मेजर जनरल राशिद कुरैशी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक करार देते हुए कहा है कि "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार मुशर्ऱफ को वीजा देने के नाम पर दबाव में आ गयी है."
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