Wednesday, December 1, 2010
पुलिस की भांति पत्रकार भी बदनाम है
पत्रकारिता का उपयोग प्रामाणिकता और प्रतिबद्धता से करने की जरूरत
पुलिस की भांति पत्रकार भी बदनाम है
लखनऊ 21 नवम्बर । पत्रकारों के हितार्थ समाजसेवा,साहित्य एवं संस्कृति को समर्पित जनजागरण मीडिया मंच द्वारा उ0 प्र0 हिन्दी संस्थान के निराला सभागार में आयोजित समारोह में विभिन्न प्रदेशों से आये पत्रकारों, साहित्यकारों,समाजसेवियो ने बाजार, सत्ता व पत्रकारिता ‘‘खतरे और उम्मीद विषियक गोष्ठी पर चर्चा करते हुये मुख्य रुप से आर्थिक विकास को महत्व देने से पत्रकारिता के क्षेत्र में आयी स्थित को एक चुनौती बताया तथा पत्रकारिता के वर्तमान स्वरूप पर गंभीर चिंता भी जताई । समारोह में जन जागरण मीडिया मंच के महासचिव रेड फाइल पत्रिका के सम्पादक रिजवान चंचल द्वारा सम्पादित ‘जागो भारत जागो’ पुस्तक व ‘महक’ शर्मा की कृति ‘कतरा-कतरा जिन्दगी’ का विमोचन भी सम्पन्न हुआ।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रेस सूचना ब्यूरो भारत सरकार के पूर्व निदेषक श्री के.डी द्विवेदी ने कहा कि साहित्य समाज को रचनात्मक दिशा देने का काम करता है। ‘जागो भारत जागो’ पुस्तक में व्याप्त विसंगतियों का विवरण अधिक है समाधान की बाहुल्यता होती तो अति सुन्दर होता। चर्चित न्यूज पोर्टल भड़ास 4 मीडिया के सम्पादक यशवंत सिंह ने कहा कि पत्रकारिता के मूल्यों में काफी गिरावट आई है यह इसका दुखद पहलू है इसे सभी पत्रकारों को मिलकर दूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि औद्योगिक और सामाजिक विकास के साथ ही समाज में जनसामान्य की समस्याओं को उजागर करने में पत्रकारिता की भूमिका आज के दौर में विशेष महत्व रखती है। उन्होने कहा कि समाज को जागरूक करने में पत्रकारिता का उपयोग प्रामाणिकता और प्रतिबद्धता से करने की जरूरत है। पुलिस अधीक्षक नगर डा0 वी.पी.अशोक ने कहा कि मेरी कामना है कि स्वच्छ पत्रकारिता के पवित्र भाव रखने वाले पत्रकार सफल हों और वे राष्ट्रीय विकास के क्रम में अपना योगदान सत्त रूप से करते रहें उन्होने कहा कि उचित का स्वागत करना और अनुचित पर कलम का प्रहार करना व आमजनों के समक्ष वास्तविकता को बिना भेदभाव के प्रस्तुत करना, पत्रकारिता का मूल धर्म है। इस क्षेत्र में काम करने वालों में स्वाभिमान होना चाहिए पर अहंकार नहीं आज स्थित यह है कि पुलिस की भांति पत्रकार भी बदनाम है । जन जागरण मीडिया मंच के महासचिव रिजवान चंचल ने पत्रकारिता के वर्तमान स्वरूप पर पर चिंता जताते हुये कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में मीडिया में खबरों को सबसे पहले लोगों तक पहुंचाने के लिए होड़ लगी हुई है, पत्रकारिता धीर-धीरे व्यवसाय बनती जा रही है जिसमें बड़े-बड़े औद्योगिक घराने आ चुके हैं जिंदगी कितनी मजबूर है मंहगाई से आमआवाम त्रस्त है, लोग भूखों मर रहे है, जिस्म की कौन कहे कोख बेचने को ममता विवश है लेकिन लेखनी शान्त है। श्री चंचल ने कहा कि लेखनी से ही समाज में राष्ट्रभाव का जागरण किया जाना चाहिये जन जागरण मीडिया मंच सभी पत्रकार साथियो से यही आवाहन करता है कि हम सब मिलकर राष्ट्र व समाज को लेखनी के जरिये ऐसी दिशा दं जिससे राष्ट्र सशक्त व समाज विकसित हो सके ।
वरिष्ठ पत्रकार मीडिया मंच के अध्यक्ष हरिपाल सिंह ने कहा कि भड़ास 4 मीडिया के सम्पादक ने खासकर शैषित उपेक्षित पत्रकारों को भड़ास निकालने का जो कार्य किया है उससे पत्रकारों का उत्साहवर्धन हुआ है। श्री सिह ने जन जागरण मीडिया मंच के उददेश्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुये देश के आर्थिक सामाजिक राजनैतिक हालात का विश्लेषण करते हुये कहा कि भारत को स्वतंत्रता दिलाने में महात्मा गांधी ने जनजागरण को ही आधार बनाया था किन्तु आज की परिस्थितियॉ और भी जटिल है धनवान और धनवान होते चले जा रहे है वहीं लोग भूंख से, ऋणाग्रस्तता से अपमानित होने पर आत्म हत्या को बाध्य है। वरिष्ठ पत्रकार अवधेश नारायण ‘प्राण’ ने कहा ‘जागो भारत जागो’ नामक पुस्तक लेखन के पुनीत कृत्य में श्री चंचल ने प्रमाणित कर दिया है कि नाम के अनुरूप वे चंचल नहीं वरन् एक अत्यन्त गम्भीर साहित्यकार हैं। आज का भारतीय परिवेश राष्ट्रीयता से कितनी दूर जा चुका है इसका वर्णन श्री चंचल ने बड़ी बेवाकी के साथ किया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व न्यायाधीश आर. सी. निगम ने कहा कि समाज में आए सारे परिवर्तनों के बाद सामाजिक मूल्य आज भी कायम हैं। श्री निगम ने कहा कि रिजवान चंचल द्वारा सम्पादित पुस्तक ‘जागो भारत जागो’ का शब्द विन्यास एवं प्रकाशित विवरण श्वयं मे इस बात का साक्षी है कि उनका विश्वास व्यवसायिक पत्रकारिता में नही रहा श्री चंचल विशुद्ध रूप से साफ सुथरी जनहितकारी नीतियों पर काम करते हुये आम लोगों में जनजागरण का कार्य कर रहे हैं भविष्य में जनजागरण मीडिया मंच को सहयोग करने का सफल एवं सार्थक प्रयास किया जाएगा। वरिष्ठ समाजसेवी लोक सेनानी कल्याण परिषद के प्रदेश महासचिव चतुर्भुज त्रिपाठी ने कहा कि पत्रकारिता के अपने मूल्य और उसका अपना एक धर्म है, किन्तु आज पत्रकारिता अपने मिसन से इतर कार्य कर रही है जिससे उसकी विश्वसनीयता घटी है । समारोह में नागरिक मेल के सम्पादक अनूपराय, पदमजात प्रभात,वरिष्ठ साहित्यकार स्वर्णकेतु भरद्वाज समाजसेवी मीना खान, पत्रकार आर.के पाण्डेय, योगेश श्रीवास्तव, अजय विक्रम सिंह, बी.बी सिंह, सहित कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहे । - रिजवान चंचल 09450449753
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