दूषित भोजन और लापरवाही पर आपराधिक प्रकरण दर्ज होगा (मध्यान्ह भोजन)
हर शाला में निरीक्षण पंजी संधारित होगी, सीईओ जनपद एवं राजस्व अधिकारी निरंतर शालाओं का निरीक्षण करेंगे, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव के निर्देश
Bhopal:Tuesday, August 10, 2010: मध्यान्ह भोजन में सुधार लाने के लिये अब प्रत्येक शाला में रजिस्टर रखा जायेगा जिसमें निरीक्षण अधिकारी अपने टीप अंकित करेंगे। इसके साथ ही मध्यान्ह भोजन में दूषित भोजन बनाने और लापरवाही बरतने पर तत्काल संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाये। यह निर्देश पंचायत, ग्रामीण विकास एवं सामाजिक न्याय मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने दिये हैं। श्री भार्गव के निर्देश के बाद इस आशय के दिशा-निर्देश सभी मैदानी अधिकारियों को भेज दिये गये हैं।
मध्यान्ह भोजन को लेकर गत दिनों घटित घटनाओं को पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने गंभीरता से लिया है। श्री भार्गव ने निर्देशित किया कि सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में रजिस्टर रखा जाये। इस रजिस्टर में जब भी जिला स्तरीय विकासखण्ड स्तरीय और ग्राम स्तरीय अधिकारी संबंधित शाला का दौरा करें और मध्यान्ह भोजन का निरीक्षण करें तो उसमें पाई जाने वाली कमियों और सुधार संबंधी टीप को रजिस्टर में अंकित करें। उन्होंने कहा कि अंकित टीप के आधार पर यह सुनिश्चित किया जाये कि वह कमियां दूर हों। रजिस्टर में अंकित टीप की छायाप्रति शाला प्रभारी द्वारा प्रतिमाह की पांच तारीख को विकासखण्ड स्रोत स्व-समन्वयक के समक्ष प्रस्तुत की जाये। श्री भार्गव ने निर्देश दिये कि मध्यान्ह भोजन की कमियों को दूर करने और उनमें सुधार करने का कार्य समय-सीमा में हो यह सुनिश्चित किया जाये और इस संबंध में की गई कार्यवाही से 15 अगस्त, 2010 तक प्रतिवेदन राज्य समन्वयक मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम को अनिवार्य रूप से भेजने के निर्देश दिये गये हैं।
श्री भार्गव ने यह भी निर्देश दिये हैं कि मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में अब कहीं भी कोई घटना ऐसी होती है जिसमें भोजन दूषित बनता है या भोजन बनाने में लापरवाही होती है तो तत्काल इसे आपराधिक प्रकरण माना जाये और संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाये। श्री भार्गव ने कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को निर्देश दिये हैं कि वे घटना की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंचकर 24 घंटे के अंदर जांच करायें और जांच का प्रतिवेदन समन्वयक मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम को भेजें। अगर जांच रिपोर्ट में शाला के शिक्षक, स्व-सहायता समूह के अध्यक्ष एवं सचिव एवं भोजन बनाने वाले रसोइये का उत्तरदायित्व निर्धारित होता है तो तत्काल उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाये। शिक्षक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हो और स्व-सहायता समूह को मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम से पृथक किया जाये। श्री भार्गव ने यह भी कहा कि भोजन निर्माण के बाद बच्चों को वितरण के पूर्व शिक्षकों द्वारा स्वयं भोजन चखा जाये उसके बाद बच्चों को वह भोजन दिया जाये।
श्री भार्गव ने मध्यान्ह भोजन व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखने के लिये वर्षा ऋतु के दौरान अनुविभागीय राजस्व अधिकारी को न्यूनतम 20 शालाओं, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा अन्य राजस्व अधिकारी न्यूनतम 25 शालाओं का निरीक्षण अनिवार्य रूप से करने के लिये निर्देशित किया है। श्री भार्गव ने कहा कि निरीक्षणकर्ता अधिकारी को अगर कोई गंभीर अनियमितता मिलती है तो वह उसकी सूचना तत्काल जिला कलेक्टर को दें।
Date: 10-08-2010 Time: 16:10:58
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