Sunday, August 8, 2010

डोली टैक्स’ दिए बिना नहीं उठती ‘डोली’


पूर्णिया : बिहार के पूर्णिया प्रमंडल के कटिहार जिले में एक गांव ऐसा भी है जहां रंगदारों को ‘डोली टैक्स’ दिए बिना विवाह बाद लड़कियों की डोली नहीं उठती. कटिहार के मनिहारी थाना अंतर्गत इस गांव का नाम है चिमूरतल्ला है और वहां विवाह के बाद लड़कियों की डोली तभी उठने दी जाती है जब विवाहित कन्या के अभिभावक रंगदारों को डोली टैक्स चुका देते हैं. बिना टैक्स चुकाये यदि वैवाहिक रस्म पूरी कर दी गयी तो उस परिवार और उनके संबंधियों की खैर नहीं.

क्षेत्र के पुलिस अधिकारी ने भी कहा कि उन्हें भी ऐसा कर वसूले जाने की सूचना मिली है जिसकी छानबीन की जा रही है. करियारपुर ग्राम पंचायत के चिमूरतल्ला गांव में गत 14 जुलाई की रात ओदवासी समुदाय से आने वाले स्वर्गीय सरजू मंडल की पुत्री पुतुल की शादी हुई थी. उसके परिवार के लोगों ने गरीबी के कारण रंगदारी के रूप में डोली टैक्स की निर्धारित रकम चुकाने में जब असमर्थता जतायी तो रंगदारों ने उनके घर में घुसकर तांडव मचाया और गोलीबारी की जिसमें पुतुल की नानी भज्जो देवी की मौत हो गयी. नानी अपनी नव-विवाहित नातिन को बचाने आयी थीं और रंगदारों की गोली का शिकार हो गयी.

पुतुल की मां सतमा बताती हैं कि रंगदारों के इस गिरोह के सरगना दिलीप मंडल ने उनसे दो हजार रुपये और लड़के पक्ष वालों से पांच हजार रुपये के साथ-साथ शराब और मुर्गा खरीदने के लिए अलग से पैसे की मांग की थी. पुतुल की मां सतमा ने कहा कि वे गरीब हैं बहुत मुश्किल से शादी का खर्च जुटा पाये थे ऐसे में रंगदारों को कहां से इतनी बड़ी राशि दे पातीं.

उन्होंने बताया कि थाने में जाकर इस घटना की जानकारी दी जिसके बाद पुलिस के दबाव में दिलीप मंडल ने कटिहार के मुख्य न्यायायिक दंडाधिकारी के समक्ष गत दो अगस्त को आत्मसर्मपण कर दिया. मनिहारी अनुमंडल के पुलिस अधिकारी सुबोध विश्वास डोली टैक्स वसूले जाने की पुष्टि तो करते हैं पर इसे छानबीन का विषय भी बताते हैं.

विश्वास कहते हैं कि इस मामले की छानबीन की जा रही है तथा अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है. चिमूरतल्ला गांव की एक अन्य महिला बसंती देवी बताती हैं कि उन्होंने अपनी दो बेटियों की शादी तो डोली टैक्स चुका कर कर दी लेकिन उनकी दो बेटियां और हैं जिनकी शादी को लेकर वे चिंतित रहती हैं.

बसंती बताती है कि उनका एक दामाद शादी के वक्त डोली टैक्स नहीं चुका पाया और बाद में दे देने का वादा किया था जिसे अबतक नहीं दे पाने के कारण रंगदारों के डर से वह ससुराल नहीं आता.

उसी गांव के राजेश मंडल बताते हैं कि रंगदार गांव के लोगों की हैसियत के मुताबिक डोली टैक्स की मांग करते हैं. यह रकम पांच हजार रुपये से लेकर 35 हजार तक की होती है. सीमांचल के युवा समाजसेवी मिथिलेश सिंह कहते हैं कि समाज में किसी की बेटी का विवाह करा देना चिरकाल से पुण्य का काम समझा जाता था लेकिन मनिहारी थाना क्षेत्र में जो हो रहा है वह समाज पर बदनुमा दाग ही नहीं बल्कि एक जघन्य अपराध है, ऐसा करने वालों से पुलिस और प्रशासन को सख्ती से पेश आना चाहिए.

8aug 2010

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