Friday, August 13, 2010

बड़वाई में हुई है फिल्म ‘पीपली लाइव’ की शूटिंग


भोपाल. न्यू मार्केट, बिट्टन मार्केट, लेक व्यू, भारत भवन आदि को लांघ फिल्म ‘पीपली लाइव’ की शूटिंग के लिए डाइरेक्टर अनुषा रिजवी बड़वाई गांव पर रीझीं। आजकल इस फिल्म का गीत ‘सखी, साजन तो खूब कमात है, महंगाई डायन खाए जात है,हर महीना उछले पेट्रौल, डीजल का उछला है रोल, शक्कर बाई केका बोल, ऊसा बासमती धान मरी जात है’ खूब चर्चा में है।



फिल्म की शूटिंग की शुरुआत इसी साल जनवरी में हुई थी। अब यहां के रहवासी इस गांव को कुछ ऐसे ही देख रहे हैं जैसे एक जमाने में शोले की शूटिंग के बाद रामगढ़ को देखा गया था। करीब 1000 की जनसंख्या वाले इस गांव में शूटिंग की बात छेड़ने भर की देर होती है उसके बाद तो किस्सों के काफिले निकल पड़ते हैं।



कुछ यूं हुई थी शुरुआत : यहां के निवासी राजकुमार प्रजापति बाताते हैं, बात पिछले जनवरी महीने की है। यहां कुछ बाहरी लोगों की अवाजाही बढ़ रही थी। रोज बड़ी-बड़ी गाड़ियां आती थीं। पूछने पर पता चला कि शूटिंग होनी है। इसके बाद पूरे गांव में खुशी छा गई। गांव के ही नेमिचंद पाटोनिया ने बताया कि अनुषा मैडम ने कहा कि इस गांव का प्रकृतिक सौन्दर्य लाजवाब है। धीरे-धीरे उनकी पूरी टीम यहां आई।







-आमिर खान यहां केवल एक दिन के लिए आए थे। रात में 9 बजे आकर वह सुबह सात बजे चले गए थे। - यहां के निवासी शहादत के जिस घर में अमिर खान रुके, नत्था रहा और जिस घर में पूरी शूटिंग हुई उसे लोग अब ‘नत्था हाउस’ के नाम से बुलाते हैं। - कलाकार अक्सर गांव के लोगों से ही कपड़े लेकर उन्हें पहनकर शूटिंग करते थे और उसके बदले नए कपड़े देते थे। गांव को पीपली दिखाने के लिए यहां के स्कूल के नाम के नीचे लिखे बड़वाई को पीपली कर दिया गया था।



‘नत्था मरेगा, जरूर मेरेगा’यह वह डायलॉग है जो गांव की ही तुलसा कुमारी विश्वकर्मा ने बोला था। यहां के पुजारी और फिल्म में भी पूजा का सीन देने वाले लक्ष्मी नारायण शर्मा बताते हैं फिल्म के आखिरी सीन यहीं फिल्माए गए हैं। वह कहते हैं कि गांव में हर साल बैसाख की दूज को मेला लगता है।

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