dainikbhaskar.com के सर्वे में शामिल आधे पाठकों ने कश्मीर में शुक्रवार को पाकिस्तानी झंडे लहराने और हिंसा में चार लोगों की मौत के बीच राय दी कि राज्य की कमान केंद्र को अपने हाथ में ले लेनी चाहिए।
नई दिल्ली. कश्मीर में बिगड़े हालात का हल क्या है? dainikbhaskar.com के सर्वे में शामिल होने वाले आधे पाठकों के मुताबिक इस सवाल का जवाब यही है कि केंद्र सरकार कश्मीर की कमान अपने हाथों में ले। इसका मतलब यह भी निकल सकता है कि राज्य सरकार में लोगों का भरोसा नहीं रह गया है। कश्मीर में शुक्रवार को एक बार फिर हालात बिगड़ जाने के बीच आए इस सर्वे रिपोर्ट में राज्य के लिए स्वायत्तता का प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का प्रस्ताव एकदम खारिज कर दिया गया है।
शुक्रवार को श्रीनगर में अलवावादी नेता मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व में हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया। कई प्रदर्शनकारी पाकिस्तान का झंडा भी लहरा रहे थे। राज्य में दो जगह पुलिस की गोलीबारी में चार लोगों की मौत भी हो गई। जून से अभी तक कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की फायरिंग में मरने वालों की संख्या 54 हो गई है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला हालात संभाल नहीं पा रहे हैं। शायद इसीलिए dainikbhaskar.com के सर्वे में शामिल 51.80 प्रतिशत पाठकों ने राय दी कि कश्मीर की कमान केंद्र को अपने हाथों में ले लेनी चाहिए। उनके सामने सीधा सवाल रखा गया था कि कश्मीर समस्या का सही हल क्या हो सकता है? हालांकि 33.12 फीसदी पाठक मिला-जुला रास्ता अपनाने के हामी दिखे। उनके मुताबिक कश्मीर में विकास कार्य करवाए जाएं और साथ ही गडबड़ी करने वालों से सख्ती से निपटा जाए तो समस्या का हल निकल सकता है।
कश्मीर को स्वायतत्ता देने संबंधी प्रधानमंत्री के प्रस्ताव को तो पाठकों ने एक तरह से खारिज ही कर दिया। प्रधानमंत्री ने इसी सप्ताह कश्मीर मसले पर सर्वदलीय बैठक की थी और कहा था कि सभी पार्टियों की राय बने तो कश्मीर को स्वायत्तता दी जा सकती है। उनके इस प्रस्ताव को ज्यादातर राजनीतिक दलों और अलगाववादियों ने तो तत्काल खारिज कर दिया था, हमारे पाठकों ने भी नकार दिया। केवल 10.61 फीसदी पाठकों ने कहा कि कश्मीर को प्रधानमंत्री के कहे अनुसार स्वायत्तता दी जानी चाहिए, जबकि स्वायत्तता दिए बिना ज्यादा अधिकार देकर राज्य सरकार के हाथ मजबूत करने का विकल्प केवल 4.45 फीसदी पाठकों ने स्वीकार किया।
No comments:
Post a Comment