मध्यप्रदेश की साढ़े पांच लाख से अधिक बालिकाएं बनीमध्यप्रदेश की साढ़े पांच लाख से अधिक बालिकाएं बनी लाड़ली लक्ष्मी
जबलपुर जिला और संभाग दोनों अग्रणी रहें
भोपाल 2 दिसंबर 2010। मध्यप्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत विगत साढ़े तीन वर्षों के दौरान पांच लाख 53 हजार 523 बालिकाएं लाभांन्वित हुई हैं। इनमें से सबसे अधिक एक लाख 24 हजार 570 बालिकाएं जबलपुर संभाग की है। इन्दौर संभाग में 85 हजार 643 बालिकाएं तथा तीसरे स्थान पर रहे उज्जैन संभाग में 63 हजार 324 बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिला है। उसके बाद भोपाल संभाग रहा, जहां योजना से लाभान्वित होने वाली बालिकाओं की संख्या 58 हजार 537 रहीं। अन्य संभागों में सागर संभाग 56 हजार 412, ग्वालियर संभाग 40 हजार 169, रीवा संभाग 36 हजार 522, शहडोल संभाग 30 हजार 761, नर्मदापुरम संभाग 29 हजार 86, चम्बल संभाग 27 हजार 725 और उज्जैन संभाग 13 हजार 56 शामिल हैं। प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ उठाने में भी जबलपुर जिला अग्रणी रहा है, जहां अब तक 26 हजार 240 बालिकाएं लाभान्वित हुई। छिंदवाड़ा जिला दूसरे स्थान पर रहा, जहां 26 हजार 45 बालिकाओं ने लाभ उठाया। इन्दौर जिले में 21 हजार 613, बालाघाट जिले में 19 हजार 6, भोपाल जिले में 18हजार 567, मण्डला जिले में 18 हजार 22, धार जिले में 17 हजार 539, बैतूल जिले में 16 हजार 96 तथा सागर जिले में 15 हजार 317 बालिकाओं को पिछले साढ़े तीन साल में लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ मिला है। चालू साल 2010-11 में अब तक योजना का लाभ उठाने में भी जबलपुर संभाग आगे रहा है, जहां 26 हजार 656 बालिकाओं को योजना का लाभ मिल चुका है। इसके बाद के क्रम में इन्दौर संभाग 17 हजार 583, उज्जैन संभाग में 17 हजार 220, सागर संभाग में 9 हजार 755, भोपाल संभाग में 9 हजार 714 तथा शेष अन्य संभाग है, जहां 4 से 6 हजार तक बालिकाओं को योजना का लाभ पहुंचाया गया है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने बालिका जन्म के प्रति जनता में सकारात्मक सोच, लिंग अनुपात में सुधार, बालिकाओं के शैक्षणिक स्तर और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार तथा उनके अच्छे भविष्य की आधारशिला रखने के उद्देश्य से वर्ष 2007 से लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रारंभ की है।
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