Saturday, January 15, 2011

साकेत में मंदिर ढहाने व मूर्तियां खँडित करने के विरोध में प्रदर्शन

साकेत में मंदिर ढहाने व मूर्तियां खँडित करने के विरोध में प्रदर्शन
(दक्षिणी दिल्ली का बी आर टी कोरिडोर रहा घंटों जाम, ज्ञापन सौंप 7 दिन
का दिया अल्टीमेटम)
नई दिल्ली।
सेक्टर सात में बृहस्पतिवार को अवैध रूप से बने एक मंदिर को ढहा दिए जाने
के विरोध में आज हिन्दू जन-मानस सडकों पर उतर आया। प्रदर्शनकारियों में
दिल्ली के वरिष्ठ संत भी सामिल थे। विहिप, बजरग दल, विश्व हिंदू महा संघ,
सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, भाजपा सहित अनेक
हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने शेख सराय अथौरिटी के पास वाली
व्यस्ततम लाल बत्ती पर जम कर नारेवाजी कर प्रशासन व दिल्ली सरकार की
हिन्दू विरोधी नीति के खिलाफ़ मोर्चा खोला। हजारों की संख्या में उपस्थित
जन समूह को संबोधित करते हुए बजरंग दल के प्रान्त संयोजक एडवोकेट
शैलेन्द्र जायसवाल ने चेतावनी दी कि यदि सात दिन के भीतर मंदिर का पुन:
निर्माण नहीं कराया गया तो हम एक प्रचण्ड आन्दोलन खडा करेंगे। उन्होंने
मूर्तियों के खण्डित किए जाने को बहुत ही गम्भीर बताते हुए दोषियों को
सख्त सजा दिये जाने की मांग भी दोहराई।
इस अवसर पर पूरे आक्रोस में भरी जनता को संबोधित करते हुए दिल्ली संत
महा-मण्डल के महा मंत्री महंत नवल किशोर दास जी महाराज ने कहा कि यह
दिल्ली का संत समाज मूर्तियों के खण्डित किए जाने करने की राक्षसी
प्रव्रति से बहुत आहत हुआ है। उन्होंने कहा कि हम इस विधर्मी क्रत्य की
धोर निन्दा करते हुए सरकार से मांग करते है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ़
कार्यवाही कर मंदिर की प्रतिष्ठा को पुन: स्थापित किया जाये। दिल्ली संत
महा-मण्डल के अध्यक्ष महा मण्डलेश्वर स्वामी प्रज्ञानन्द जी महाराज ने
कहा कि पूजा पाठ करते हुए मंदिरों को तोडने की घटना तथा प्रशासन के लोगों
द्वारा मूर्तियों को खण्डित करना ह्रदय विदीर्ण करने बाली बात है । यह
बडा दुर्भाग्य पूर्ण है कि स्वतंत्र भारत में भी आज हमारी सरकारें
औरंगजेव की नीतियों पर चल रही हैं।
विश्व हिंदू महा संघ के प्रदेश महा मंत्री स्वामी जयराम भारती, राष्ट्रीय
स्वय सेवक संघ दक्षिणी दिल्ली के संघ चालक श्री सुमन चन्द धीर, क्षेत्र
के चारों निगम पार्षद व दि न निगम के साउथ जोन चेयरमैन श्री नागराजन सहित
अनेक वक्ताओं ने कहा कि दिल्ली की सरकार एक ओर जहां माननीय उच्च न्यायालय
के आदेशों के खिलाफ़ स्वय पैरवी कर डीडीए की भूमि मस्जिद को दिलाने को
बेचैन है वहीं हिन्दू मन्दिरों को ढ्हाने की कार्यवाही कर रही है। जंग
पुरा की घटना से साफ़ जाहिर हो गया है कि राजधानी की सरकार पहले तोडो, फ़िर
बसाओ और फ़िर वोट पाओ की पुरातन नीति पर चल कर जनता के साथ दोहरा मापदण्ड
अपना कर जनता के बीज विभाजन की खाई डाल रही है। इसे हिन्दू समाज कतई
बर्दाश्त नहीं करेगा। यदि सरकार व उसका प्रशासन होश में नहीं आया तो देश
की राजधानी में इस तरह की हिन्दू विरोधी नीति के खिलाफ़ लोगों में रोष और
बढेगा जिसे संभालना उसे भारी पडेगा।

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