Monday, January 24, 2011

Usमुट्ठी भर लोगों के आंदोलन से उत्तराखंड बना दिया- अमर सिंह

ट्ठी भर लोगों के आंदोलन से उत्तराखंड बना दिया- अमर सिंह
गाजीपुर । बलिया से शुरू पूर्वाचल स्वाभिमान पदयात्रा के द्वितीय चरण में लोकमंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमर सिंह का काफिला रविवार को बढ़ुआ गोदाम से होते हुए जिले की सीमा में मटेहूं से शाम पौने पांच बजे प्रवेश कर गया। जिले की सीमा में प्रवेश करते ही समर्थकों ने उनको फूल मालाओं से लाद दिया। उनके स्वागत में कई गांवों के लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। इस दौरान उन्होंने पूर्वाचल के लोगों से एकजुट होकर अलग राज्य के लिए उठ खड़े होने का आह्वान किया। पदयात्रा करते हुए अमर सिंह आगे बढ़े। मरदह पहुंचने पर उनका जोरदार स्वगत किया गया। इस दौरान उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज तक केंद्र और प्रदेश सरकार की उपेक्षा के चलते पूर्वाचल आंसू बहा रहा है। यह देश का एक बड़ा हिस्सा होने के बाद भी आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है। 27 जनपदों की आठ करोड़ की आबादी वाले इस क्षेत्र में 28 सांसद, 147 विधायक हैं। फिर भी पूर्वाचल की यह धरती विकास के मुद्दों पर बदहाली के आंसू बहा रही है। प्रदेश की 63 चीनी मिलों में से 58 बंद हैं। पूर्वाचल की तीन सीमेंट फैक्ट्रियों में एक को साजिश के तहत बेच दिया गया।

आज 65 लाख की आबादी वाला उत्तराखंड जिसमें सिर्फ आठ जिले पांच लोकसभा सीटें और 22 विधायक हैं को मुट्ठी भर लोगों के आंदोलन से अलग राज्य बना दिया गया लेकिन पूर्वाचल के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। आज पूर्वाचल के लोगों के लिए समय आ गया है कि वह उठकर खड़े हो जाएं और पूर्वाचल राज्य के मुद्दे पर एक हो जाएं। उन्होंने मुलायम सिंह यादव और प्रदेश की मुखिया मायावती को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि दोनों की नीतियों में कोई अंतर नहीं है। दोनों ने ही फैक्ट्रियों के नाम पर किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया है। विरोध करने पर उनपर गोलियां चलवायीं। उन्होंने बाल ठाकरे और राज ठाक रे को कहा कि ये लोग पूर्वांचल के लोगों का शोषण करते हैं। पूर्वाचल के लोग रोजीरोटी के लिए बाहर जाते हैं लेकिन वहां मारपीटकर भगा दिया जाता है उन्हें न्याय चाहिए। सभा में उनका जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान बढुआ गोदाम से चलकर उनकी पदयात्रा आगे बढ़ गयी। इससे पूर्व मटेहूं से शुरू हुई पूर्वाचल स्वाभिमान पदयात्रा लगभग पांच बजे मरदह पहुंची। इस दौरान अमर सिंह खुली गाड़ी में खड़े रहे, जबकि उनकी पदयात्रा में शामिल लोग पैदल ही राष्ट्रीय राजमार्ग-29 पर गाजीपुर की ओर बढ़ रहे थे। उन्हें देखने के लिए ग्रामवासी अपने घरों से निकलकर सड़क पर आ गए थे। भीड़ सड़क के दोनों तरफ खड़ी थी। मरदह बाजार में पहुंचने के बाद वह खुली गाड़ी से काफिले के साथ चल रही बोल्वो बस में सवार हो गए। इसके बाद लिफ्ट से उनको बस की छत पर पहुंचाया गया। जहां उन्होंने उपस्थित लोगों की सभा को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने प्रदेश सरकार के साथ पूर्व में अपने साथी रहे सपा मुखिया मुलायम सिंह को भी नहीं बख्शा। उन्होंने कहा कि मैं 14 वर्षो में सपा में रहकर पाप करता रहा। इस दौरान पूर्वाचल रूपी द्रौपदी का चीर हरण होता रहा और मैं भिष्म पितामह की तरह चुप चाप देखता रहा। अब मैं इसका पश्चाताप करूंगा। मैं पूर्वाचल के विकास के लिए संघर्ष कर रहा हूं। मेरी दोनों किडनियां फेल हो गई हैं। मैं बीमार हूं लेकिन मैं पूर्वाचल की बीमार किडनियों को ठीक करने के लिए यह पदयात्रा कर रहा हूं। केंद्र सरकार से यूपी सरकार को 40 हजार करोड़ रुपये मिले हैं। उस हिसाब से पूर्वाचल को 20 हजार करोड़ रुपये मिलने चाहिए लेकिन मायावती ने पूर्वाचल को सिर्फ बीस करोड़ रुपये दिये हैं और पत्थरों के बुत बनाने के लिए 500 करोड़ रुपये दे रखे हैं। उन्होंने आगे कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश की बिजली का 80 प्रतिशत उत्पादन पूर्वाचल करता है लेकिन यह बिजली पूर्वाचल के बजाय नोएडा और सैफई को सप्लाई की जाती है। अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी के साथ तय किए गए अपने राजनीतिक सफरनामे को अत्यधिक पीड़ादायक बताया। उन्होनें बताया कि पार्टी में जिनको उंगली पकड़ा कर प्रवेश कराया था उन्होंने भी पीठ में छूरा घोपने का काम किया। इसमें जिले के कई बड़े और कद्दावर समाजवादी पार्टी के सांसद विधायक हैं। मन में इस बात का मलाल आज भी है कि हम 14 वर्ष उस दल में रहे जो आज भी पूर्वाचल विरोधी है। इस राजनीतिक यात्रा में मैने अपनी 14 सर्दियां सैफई में बिताई हैं। पद यात्रा में उन्होंने कहा कि जब पूर्वाचल राज्य बन जाएगा तो यहां के नौजवान बाहर न जाकर अपने यहां ही रोजी रोजगार करेंगे। उन्होनें बताया कि करछना का जो बिजली घर प्रोजेक्ट सपा की सरकार में पास किया गया था मायावती भी उसी को पूरा करा रही हैं। मायावती अपने एक सेठ जयप्रकाश गौड़ को फायदा पहुंचाने के लिए सैकड़ों किसानों की कीमती जमीन को औने पौने दामों पर अधिगृहीत कर रही है। गाजीपुर की यही धरती है जहां के विनाथ गहमरी ने संसद में यह मुद्दा उठाया था कि पूर्वाचल के गरीब किसान गोबर से अनाज चुनकर किसी तरह अपनी जीविका चलाते हैं। लचर स्वास्थ और बुलंद हौसलों के साथ गाजीपुर पहुंचे लोकमंच के संयोजक अमर सिंह की निर्भिक शैली पर सभी हतप्रभ थे। उनके स्वास्थ्य और उनकी हालत को देखते हुए पुलिस के साथ ही एंबुलेंस सेवा भी इस पदयात्रा में शामिल थी। उनके गले में कालर और मास्क उनके स्वास्थ्य की संवेदनशीलता की कहानी कह रहे थे। उन्हें सुरक्षा के लिए निजी गार्ड के साथ ही जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है। जवान आने जाने वाले सभी लोगों पर नजर गड़ाए हुए थे। इसके साथ ही जिला पुलिस की ओर से भी भारी सुरक्षा का इंतजाम किया गया था। इसके लिए कई थानों की पुलिस के साथ पीएसी की एक कंपनी तैनात थी। इसके साथ ही उनकी सुरक्षा में एलआईयू का पूरा महकमा भी जुटा था। इस यात्रा में अमर सिंह के

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