Monday, January 31, 2011

अफगान अधिकारियों ने कहा है कि जिन लोगों ने उत्तरी अफगानिस्तान में एक जोड़े की पत्थर मार कर हत्या कर दी थी उन्हें सजा दी जाएगी।


अफगान अधिकारियों ने कहा है कि जिन लोगों ने उत्तरी अफगानिस्तान में एक जोड़े की पत्थर मार कर हत्या कर दी थी उन्हें सजा दी जाएगी। अधिकारियों का ये बयान उस दर्दनाक घटना की फुटेज सामने आने का बाद आया है।

कुंडूज प्रांत के दश्ते अर्ची जिले के इस जोड़े पर 'अनैतिक संबंध' बनाने का आरोप था। ये घटना पिछले साल अगस्त की है। सामने आई फुटेज में हजारों लोगों को देखा जा सकता है लेकिन उनमें से किसी पर भी अब तक कोई केस दर्ज नहीं हुआ है। ये क्षेत्र अब भी तालिबान के कब्जे में है।

फुटेज को देखने के बाद क्षेत्रीय पुलिस प्रमुख जनरल दाऊद दाऊद ने कहा है कि जो लोग इस हत्या के लिए जिम्मेदार हैं उन्हें पहचाना जा सकता है। जनरल दाऊद ने बीबीसी को बताया, 'वहाँ विशेष पुलिस दस्ता भेजा जाएगा। हम उन्हें ढूँढेंगे और उन्हें सजा दी जाएगी।'

मोबाइल फोन की गई रिकॉर्डिंग को हाल ही में अफगान और नेटो अधिकारियों ने देखा है। वीडियो का अधिकतर भाग इतना विचलित करने वाला है कि उसे दिखाया भी नहीं जा सकता।

खून से लथपथ : वीडियो की शुरुआत में 25 साल की सिद्दका कमर तक गहरे एक गड्डे में खड़ी हुई दिखती है। सिद्दका एक नीले बुरके में है। हजारों ग्रामीणों की मौजूदगी में दो मुल्ला सजा सुनाने जा रहे हैं। तालिबान लड़ाकों की मौजूदगी में सिद्दका को दोषी पाया जाता है और उसे संगसार से मौत की सजा सुनाई जाती है।

पत्थरबाजी महज दो मिनट चलती है। सैंकड़ों छोटे-बड़े पत्थर सिद्दका के जिस्म पर फेके जाते हैं। वो एक बार उस गड्डे से बाहर निकलने की कोशिश करती है लेकिन पत्थरों की बौछार उसे रोक देती है।

तभी एक बड़ा-सा पत्थर उसके सिर पर लगता है और वो गड्डे में गिर जाती है। लेकिन सिद्दका अब भी जीवित है। इसी बीच मुल्लाओं को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि उसे छोड़ दिया जाए।

लेकिन तभी राइफल से लैस एक तालिबान लड़ाका आगे बढ़ता है और सिद्दका पर तीन गोलियाँ चला देता है। उसके बाद सिद्दका के प्रेमी खय्याम को भीड़ के सामने लाया जाता है।

उस पर हमला और भी जोर से किया जाता है। सिर झुकाए जमीन पर बैठे खय्याम को रोते-बिलखते हुए सुना जा सकता है लेकिन जल्द ही वो खामोश हो जाता है।

‘भय और नफरत’
इससे पहले खय्याम और सिद्दका पाकिस्तान भाग गए थे लेकिन उन्हें झूठे वादे कर वापस बुला लिया गया था। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ली मुजाहिद ने जोड़े को मिली सजा का बचाव किया है।

मुजाहिद ने टेलीफोन पर बताया, 'जो भी इस्लाम को समझता है वो ये जानता है कि कि कुरान में संगसारी का प्रावधान है और यही इस्लामी कानून है। कुछ लोग इसे अमानवीय बताते हैं लेकिन ये कहना पैगम्बर का अपमान है। वो पश्चिमी सोच को इस देश में लाना चाहते हैं।'

नेटो के वरिष्ठ गैर-सैनिक प्रतिनिधि मार्क सेडविल के अनुसार इस्लामी न्याय के प्रति तालिबान का नजरिया ‘भयावह’ है। सेडविल कहते हैं कि अफगानिस्तान सरकार को देश में कानून व्यवस्था सुधारने की जरूरत है।

अफगानिस्तान स्वतंत्र मानवाधिकार आयोग के अहमद नादिर नादरी ने पूरा वीडियो देखा है। नादरी कहते हैं कि इस घटना से तालिबान के शासनकाल की यादें ताजा हो गई हैं।

नादरी ने कहा कि इसे देखने के बाद मुझे तालिबान के दिनों में काबुल और देश के अन्य हिस्सों के हालात ही याद नहीं आए बल्कि इससे एक डर का भी अहसास हुआ और तालिबान के प्रति और नफरत बढ़ गई। ये डर भी लगा कि अगर तालिबान वापस सत्ता में आया तो क्या होगा।

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