Wednesday, January 12, 2011

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने तुषार-पाला प्रभावित फसलों का जायजा लिया

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने तुषार-पाला प्रभावित फसंकट की घड़ी में सरकार किसानों के साथ, साहूकारों पर लगेगा अंकुश
Bhopal: Wednesday, January 12, 2011: Updated 19:11IST

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भोपाल और सीहोर जिलों के 6 गांवों के पाला, तुषार प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर क्षतिग्रस्त फसलों का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावित किसानों से रूबरू चर्चा की और उन्हें आश्वस्त किया कि संकट की घड़ी में सरकार पूरी तरह से उनके साथ है। उन्होंने अधिकारियों को क्षतिग्रस्त फसलों का आकलन उदारतापूर्वक करने के निर्देश दिये ताकि किसानों को अधिकतम सहायता मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की ऋण ग्रस्तता में निजी साहूकारों द्वारा शोषण का भी एक बड़ा पहलू है। गैर-लायसेंसी साहूकारों द्वारा की जा रही साहूकारी अवैध है और सरकार ऐसे कानूनी प्रबंध करेंगी कि ऐसे अनधिकृत साहूकारों के कर्ज लौटाने की जरुरत किसानों को न रहे। उन्होंने कहा कि यह भी व्यवस्था की जाएगी कि अनुज्ञप्त साहूकार और क्रेडिट पर कृषि आदान देने वाले डीलर उस दर से ज्यादा ब्याज न लें जिस पर सहकारी बैंक कृषि ऋण मुहैया कराता है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज भोपाल जिले की बैरसिया तहसील के गुनगा, दिल्लौद, मनीखेड़ी, ईझगिरी और सीहोर जिले के अहमदपुर व चरनाल ग्रामों के खेतों में जाकर पाला, तुषार से फसलों को हुए नुकसान का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अत्यधिक सर्दी के कारण पाला, तुषार पड़ने से हुई फसलों के नुकसान से उत्पन्न संकट की इस घड़ी में सरकार पूरी तरह किसानों के साथ है। इस संकट का सामना मिलजुलकर करेंगे। भीषण ठंड से चना, मसूर, गेहूँ, तूअर, सब्जी, फल आदि सभी प्रकार की फसलों को क्षति पहुंची है। फसलें ही नहीं नीम, बरगद, बेशरम जैसे पेड़ भी इस ठंड से मुरझा गए हैं। ऐसा तुषार मैंने अपनी जिंदगी में पहले कभी नहीं देखा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों के एक-एक खेत का सर्वे किया जायेगा। उन्होंने इस सम्बंध में सभा में मौजूद संभागायुक्त और कलेक्टर को निर्देशित किया कि किसानों के खेतों का सर्वे शीघ्रातिशीघ्र कराया जाये। नुकसान का आकलन उदारतापूर्वक करें। उन्होंने कहा कि जितनी जमीन पर नुकसान हुआ है उतनी का आकलन कर राहत देने की कार्रवाई की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राहत पुस्तक परिपत्र में संशोधन किए गए हैं और अब दो हेक्टेयर असिंचित जोत पर 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर साढ़े चार हजार रूपये प्रति हेक्टेयर और दो हेक्टेयर सिंचित भूमि पर 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर साढ़े आठ हजार रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से राहत दी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से भेंट कर प्रदेश में पाला, तुषार से हुए नुकसान से अवगत कराया है और केन्द्रीय सहायता की भी मांग की है। इस संबंध में प्रधानमंत्री ने प्रदेश में सर्वे टीम भेजने का आश्वासन दिया है। श्री चौहान ने कहा कि फसल बीमा योजना में तहसील इकाई होने से किसानों को इसका वास्तविक लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना में किसान को इकाई बनाने के लिये केन्द्र सरकार से आग्रह किया गया है।

भोपाल जिले के ग्रामों में भ्रमण के दौरान विधायक श्री ब्रम्हानंद रत्नाकर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मीना हिम्मत सिंह गोयल, संभागायुक्त श्री मनोज श्रीवास्तव, एम.डी. मंडी बोर्ड श्री अजातशत्रु, कलेक्टर श्री निकुंज कुमार श्रीवास्तव और अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी मुख्यमंत्री के साथ थे।

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