Monday, January 17, 2011
पंचायत ने मोबाइल फोन के बाद अब लड़कियों के जीन्स पहनने पर रोक लगा दी है।
मुजफ्फरनगर. उत्तर प्रदेश में खाप पंचायतों ने एक और तुगलकी फरमान सुनाया है। पंचायत ने मोबाइल फोन के बाद अब लड़कियों के जीन्स पहनने पर रोक लगा दी है। पंचायत ने फरमान लागू करवाने के लिए पांच सदस्यीय महिला टीम का भी गठन किया है।
जिले की शामली तहसील के गांव भैंसवाल में बत्तीसा खाप के चौधरी बाबा सूरजमल के आवास पर आयोजित एक पंचायत में लड़कियों के जींस और टॉप पहनने पर प्रतिबन्ध लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया।
यह घोषणा गांव के एक युगल के भागने की घटना के बाद की गई है। खाप पंचायत के मुताबिक युवा लड़कियों पर जींस पहनने का बुरा प्रभाव पड़ रहा है। पंचायत का कहना है कि ऐसे पोशाक से छेड़खानी की घटनाएं बढ़ रही हैं और लड़के-लड़कियां घर छोड़कर भाग जाते हैं। इसलिए आपत्तिजनक कपड़ों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
उल्लेखनीय है कि 14 नवंबर को सभी खाप पंचायतों ने श्योराम गांव में एकजुट होकर सगोत्र विवाह का विरोध किया था। इन पंचायतों ने हिंदू विवाह कानून में संशोधन की भी मांग की थी।
खाप पंचायतों ने इससे पहले सगोत्र विवाह करने वाले कई जोड़ों को मौत के घाट उतार दिया है। सरकार ऐसी खाप पंचायतों के ‘घातक’ फरमान से निपटने के लिए कानून बनाने की तैयारी में है।
खाप पंचायत के तुगलकी फरमान
हरियाणा में पिछले साल खाप पंचायतों ने कई दर्दनाक फैसले सुनाए जिसमें 42 प्रेमी ऑनर किलिंग की भेंट चढ़े। इस मुद्दे पर पूरे साल बहस चलती रही, लेकिन यह सिलसिला थमा नहीं। ऑनर किलिंग के ऐसे ही सबसे बड़े मामले मनोज-बबली हत्याकांड में हरियाणा में करनाल की कोर्ट ने पांच दोषियों को फांसी की सजा सुनाई। फैसला देने वाले जज को इस फैसले के लिए धमकी भी दी गई। इसके बाद कुरुक्षेत्र में एक महापंचायत हुई, जिसमें फांसी की सजा पाए दोषियों की सहायता के लिए चंदा इकट्ठा करने का फैसला किया गया। केंद्रीय कानून मंत्री वीरप्पा मोइली एवं हरियाणा सरकार ने खाप के फरमानों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए, परंतु इसका पालन नहीं हो पाया।
17-1-2011
कुछ और घटनाएं...
12 मई : गोत्र विवाद के चलते ग्रेटर नोएडा के चिटेहरा गांव में खाप पंचायत का फरमान मामला एक महीने तक चर्चा में बना रहा। आखिर पुलिस की मौजूदगी में शादी हुई।
5 जुलाई : प्रेम विवाह के एक मामले में ग्रेटर नोएडा के दौला गांव में पंचायत ने सुनाया था लड़की के बदले लड़की सौंपने का फरमान। शादी करने वाला जोड़ा अब भी गांव से बाहर है।
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