Monday, January 17, 2011

मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने न केवल शरण दी, बल्कि उन्हें आर्थिक मदद भी मुहैया कराई। हालांकि उन्होंने अपने इस गंभीर आरोप के समर्थ

Jan 17, 01: इंदौर। काग्रेस महासचिव दिग्विजयसिंह ने रविवार को आरोप लगाया कि वर्ष 2007 के समझौता एक्सप्रेस बम काड के दो वाछितों समेत तीन अतिवादियों को फरारी के दौरान मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने न केवल शरण दी, बल्कि उन्हें आर्थिक मदद भी मुहैया कराई। हालांकि उन्होंने अपने इस गंभीर आरोप के समर्थन में किसी भाजपा नेता के नाम का खुलासा नहीं किया।

यहा संवाददाताओं से चर्चा करते हुए दिग्विजय ने संघ के मृत प्रचारक सुनील जोशी, संदीप डागे और रामजी कलसांगरा का नाम लेते हुए कहा कि मेरा आरोप है कि जब ये लोग फरार थे, तब मध्यप्रदेश में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने इन्हें शरण दी और आर्थिक मदद भी मुहैया कराई। हम चाहते हैं कि उचित जांच के जरिये ये सारी बातें उजागर की जाएं।

समझौता एक्सप्रेस धमाके के वाछित आरोपियों में शामिल डागे और कलसांगरा की गिरफ्तारी पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 10-10 लाख रूपए का इनाम घोषित किया है। इस बारे में काग्रेस महासचिव ने दावा किया कि मध्यप्रदेश सरकार निश्चित तौर पर इन दोनों (डागे और कलसांगरा) को बचाती रही है। इंदौर में भाजपा के सारे बड़े नेताओं को जानकारी है कि दोनों कहां हैं।

सिंह ने आरोप लगाया कि संघ प्रचारक जोशी के हत्यारों को भी मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार संरक्षण देती रही है। गौरतलब है कि इस हत्याकाड को रहस्यमय परिस्थितियों में मध्यप्रदेश के देवास में दिसंबर 2007 में अंजाम दिया गया था। सुनील जोशी हत्याकाड की जांच किसी क्रेंदीय एजेंसी से कराए जाने की मांग पर कायम रहते हुए काग्रेस महासचिव ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो इस बात से परदा उठ जाएगा कि संघ प्रचारक की हत्या किन लोगों के आदेश पर की गई थी।

उन्होंने दावा किया कि जोशी अपनी हत्या से पहले सारे राज फाश करने की धमकी देकर कुछ नेताओं को ब्लैकमेल कर रहा था। दिग्विजय ने यह भी कहा कि अगर समझौता एक्सप्रेस बम धमाके के मामले की जांच में हरियाणा पुलिस को मध्यप्रदेश पुलिस की मदद मिल जाती तो इस मामले के आरोपी पहले ही पकड़े जाते।

बता दें कि समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में गिरफ्तार स्वामी असीमानंद ने एक मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए अपने इकबालिया बयान में इंदौर से ताल्लुक रहने वाले डागे और कलसांगरा का नाम लिया है। असीमानंद ने कहा था कि समझौता एक्सप्रेस विस्फोट समेत देश में कुछ बम काडों को अंजाम देने में इन दोनों की भी भूमिका थी। फरवरी 2007 के दौरान समझौता एक्सप्रेस में हुए विस्फोट में 68 लोगों की मौत हो गई थी।

No comments:

Post a Comment