Tuesday, January 11, 2011
संकल्प शक्ति बढ़ाने के प्रयोगJan
संकल्प शक्ति बढ़ाने के प्रयोग कल्प और समर्पण। अगर अर्थ की दृष्टि से देखा जाए, तो दोनों ही विरोधाभासी बातें हैं। या तो आप संकल्प कर सकते हैं, या फिर समर्पण। जैसे युद्ध में सामने वाले ने हथियार छोड़ दिए, तो समझो कि समर्पण हो गया। जब तक लड़ रहे थे, तो संकल्प से लड़ रहे थे। लेकिन जब संकल्प हारा, तो समर्पण किया। लेकिन अध्यात्म में संकल्प और समर्पण साथ-साथ चलते हैं। संकल्प करे और ईश्वर से कहें कि वह मेरे संकल्प को पूरा करे।
संकल्प की शक्ति का बीज सबमें होता है, लेकिन अगर आप बीज को मि˜ी में न डालो, उसको खाद, पानी न दो, तो वह फूटेगा ही नहीं। बड़े-बड़े संकल्प मत करो कि 'मोक्ष पाएंगे, ब्रšाज्ञान पाएंगे, समाधि पाएंगे'। छोटे-छोटे संकल्प लो। जैसे एक प्रेमी और प्रेमिका एक बगीचे में बैठे थे। प्रेमिका ने प्रेमी से कहा 'तुम मेरे लिए क्या कर सकते हो?' प्रेमी बोला, 'तुम्ही बताओ, चांद लाऊं, तारे लाऊं।' तो प्रेमिका बोली, 'इतनी बड़ी बात मत करो, तुम इतना ही बोल दो कि गोभी का फूल लाऊंगा, तू रोटी पकाएगी, मैं खाऊंगा। व्यावहारिक बात करो।'
छोटे-छोटे कदम उठाओ, तो हजारों मील की यात्रा पूरी हो जाती है। यह मत कहो कि हजारों मील चलना है, पर मुझ में शक्ति नहीं। घबराओ मत, हजारों मील नहीं, तो एक कदम तो चल सकते हो। एक-एक कदम ही चलो। संकल्प की शक्ति का विकास करने के लिए छोटे-छोटे प्रयोग करें, जैसे हम अन्न नहीं खाएंगे। 24 घंटे तो बहुत लंबा है, तुम छोटा समय लो। घड़ी देखो और संकल्प करो कि 'अगले आधे घंटे तक मैं मौन रहूंगा।' अगर आधा घंटा तुम मौन रह गए, तो समझ लो कि उतनी शक्ति संकल्प की बढ़ गई। फिर इसी तरह धीरे-धीरे बढ़ाते रहो। संकल्प की शक्ति को विकसित करने के लिए छोटे-छोटे उपाय करो। जैसे आप सुबह नहीं उठ पाते हैं, तब रात को सोने से पहले अलार्म भर दो, फिर प्रार्थना भी करो-'प्रभु! सुबह पांच बजे उठा देना।?घड़ी अलार्म बजाना भूल सकती है, पर तुम्हारे अंदर का अलार्म ठीक समय पर बज जाएगा। आप संकल्प-शक्ति का उपयोग सही तरीके से कर नहीं रहे हैं। तुम कहते हो कि सुबह उठूं और तुम्हारा 'मैं' कहता है कि 'आज सो जाता हूं, कल उठ जाऊंगा। संकल्प में दृढ़ता होनी चाहिए।
[आनंदमूर्ति गुरु मां]
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