Tuesday, January 11, 2011

जांच में वाजपेयी का मकान वैध पाया


Gawleyerजिला प्रशासन ने अब पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के पैतृक मकान को वैध बताया है। इस मकान की जांच के लिए राजस्व विभाग के अफसरों की टीम ने जाकर फिर से पुराने नक्शों व मकानों की जांच की और यह निष्कर्ष निकाला। केवल पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का नहीं, बल्कि महापौर के मकान को भी वैध बसाहट में माना गया है।

पिछले दिनों जब ग्वालियर के कलेक्टर ने पूरे शहर की कालोनियों की जांच की थी, उसमें करीब 225 कालोनियों को अवैध तरीके से बनाने का मामला सामने निकाला था। इन्हीं कालोनी में एक नाम था, कमल सिंह के बाग इलाके का, जहां पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का पुश्तैनी मकान बना हुआ है। पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के मकान को अवैध बताने के बाद शहर के कांग्रेसी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मकान तोड़ने की मांग करने लगे। जब इस मुद्दे पर राजनीति तेज होने लगी और बात मुख्यमंत्री तक पहुंची तो राज्य शासन की ओर से कलेक्टर को जांच करने के आदेश दिए गए। इस बीच, जिला प्रशासन और राजस्व विभाग को भी समझ में आने लगा कि सर्वे में कुछ गड़बड़ हो गई है। जिला प्रशासन ने फिर से सर्वे किया और एक निष्कर्ष निकाला कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का मकान कमल सिंह का बाग के सर्वे नंबर 483 में बना हुआ है और पुरानी नजूल आबादी है। इसलिए यह अवैध रूप से नहीं बना है, लेकिन इसी सर्वे नंबर की दो कालोनियां आधुनिक गृह निर्माण समिति और माधवराव फालके समिति अवैध हैं। पूरे मामले में कलेक्टर आकाश त्रिपाठी बताते हैं कि यह सर्वे पूरे शहर में किया गया था, लेकिन लोगों को आदेश समझने में गलत फहमी हो गई। चूंकि कमल सिंह के बाग का सर्वे नंबर एक ही है, जिसमें कई कालोनियां हैं, लेकिन जो पुरानी बसाहटें नजूल आबादी में बनी हुई हैं, वे किसी भी प्रकार से अवैध नहीं हैं। इसलिए उन्होंने फिर से नया आदेश निकालकर उसमें संशोधन जारी कर दिया है। इसी प्रकार जिला प्रशासन अब स्पष्टीकरण दे रहा है कि महापौर का मकान भी बहुत पुराना है और वह सर्वे नंबर 1370 के नजूल आबादी में बना है, लेकिन उसके आसपास की कालोनियां अवैध की श्रेणी में आती हैं। उधर, पूरे मामले में ग्वालियर के एसडीएम आदित्य सिंह तोमर का कहना है कि शहरी आबादी में जो कालोनियां अवैध घोषित की गयी हैं, उन्हें नियमित करना जरूरी है। यह कानूनी प्रक्रिया है, जिसके चलते लोगों को सुविधाएं भी ज्यादा मिलेंगी।

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